New

होम -> सियासत

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 11 मार्च, 2019 06:32 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
  • Total Shares

पाकिस्तान चाहें जितनी भी कोशिशें कर ले, लेकिन आतंकवाद से पीछा छुड़वाना उसके बस की बात नहीं लग रही है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान ने बहुत कोशिश कर ली कि दुनिया ये देखे कि भारत गलत है और पाकिस्तान में तो सिर्फ अमन और शांति के सफेद कबूतर ही उड़ा करते हैं, लेकिन गाहे-बगाहे दुनिया के सामने सच्चाई सामने आ रही है. पाकिस्तान में जहां इमरान खान अमन के मसीहा बनकर सामने आने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर वो अपने देश के नैशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) के तौर पर उस शख्स को नियुक्त करने के बारे में सोच रहे हैं जो असल में आतंकवाद को लेकर विवादों में घिरा रहा है. पाकिस्तानी अखबार Dawn की खबर के मुताबिक इमरान खान ब्रिगेडियर एजाज़ शाह को NSA नियुक्त करने के बारे में सोच रहे हैं.

पाकिस्तान में NSA की पोस्ट तब से खाली पड़ी है जब से इमरान खान की सरकार बनी है और अब इमरान खान की पार्टी ने इतना विवादित इंसान का नाम सामने रखा है जिसे ऑस्ट्रेलिया ने अपना हाई कमिशनर बनाने से भी मना कर दिया था. ब्रिगेडियर शाह (रिटायर्ड) फिलहाल पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी में सांसद हैं.

पाकिस्तान, NSA, इमरान खान, ब्रिगेडियर एजाज़ शाहएजाज़ शाह पाकिस्तान के सबसे विवादित सेना अधिकारियों में से एक हैं

एक PM की हत्या का कथित जिम्मेदार दूसरे PM के लिए NSA-

रिटायर्ड ब्रिगेडियर एजाज़ शाह असल में पाकिस्तान के अनेकों सबसे विवादित आर्मी अफसरों में से एक हैं. ये वही ब्रिगेडियर शाह हैं जिनके खिलाफ बेनजीर भुट्टो ने कहा था कि ये उनकी हत्या करवा सकते हैं और कुछ दिन बाद भुट्टो की हत्या हो भी गई थी. एजाज़ शाह की हिस्ट्री काफी रोचक रही है क्योंकि ये सेना में चर्चा के साथ-साथ ये आतंकवाद के लिए भी चर्चा में रहे हैं.

एजाज़ शाह मुशर्रफ के काफी करीब माने जाते रहे हैं. 2004 में परवेज मुशर्रफ ने इन्हें ऑस्ट्रेलिया का पाकिस्तानी हाई कमिश्नर नियुक्त करना चाहा था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय से ये मना हो गया और इसकी जगह इन्हें पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ब्यूरो का चीफ नियुक्त कर दिया गया.

2007 में कराची बम ब्लास्ट के बाद बेनजीर भुट्टो का कहना था कि मेरी हत्या की साजिश चल रही है और इसमें एजाज़ शाह का हाथ हो सकता है. इसमें उन्होंनो चार लोगों का नाम लिया था जिसमें पंजाब (पाकिस्तान) के मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही, सिंध के मुख्यमंत्री अरबाब गुलाम रहीम और ISI चीफ हामिद गुल भी शामिल थे.

वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या के आरोपी अहमद ओमार सईद शेख को भी शाह ने अपने यहां पनाह दी थी. इतना ही नहीं ब्रिगेडियर शाह ने तो ओसामा बिन लादेन को भी पनाह दी थी. ISI के पूर्व डायरेक्टर जनरल जियाउद्दीन भट्ट ने कहा था कि ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तानी ब्रिगेडियर एजाज़ शाह ने ही अबटाबाद (पाकिस्तान) के एक घर में रखा था. हालांकि, बाद में जनरल भट्ट ने अपना बयान वापस ले लिया था.

ये है ब्रिगेडियर एजाज़ शाह की असलियत और अगर इसे देखा जाए तो समझना मुश्किल नहीं होगा कि ब्रिगेडियर एजाज़ शाह को पाकिस्तान का NSA बनाने का फैसला कितना खतरनाक है.

पाकिस्तानी NSA आखिर करते क्या हैं?

NSA वही करता है जो देश की सुरक्षा के लिए जरूरी होता है. भारत के अजीत डोवाल भारत के NSA हैं और किसी भी देश में NSA का काम होता है कि उस देश की इंटेलिजेंस एजेंसी, विदेशी एजेंसी, सुरक्षा की नीतियों और आने वाले खतरों के बारे में पैनी नजर रखे और देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले. पाकिस्तान में ये काम करने वाले लोग अक्सर बाद में ही नियुक्त किए जाते हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ (PML-N) के समय भी NSA रहे हैं पाकिस्तान में. PPP ने 2008 में सत्ता में आने के बाद रिटायर्ड मेजर जनरल महमूद दुरानी को अपना NSA बनाया था, लेकिन उन्हें जल्द ही हटा दिया गया क्योंकि उन्होंने मान लिया था कि मुंबई बम धमाकों का हमलावर अजमल कसाब पाकिस्तानी नागरिक था.

अब कोई शरीफ इंसान अपने नागरिक के बारे में जानकारी दे दे तो वो आखिर पाकिस्तान का एनएसए कैसे हो सकता है. शायद यही कारण है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद एक ऐसे इंसान को पाकिस्तानी NSA बनाया जा रहा है जो खुद आतंकवादियों को पनाह देने के लिए बदनाम है.

ब्रिगेडियर शाह को तो इंटेलिजेंस ब्यूरो का इस्तेमाल राजनीति में करने का भी दोषी माना गया था. ये सब कुछ मुशर्रफ सरकार की भलाई के लिए किया गया था. यहां तक कि PPP के लीडर पालवाशा खान ने कहा था कि शाह के रिश्ते तो अल कायदा और तालिबान से भी थे और इसीलिए उन्हें मुशर्रफ सरकार में इतना रुतबा हासिल था.

नरेंद्र मोदी पर विवाद करने वाले पाकिस्तान को शायद अब नहीं दिख रहा है कि उनके देश में क्या हो रहा है.

इस वीडियो के आखिरी कुछ सेकंड्स में नरेंद्र मोदी को कसाई कहा गया था क्योंकि उनके साथ गुजरात दंगों का विवाद जुड़ा है, लेकिन अब अपने NSA के बारे में क्या कहेगा पाकिस्तान जो किसी भी हालत में पाक - साफ नहीं हैं. पाकिस्तान की नापाक हरकतें वैसे भी जगजाहिर रही हैं, लेकिन इस समय जब इमरान खान नया पाकिस्तान बनाने का दावा कर रहे हैं तो ऐसे में उनकी क्या मजबूरी रही है कि पाकिस्तान के NSA के लिए एक ऐसे आदमी के नाम का सुझाव दिया जा रहा है जो खुद ओसामा जैसे आतंकी के साथ जुड़ा था.

ये भी पढ़ें-

खेल के मैदान में भारतीय सेना का सम्मान पाकिस्तान का अपमान कैसे हो गया?

पुलवामा हमले के कितने गुनाहगार खत्म, कितने बाकी?

लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय