भुखमरी की कगार पर बैठे पाकिस्तान को आखिरकार याद आ ही गया हिंदुस्तान!
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने दावा किया है कि रिश्ते सुधारने और गतिरोध खत्म करने के लिए पाकिस्तान भारत के साथ पिछले दरवाजे से बातचीत शुरू कर चुका है. इसके साथ ही यह भी दावा किया गया है कि, बातचीत की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के हवाले से किया है.
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पड़ोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक हालत इन दिनों बेहद खराब है. हालत यह है कि वहां लोगों को खाने का आटा तक नहीं मिल पा रहा है. वह अन्य देशों की मदद से इस बुरे दौर से निकलने की कोशिश कर रहा है. खासकर सऊदी अरब और चीन से वह काफी मदद ले रहा है. इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का भारत को लेकर बड़ा बयान आया है. उन्होंने अल अरबिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि हम शांति से जीना चाहते हैं. पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संग 3 जंग के बाद पाक सबक सीख चुका है.शहबाज शरीफ ने भारत के साथ 3 युद्ध को लेकर खुलकर बात की. इस दौरान भारत को लेकर उनके सुर थोड़े बदले-बदले नजर आए. शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ अब तक तीन युद्ध लड़े हैं और पाकिस्तान अपना सबक सीख चुका है. हम पड़ोसी मुल्क हैं, हमें एक-दूसरे के साथ ही रहना है. यह दोनों पर निर्भर करता है कि हम शांति कायम करें और तरक्की करें. भारत के साथ युद्ध के बाद गरीबी और बेरोजगारी ही आई है. हम अपनी समस्याओं को सुलझाना चाहते हैं.
मुश्किल वक़्त में पाकिस्तान भारत से अपने संबंध सुधारना चाहता है और ये यूं ही नहीं है
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अल अरबिया को दिए इंटरव्यू में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हर समस्या से बातचीत के लिए तैयार होने की बात भी कही है. शाहबाज शरीफ ने कहा भारतीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि हमें बातचीत की मेज पर बैठकर हर मुद्दे को हल करने की कोशिश करनी चाहिए.
शहबाज शरीफ ने कहा, 'हम हमारी प्रॉब्लम सॉल्व करने को तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरा संदेश है कि चलिए बैठते हैं और बात करते हैं. पाकिस्तान नहीं चाहता कि हम हमारे संसाधनों को बम और बारूद बनाने में खर्च करें.' शरीफ ने परमाणु शक्ति होने का हवाला देते हुए युद्ध को किसी के लिए भी ठीक नहीं होने की बात कही.
उन्होंने कहा, 'हम परमाणु शक्तियां हैं, हथियारों से लैस हैं और अगर भगवान न करे कि युद्ध छिड़ जाए तो जो हुआ उसे बताने के लिए कौन जीवित रहेगा. मैंने प्रेसिडेंट मोहम्मद बिन जायद से कहा है कि आप भारत और पाकिस्तान के बीच अहम रोल अदा कर सकते हैं.'
ज्ञात हो कि पाकिस्तान तीन बार भारत से सीधा युद्ध लड़ चुका है और तीनों बार उसे मुंह की खानी पड़ी है. भारत और पाकिस्तान के बीच पहली जंग 1965 में हुई थी. उस समय भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे और पाकिस्तान में जनरल याह्या खान के नेतृत्व में सैन्य शासन था. भारतीय सेना पाकिस्तान पर कहर बनकर टूटी थी. ताशकंद समझौते के बाद ये युद्ध खत्म हुआ था.
भारत-पाकिस्तान के बीच दूसरी जंग 1971 में हुई थी. इस जंग में पाकिस्तान को ऐसी शर्मनाक हार मिली थी जिससे वह आज तक नहीं उबर पाया है. 71 की जंग में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे और बांग्लादेश बना था. इस जंग में भारत ने अमेरिका जैसी महाशक्ति के दबाव को ठुकरा दिया था. जंग में पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था.
इसके बाद भारतीय सैन्य रणनीति की पूरी दुनिया में तारीफ हुई.तीसरा युद्ध पाकिस्तान ने 1999 में कारगिल में छेड़ा था. इस दौरान पाकिस्तानी सैनिक सर्दियों के मौसम में चुपके से आकर चोटियों पर बैठ गए थे. बाद में भारत ने बड़ा अभियान चलाकर सभी चौकियों पर कब्जा करते हुए पाकिस्तान को एक बार फिर आइना दिखाया था.
पहले तो पाकिस्तान इस युद्ध में अपने सैनिकों के होने से भी इनकार करता रहा था लेकिन बाद में उसके नेतृत्व ने माना कि यह उस समय के जनरल परवेज मुशर्रफ के दिमाग की उपज थी. मुशर्रफ को उम्मीद थी कि पाकिस्तानी सेना भारत से ये इलाका छीन लेगी लेकिन भारत के वीर जवानों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया.
इसके आलावा हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान के आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर दिया . भारत ने पिछले साल लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के नेता को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग की थी, लेकिन चीन ने बीच में अडंगा लगा दिया था.
जून 2022 में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति, जिसे यूएनएससी 1267 समिति के रूप में भी जाना जाता है. इसके तहत तहत पाक आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को लिस्टेड करने के प्रस्ताव को चीन के रोके जाने की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आलोचना की थी."
16 जनवरी 2023 को, सुरक्षा परिषद समिति ने आईएसआईएल (दा'एश), अल-कायदा, और संबंधित व्यक्तियों, ग्रुप, उपक्रमों और संस्थाओं से संबंधित संकल्प 1267 (1999), 1989 (2011) और 2253 (2015) को फॉलो करते हुए इसे मंजूरी दे दी. संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2610 (2021) के पैरा 1 में निर्धारित और अपनाई गई प्रॉपर्टी फ्रीज, यात्रा बैन और हथियार बैन के अधीन इसके (दा'एश) और अल-कायदा की लिस्ट के अलावा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अध्याय VII के तहत बैन किया गया है.
आपको बता दें कि भारत और अमेरिका पहले ही अब्दुल रहमान मक्की को अपने देश में कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित कर चुके हैं. मक्की भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, जिसमें आतंकी हमलों के लिए धन जुटाने, भर्ती करने और युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने में शामिल रहा है.
अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई है.दरअसल, 16 जून 2022 को चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में बाधित कर दिया था.
अमेरिका और भारत ने सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था.16 जून को चीन के अलावा सभी सदस्यों ने मक्की का नाम आतंकी पेरिस में जोड़े जाने का समर्थन किया था.
यदि पाकिस्तान के साथ पुराने रिश्तों को देखे तो जब भारत से पाकिस्तान अलग मुल्क बना तो किसी को पता नहीं था कि, ये पाकिस्तान एक दिन भारत के ही खिलाफ चला जाएगा. भारत को नीचा दिखाने के लिए पाकिस्तान कोई भी मौका नहीं छोड़ता लेकिन, इसके बाद भी इनकी हार ही होती है. भारत में आतंक फैलाने में भी पाकिस्तान का ही हाथ रहा है.
खास कर जम्मू-कश्मीर में पहले जो हालात थे उसमें पूरी तरह से पाकिस्तान लिप्त था. भारत ने कई मौकों पर पाकिस्तान के साथ रिश्ते सही करने की कोशिश की. भारत के प्रधानमंत्री रहते हुए माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कई बार पाकिस्तान के साथ रिश्तें सुधारने की कोशिश की लेकिन, हर बार पाकिस्तान के धोखा दिया.
वहीं, जब नरेंद्र मोदी की केंद्र में सरकार आई तो वो भी पाकिस्तान के साथ रिश्तों को नए मोड़ पर लाने की कोशिश की लेकिन, बदले में उरी अटैक और पुलवामा मिला. इसके बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक कर मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि, अब तुम्हें तुम्हारे ही भाषा में समझाएंगे. सूत्रों के अनुसार अब पाकिस्तान की नई सरकार भारत संग रिश्ते मजबुत करने पर लगी हुई है.
हाल के दिनों में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टों ने एक बयान देते हुए कहा था कि, आने वाले दिनों में भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्तें मजबूत होंगे. बिलावल भुट्टों जुल्फिकार अली भुट्टो के नाती और दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के पुत्र हैं.
याद रहे कि जुल्फिकार अली भुट्टो का एक बयान बहुत ही मशहूर हुआ था, जब उन्होंने कहा था कि भारत आज अपनी सैन्य सफलता के नशे में है, लेकिन हम उससे एक हजार साल तक जंग लड़ेंगे. उसे उसकी औकात दिखाएंगे.'अब एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा जा रहा है कि, दरवाजे के पीछे से पाकिस्तान, इंडिया संग बात शुरू कर रहा है.
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने दावा किया है कि रिश्ते सुधारने और गतिरोध खत्म करने के लिए पाकिस्तान भारत के साथ पिछले दरवाजे से बातचीत शुरू कर चुका है. इसके साथ ही यह भी दावा किया गया है कि, बातचीत की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के हवाले से किया है.
2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर की वार्ता प्रक्रिया बिल्कुल ही बंद पड़ी है. उसके बाद से कूटनीति संबंध लगातार नीचे जा रहे हैं और द्विपक्षीय व्यापार बंद है.अखबार का कहना है कि, तनाव के बावजूद दोनों देशों में बातचीत शुरू हुई है लेकिन, यह गोपनीय रूप से ही है.
कहना गलत न होगा कि अपनी ही गलतियों की सजा पा रहा पाकिस्तान अब बद से बदतर स्थिति में पहुंच गया है. वहां लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए है. खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. हालात ये है कि लोग खाने के लिए लड़ रहे हैं. भगदड़ में लोगों की मौतें हो रही है. पाकिस्तान में आटे की कीमत 200 रुपये तक पहुंच गई है.
वहीं प्याज 200, टमाटर 150 रुपये पर पहुंच गया है. इकोनॉमी को बचाने के लिए बाजार को 8 बजे बंद करने का आदेश दिया गया है. रात 8 बजे के बाद बिजली कट कर दी जाती है. लोगों को कम चाय पीने की सलाह दी जा रही है. पुराने पंखे ओर बल्ब के निर्माण पर रोक लगा दी गई है. अपने जुगाड़ से पाकिस्तान पैसे बचाना चाह रहा है.
परन्तु ऊर्जा की कमी (आपूर्तिकर्ता के बंद होने या प्राकृतिक, आकस्मिक, या पाइपलाइनों और ऊर्जा ग्रिड को जानबूझकर नुकसान के कारण) मौसमी आपदा के साथ संयुक्त होने पर व्यापक ब्लैकआउट और घातक परिणाम हो सकते हैं. डब्ल्यूईएफ के पार्टनर्स इंस्टीट्यूट फॉर न्यू इकोनॉमी एंड सोसाइटीज प्लेटफॉर्म के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिशाल पाकिस्तान, आमिर जहांगीर ने कहा, ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2023 कहती है कि पाकिस्तान के लिए, बुनियादी जरूरतों की सामर्थ और उपलब्धता दोनों ही सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ा सकते हैं.
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