नौसिखिए आतंकी की करतूत ने खड़े किए कई सवाल?
उधमपुर में पाकिस्तानी आतंकी पकड़े जाने की कार्रवाई के दौरान कुछ बातें ऐसी हुई हैं, जिन्हें लेकर हमें अपने भीतर झांकने की जरूरत है.
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उधमपुर की घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं. दो जवान शहीद नहीं होते तो शायद कुछ लोग इस पर और बकवास कर रहे होते. लेकिन मैं कुछ मुद्दों पर बात करना चाहता हूं-
1) क्या पाकिस्तानी आतंकवादियों का एक ही टेस्ट-ट्यूब में क्लोनिंग किया गया है हैं? जो आतंकी पकड़ा गया है उसका चेहरा कसाब से कितना मिलता है. या फिर यह केवल एक सनकी और ब्रैनवॉश किए जा चुके आतंकवादी का चेहरा है.
2) नावेद, उस्मान, नोमान, कासिम. चार न्यूज चैनल और चार अलग-अलग नाम. एक आतंकी जो लग रहा था कि जैसे ISI ने उसे सीधे बाल-सुधार गृह से उठाया था!
3) किसी आतंकी के पकड़े जाने पर कौन सा गंभीर देश इस तरह का लाइव 'तमाशा' बनाता है, जिसमें वह तरह-तरह की बातें 'कबूल' रहा है? पूरी दुनिया हमारी इस तमाशेबाजी पर हंस रही होगी.
4) यदि ISI ने उसे ट्रेनिंग दी है, तो निश्चि त ही उसके टीचर आज उस पर गर्व कर रहे होंगे. वह पुलिस के पूछने से पहले ही तरह-तरह की स्टोरी बता रहा था. हम इस आतंकी के मुंह से चार अलग-अलग नाम से चार स्टोरी सुन चुके हैं, लेकिन उस दौरान क्या किसी ने उन दो शहीद जवानों के नाम का जिक्र किया जिसे आतंकी ने मारा?
5) जम्मू कश्मीर की पुलिस के ज्यादा दयनीय वे रिटायर पाकिस्तानी जनरल नजर आ रहे हैं, जो कुछ पैसे लेकर टीवी चैनलों पर आ जाते हैं और चिल्लाने लगते हैं.
6) और आखिर में, सबसे महत्वपूर्ण और गंभीर सवाल : यदि इस जैसा नौसिखिया दुनिया की सबसे ज्यादा चौकसी वाली बॉर्डर को राइफल और असले के साथ पार करने में सक्षम है और पंद्रह दिनों तक कश्मीर के सबसे सुरक्षित जोन में आराम से घूमता-फिरता है और फिर जम्मू क्षेत्र के भीतरी इलाके में मौजूद हाईवे तक पहुंच जाता है, तो यह सोचने वाली बात है.
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