अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी ने तो अपना रिपोर्ट कार्ड ही दे डाला
विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव से जो भी उम्मीद रही हो, नतीजा तो सबको मालूम ही था. वैसे अविश्वास प्रस्ताव की सुबह राहुल गांधी के नाम रहा तो शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नाम कर डाली.
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अविश्वास प्रस्ताव पर बहस लंबी खिंची - और राहुल के भाषण और नाटकीय हरकत के बाद हर किसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का इंतजार रहा. आखिरकार रात नौ बजे के बाद प्रधानमंत्री मोदी अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने खड़े हुए. जब एक बार खड़े हुए तो राहुल गांधी की हर बात का एक एक कर जवाब दिया.
अविश्वास प्रस्ताव के बहाने प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां और कांग्रेस के कारनामे भी एक एक कर गिना डाले. मोदी ने पहले तो अविश्वास प्रस्ताव के औचित्य पर ही सवाल उठाये और फिर 2019 में अपनी जीत का भी दावा ठोक दिया. आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग को लेकर ये अविश्वास प्रस्ताव टीडीपी ने लाया था.
ये सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं
अविश्वास प्रस्ताव पर चुटकी लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनाया - 'न मांझी न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है.' मोदी ने पूछा कि अविश्वास प्रस्ताव लाये तो टालने की कोशिश क्यों होने लगी? 48 घंटे तक बहस कराने की बात क्यों होने लगी? क्या तैयारी पूरी नहीं थी?
अविशवास प्रस्ताव लाये थे, रिपोर्ट कार्ड लो...
विपक्ष खासकर गठबंधन पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा - 'ये सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है. विपक्ष का फोर्स्ड टेस्ट है.'
राहुल गांधी को टारगेट करते हुए, मोदी बोले, 'आज कल शिव भक्ति की बातें हो रही हैं... आप को इतनी शक्ति दें कि 2024 में फिर से आप अविश्वास प्रस्ताव लाएं. मेरी आपको शुभकामनाएं हैं."
ये आंखों का खेल देश देख रहा है
राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री के निशाने पर रहे लेकिन मोदी ने हर बार सिर्फ नामदार कह कर संबोधित किया. मोदी ने राहुल गांधी द्वारा गले मिलने से लेकर आंख मारने तक की बातों का बारी बारी जिक्र किया और अपने तरीके से जवाब दिया, 'आज सुबह हड़बड़ी में कोई कह रहा था कि उठो-उठो.'
'हम खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री 15 मिनट भी खड़े नहीं हो पाएंगे, राहुल गांधी की बात का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'न मुझे कोई उठा सकता है न ही कोई गिरा सकता है.'
मोदी की सलाह - 2024 में भी अविश्वास प्रस्ताव लायें...
मोदी ने दोहराया, "मैं खड़ा हूं और चार साल से जो काम किया है उस पर अड़ा भी हूं."
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री के मुस्कुराने पर कहा था कि वो उनसे आंखों में आंखें डाल बात नहीं कर सकते. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को गरीब और पिछड़ी जाति का बताते हुए कहा कि भला कामदार होकर वो किसी नामदार की आंखों में आंखें डाल कैसे बात कर सकते हैं.
मोदी ने कहा कि जिसने भी आंख में आंख डालने की कोशिश की उनके साथ क्या किया गया सबने देखा - इस क्रम में मोदी ने सरदार पटेल से लेकर प्रणब मुखर्जी तक के नाम गिना डाले.
राहुल गांधी के मोदी से गले मिलने के बाद आंख मारना टीवी पर दिन भर छाया रहा. मोदी ने इस बात पर कहा, "आंखों की बात करने वालों की आंखों की हरकतों ने... आज पूरा देश देख रहा है... कैसे आंख खोली जा रही है कैसे बंद की जा रही है... ये आंखों का खेल... आज आंख में आंख डाल कर सत्य को कुचला गया है.ठ
राहुल द्वारा मोदी को चौकीदार नहीं बल्कि भागीदार बनाये जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, "हम चौकीदार भी हैं और भागीदार भी हैं... मगर, हम न हम सौदागर हैं न ठेकेदार है - हम सपनों के भागीदार हैं."
जुमला स्ट्राइक बंद करो
प्रधानमंत्री ने सबसे सख्त लहजे में ऐतराज जताया राहुल गांधी के 'जुमला स्ट्राइक' वाली बात पर. मोदी ने आर्मी चीफ का सम्मान न करने के लिए कांग्रेस को कठघर में खड़ा तो किया ही, बोल, "सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहना बंद करिये."
प्रधानमंत्री ने कहा कांग्रेस को खुद पर ही विश्वास नहीं है इसलिए वो स्वच्छ भारत, योग दिवस, रिजर्व बैंक, चीफ जस्टिस, चुनाव आयोग या फिर ईवीएम किसी पर भी विश्वास नहीं करती.
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