विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के बहाने पीएम मोदी के निशाने पर क्या-क्या है?
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद अब भविष्य में 14 अगस्त विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा. पीएम मोदी ने इस मौके पर भारत के लिए जान गंवाने वाले शूरवीरों को तो याद किया ही है किया ही है. साथ ही ट्वीट कर एक नयी बहस को पंख दे दिए हैं.
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14 अगस्त, एक ऐसा दिन जब पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी आजादी का जश्न मनाता है. अभी दुनिया ढंग से पाकिस्तान और वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान को यौम-ए-आजादी की मुबारकबाद भी नहीं दे पाई थी. ऐसे में जो भारत ने किया है पाकिस्तान उसे शायद ही कभी भुला पाए. भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 14 अगस्त पर भारत पाकिस्तान के बंटवारे को याद करना और इस दिन को नफ़रत और हिंसा का परिचालक बताना पाकिस्तान का मजा किरकिरा करने के लिए काफी है. ध्यान रहे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद अब भविष्य में 14 अगस्त विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा. पीएम मोदी ने इस मौके पर भारत के लिए जान गंवाने वाले शूरवीरों को तो याद किया ही है साथ ही ट्वीट कर एक नयी बहस को पंख दे दिए हैं.
विभाजन विभीषिका दिवस की आड़ में पीएम मोदी ने पाकिस्तान को कई मोर्चों पर साफ़ संदेश दे दिया है
पीएम ने ट्वीट करते हुए कहा है कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी.
देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2021
वहीं पीएम मोदी द्वारा एक ट्वीट और किया गया है और विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को विस्तार देते हुए कहा है कि यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी.
#PartitionHorrorsRemembranceDay का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2021
पाकिस्तानी स्वतंत्रता दिवस को भारत द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कहने के मद्देनजर पाकिस्तान और वहां के हुक्मरान लाख छाती पीटे लेकिन ये सब यूं ही नहीं हुआ है. तो आइए जानें आखिर कैसे विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की आड़ लेकर पीएम मोदी ने एक ही तीर से कई निशाने साधे हैं.
संघ का वो विचार जिसे विभाजन विभीषिका दिवस तरजीह देता है.
जैसा कि हम बता चुके हैं ये सब यूं ही रैंडम नहीं हुआ है. इसके पीछे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का वो विचार है जो इस बात को प्रमुखता से बल देता है कि 14 अगस्त वो दिन है जो भारत के इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज है. ध्यान रहे कि बंटवारे के वक़्त जो खूनी खेल खेला गया उसकी एक भारी कीमत एक देश के रूप में भारत ने चुकाई है.
Official notification of Govt declaring 14th August as Partition Horrors Remembrance Day Govt says this will remind the present and future generations of Indians of the pain and suffering faced by the people of India during the partition pic.twitter.com/O70gQCjoZp
— Aman Sharma (@AmanKayamHai_) August 14, 2021
बताते चलें कि 14 अगस्त वो दिन है जब एक अखंड देश के रूप में भारत को दो हिस्सों जिसमें से एक हिस्सा भारत बना और दूसरा पाकिस्तान कहलाया में बांट दिया गया. चाहे अपना घर बार छोड़कर हिंदुस्तान से पाकिस्तान गए लोग हों या फिर पाकिस्तान की धरती से हिंदुस्तान आने वाले लोग दोनों ही पक्षों को तमाम दुखों और गहरे आघातों का सामना करना पड़ा. बंटवारे के दौरान दोनों तरफ भड़के दंगे और हिंसा में लाखों लोगों की जान चली गईं.
1947 से जुड़ी कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी हैं जिनका दावा है कि इस हिंसा ने तकरीबन 20 लाख लोगों को प्रभावित किया. कुल मिलाकर 14 अगस्त एक ऐसा दिन है जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी पसंद नहीं किया और हमेशा ही इस विचार पर बल दिया कि बंटवारे ने सीधे सीधे भारत की अखंडता और एकता को प्रभावित किया है.
भारत पाकिस्तान के बहाने हिंदू मुस्लिम का विभाजन जो वोट बैंक को करेगा मजबूत
ध्यान रहे आने वाले वक्त में देश के कुछ राज्यों में चुनाव होने हैं. साफ है कि प्रधानमंत्री की ये बात केवल पाकिस्तान को ही नहीं प्रभावित करेगी इसका सीधा असर भारत में भी देखने को मिलेगा. जैसी राजनीति भारत में है और जिस तरह यहां हिंदू मुस्लिम का मुद्दा सभी मुद्दों पर भारी पड़ता है साफ है कि पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस को भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा विभाजन विभीषिका दिवस कहना भारत में बैठे कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों के पेट में मरोड़ पैदा करेगा.
In a TV debate on Aajtak, Munnawar Rana once said- "Aap itihaas ka wohi panna ultate hain jahan nafrat hoti hai."His words come back to mind as the PM calls for a celebration of "Partition Horrors Remembrance Day."
— Saniya Sayed (@Ssaniya_) August 14, 2021
ऐसे में इन इस्लामिक कट्टरपंथियों का पीएम मोदी के खिलाफ लामबंद होना स्वाभाविक है. खुद सोचिये यदि ऐसी स्थिति बनती है तो क्या हिंदू वोटबैंक देश और पीएम मोदी के लिए संगठित नहीं होगा? इस सवाल सीधा और स्पष्ट जवाब क्या है सारा देश जानता है.
एक देश के रूप में पाकिस्तान और वहां के स्वतंत्रता दिवस को डिस क्रेडिट करना.
जैसा कि हमने शुरुआत में बताया था 14 अगस्त पाकिस्तान के इतिहास में एक मुबारक दिन के रूप में दर्ज है. ये एक ऐसी तारीख है जब पूरे पाकिस्तान में जश्न का माहौल होता है. लोग एक दूसरे को इसकी बधाई देते हैं.
ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा बंटवारे और इस दौरान हुई हिंसा की बातें करना साफ तौर पर इस बात की तरफ इशारा कर देता है कि, खूनी खेल पर पाकिस्तान भले ही जश्न मना ले. लेकिन भारत के पास ऐसी कोई माकूल वजह नहीं है जिसकी आड़ में भारत जश्न मनाए.
साफ है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस को डिस क्रेडिट कर एक बड़ा संदेश न केवल पाकिस्तान बल्कि दुनिया को दिया है.
इमरान खान को टेंशन देना
ट्वीट में जैसा लहजा भारतीय प्रधानमंत्री का विभाजन को लेकर था. साफ है कि उन्होंने 47 में हुई हिंसा का जिम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया है. वो पाकिस्तान जिसके प्रधानमंत्री इस दिन की शान में कसीदे पढ़ने से नहीं थक रहे और हर दूसरे दिन कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताते हैं उन्हें नरेंद्र मोदी ने अवश्य ही बड़ी मुसीबत में डाल दिया है.अब सवाल ये है कि विभाजन विभीषिका दिवस के नाम पर जो बातें नरेंद्र मोदी ने की हैं उसका जवाब इमरान खान क्या देंगे?
Partition Horrors Remembrance Day! A decision which destroyed millions life. #PartitionHorrorsRemembranceDay pic.twitter.com/tWSZlN1yMD
— Manish sharma (@ManishIsReal) August 14, 2021
बहरहाल अब जबकि 14 अगस्त जिसे दुनिया पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के रूप में देखती थी उसे भारत के प्रधानमंत्री द्वारा विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में घोषित कर देना उस मुहावरे को चरितार्थ कर देता है जिसमें कहा गया है कि सौ सुनार की तो एक लुहार की. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं इसके पीछे आतंकवाद, सीमा पार घुसपैठ, कश्मीर, जिहाद के रूप में हमारे पास तमाम वजहें हैं.
जाते जाते हम फिर इस बात को दोहराएंगे कि 14 अगस्त जैसे ऐतिहासिक दिन पर जिस तरह भारत ने चोट की है वो पाकिस्तान, वहां के हुक्मरानों और खुद प्रधानमंत्री इमरान खान को दशकों तक याद रहेगी. इस मुहीम के बाद एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दे दिया है.
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