रेन कोट पर तेरा कोट, मेरा कोट
होना तो यह चाहिए था कि प्रधानमंत्री देश को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान किए गए घोटालों को सामने लाते और उन्हें दोषी के कठघरे में खड़ा करते, फिर इस भाषणबाजी की जररूरत नहीं पड़ती.
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राज्य सभा में प्रधानमंत्री जी का भाषण सुना. भाषण शब्द का इस्तेमाल इसलिए कि यह संसदीय मर्यादा के बिलकुल खिलाफ था. यह भाषण संसदीय भाषण न होकर चुनावी भाषण था. प्रधानमंत्री ने कहा 'बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाना मनमोहन सिंह से सीखें. 30-35 सालों से आर्थिक फैसलों में मनमोहन सिंह की भूमिका रही. इतने घोटाले सामने आए लेकिन मनमोहन सिंह पर दाग नहीं लगा.'
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद जैसी कोई भाषा शैली इसमें देखने को नहीं मिली. सिवाय मनमोहन सिंह को घोटालेबाज ठहराने के. वक्तव्य के बाद संसद में जनता की गाढ़ी कमाई को पलीता लगना तय है. कितना लगेगा यह तय नहीं है.
एक प्रधानमंत्री का पूर्व प्रधानमंत्री पर इस तरह का इल्जाम शोभनीय नहीं लगा. होना तो यह चाहिए था कि प्रधानमंत्री देश को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान किए गए घोटालों को सामने लाते और उन्हें दोषी के कठघरे में खड़ा करते, फिर इस भाषणबाजी की जरूरत नहीं पड़ती. मनमोहन सिंह ने भी मौन मोहन का अपना रुतबा जारी रखा, कह तो बहुत सकते थे परंतु उनकी अपनी एक मर्यादा है. मनमोहन मर्यादा को लांघने वाले व्यक्ति नहीं है.
खैर समय चुनावों का है तो भाषा तो बदलेगी ही. लेकिन दुर्भाग्यवश यह नहीं हुआ सरकार ने पिछले बत्तीस माह में कोई ऐसा काम नहीं किया है जिससे यह साबित होता हो कि मनमोहन सिंह ने घोटालों का काला कोट पहना था. जबकि वह कोट बाहर आ जाना चाहिए था.
कांग्रेस को भड़कने का मौका मिल गया, और वह भड़क भी रही है. इसके अलावा वह कर भी क्या सकती है. शायद कांग्रेस यह भूल गई कि माननीय सोनिया गांधी ने तो वर्तमान प्रधानमंत्री को मौत का सौदागर तक कह दिया था.
कोट की बात चली है तो प्रधानमंत्री के उस कोट की भी चार्च कर ही लेते हैं जो 4 करोड़ 31 लाख में नीलाम हुआ. उनका सूट दुनिया का सबसे महंगा सूट था. अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सूट उनसे मुलाकात के समय पहना था. इस सूट की कीमत 10 लाख रुपये बताई गई. सूट को लेकर तब भी विपक्ष ने खूब तमाशा मचाया था.
लगातार कोट पहनने वाले ओवैसी कहां पीछे रहते, सो कूद गए मैदान में. उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा यदि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बाथरूम में रेनकोट पहन रहे थे तो मैं प्रधानमंत्री और तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि आप ने तब क्या पहन रखा था जब अहसान जाफरी और अन्य लोगों का क़त्ल किया गया.
If ex PM MMS was wearing raincoat in Bathroom may I ask PM Modi wht where you wearing CM Gujarat when Ehsan Jafri & others where butchered
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 9, 2017
कांग्रेस नेता दिग्गी भी कहां पीछे रहने वाले थे लगा दी ट्वीट्स की झड़ी
मोदी जी किस प्रकार का संसदीय व्यवहार और संसदीय भाषा का उपयोग करना चाहिये और किसी से नहीं तो अटल जी अडवाणी जी मुरली मनोहर जोशी से तो सीख लें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 9, 2017
जिस भाषा का उपयोग आपने डॉ मनमोहन सिंह जी पर किया है उससे प्रधान मंत्री पद की गरिमा घटी है थोड़ा तो अपने पद का ख़्याल रखें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 9, 2017
अटल जी के उनके प्रमं कार्यकाल के संसद में दिये गये भाषणों का ही अध्ययन कर लें
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 9, 2017
और अटल जी अडवाणी जी मुरली मनोहर जोशी जी के विपक्ष के प्रति सम्मान जनक व्यवहार का अध्ययन कर लें तो आपकी ही प्रतिष्ठा बड़ेगी।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 9, 2017
लेकिन आप नहीं करेंगे क्योंकि आप अहंकार में डूबे हुए हैं। यदि आप राम भक्त हैं तो अहंकारी रावण के चरित्र और व्यवहार से तो शिक्षा लें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 9, 2017
इस बाथरूम वाले काले कोट की लड़ाई में सभी नेता भूल गए हैं कि अरे भाई कोट तो काले ही होते हैं चाहे वह मनमोहन का हो या मोदी का या फिर अम्बानी या अडानी का या फिर न्याय के दरबार का.
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