पीएम मोदी के भाषण से 'सुनो केजरीवाल-सुनो योगी' की ट्विटर जंग छिड़नी ही थी
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कोरोना महामारी का जिक्र कर दिल्ली सरकार को घेरा. तो, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इसे 'सरासर झूठ' करार दिया. वहीं, उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में बढ़त पाने के लिए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने केजरीवाल को लपेटे में ले लिया.
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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लोकसभा में कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए विपक्ष की भूमिका पर सवाल खड़े किए. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार पर कोरोना महामारी के दौरान लोगों को उकसा कर पलायन के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया. जिसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की बात को 'सरासर झूठ' की कैटेगरी में डाल दिया. वहीं, अरविंद केजरीवाल के इस बयान ने उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को भड़का दिया. और, इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ गई. योगी आदित्यनाथ ने 'सुनो केजरीवाल' कहते हुए दिल्ली के मुखिया को लपेटा, तो जवाब में अरविंद केजरीवाल ने भी अपने अंदाज में 'सुनो योगी' कहकर माहौल बनाने की कोशिश की. वैसे, यूपी चुनाव 2022 में कोरोना महामारी को उत्तर प्रदेश का विपक्ष भी एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में लगा हुआ है, तो कहना गलत नहीं होगा कि पीएम मोदी के भाषण से 'सुनो केजरीवाल-सुनो योगी' की ट्विटर जंग छिड़नी ही थी.
कोरोना महामारी से उपजे भयावह हालातों की जिम्मेदारी कौन राजनेता लेना चाहेगा?
दरअसल, लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान दिल्ली सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि 'उस समय दिल्ली में ऐसी सरकार थी, जो है, उस सरकार ने तो जीप पर माइक बांध करके दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी में गाड़ी घुमाकर लोगों से कहा कि संकट बड़ा है, भागो, गांव जाओ, घर जाओ और दिल्ली से जाने के लिए बसें दी. आधे रास्ते छोड़ दिया और श्रमिकों के लिए मुसीबतें पैदा की और उसका कारण यह हुआ कि यूपी, उत्तराखंड, पंजाब में जिस कोरोना की इतनी गति नहीं थी इस पाप के कारण कोरोना तेजी से फैल गया.'
जिसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की बात को 'सरासर झूठ' की कैटेगरी में डाल दिया. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'प्रधानमंत्री का यह बयान सरासर झूठ है. देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे. लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता.' अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट को रिट्वीट कर ये भी बताया कि संसद में पीएम मोदी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर प्रवासी मजदूरों को घर भेजने का आरोप लगाते हैं. लेकिन, उन्हीं प्रवासी मजदूरों से बातचीत में वह लोगों को घर पहुंचाने का क्रेडिट भी लेते हैं.
प्रधानमंत्री जी का ये बयान सरासर झूठ है। देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे। लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता। pic.twitter.com/Dd4NsRNGCY
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 7, 2022
क्या ऐसा कोई ऐलान दिल्ली सरकार ने किया था?
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च, 2020 में लगे पहले लॉकडाउन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की थी कि 'जो जहां है, वहीं रहे.' लेकिन, लॉकडाउन में फंसने के डर से हजारों की संख्या में लोग पैदल ही अपने घरों की ओर रवाना हो गए थे. उस दौरान भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली के आनंद विहार में प्रवासी मजदूरों की इकट्ठा हुई भीड़ को लेकर एक वीडियो ट्वीट कर खुलासा किया था कि आखिर क्यों, इस तरह की अफरा-तफरी का माहौल बना. कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि 'दिल्ली में इस तरह बस्तियों में रात को माइक से अनाउंसमेंट किये गए थे. आनंद विहार के लिए बस जा रही हैं, वहां से आगे यूपी बिहार के लिए बस मिलेगी. सोते हुए लोगों को उठा उठाकर बसों से बॉर्डर पर भेजा गया. ये बहुत सोची समझी साजिश की गई हैं.' अगर पीएम मोदी के आरोपों पर गौर किया जाए, तो वह निश्चित तौर पर इसी वीडियो के संदर्भ का इस्तेमाल कर रहे थे.
दिल्ली में इस तरह बस्तियों में रात को माइक से अनाउंसमेंट किये गए थे आनंद विहार के लिए बस जा रही हैं, वहां से आगे यूपी बिहार के लिए बस मिलेगी सोते हुए लोगों को उठा उठाकर बसों से बॉर्डर पर भेजा गया ये बहुत सोची समझी साजिश की गई हैं pic.twitter.com/bSOSSy9ILZ
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 29, 2020
केजरीवाल के बयान पर योगी आदित्यनाथ क्यों उखड़े?
जब यूपी चुनाव 2022 के लिए मतदान शुरू होने में दो दिन से भी कम का समय बचा हो. और, अरविंद केजरीवाल की ओर भाजपा के सबसे बड़े नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोरोना महामारी को लेकर किए गए दावों पर सवाल उठाया जाए. तो, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का भड़कना जायज नजर आता है. खासकर ये तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब दुनियाभर की कई संस्थाओं और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भी यूपी सरकार के कोरोना मैनेजमेंट को लेकर तारीफ की गई हो. इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलियाई सांसद क्रेग केली ने तो योगी आदित्यनाथ के कोरोना मैनेजमेंट को देखते हुए उन्हें ऑस्ट्रेलिया को उधार देने की पेशकश कर दी थी.
In #India's ?? most populous state Uttar Pradesh, the state gov. has initiated house-to-house active case finding of #COVID19 in rural areas to contain transmission by testing people with symptoms for rapid isolation, disease management & contact tracing?https://t.co/pbDi98UByQ pic.twitter.com/7H2yXcU0if
— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 10, 2021
खैर, योगी आदित्यनाथ ने अपने चिर-परिचित अंदाज में अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि 'सुनो केजरीवाल, जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया. छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया. आपको मानवताद्रोही कहें या...' वैसे, इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कोरोना महामारी ने बहुत से लोगों को एक कभी भी न भुलाया जा सकने वाला सदमा दिया है. लेकिन, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि करीब 25 करोड़ आबादी वाले सबसे बड़े राज्य में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान योगी सरकार के कोरोना मैनेजमेंट से कईयों की जान बची है.
सुनो केजरीवाल,जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया।छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया।आपको मानवताद्रोही कहें या...
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 7, 2022
केजरीवाल को गुस्सा आना लाजिमी है
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के हालात किस कदर भयावह हुए थे, ये किसी से छिपी नहीं है. खुद सीएम अरविंद केजरीवाल ने ही ऑक्सीजन की कमी को लेकर पीएम मोदी के साथ बातचीत के दौरान खुलासा किया था. उस दौरान ये भी बात सामने आई थी कि पीएम केयर्स फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए मिले पैसे को केजरीवाल सरकार खर्च नहीं कर पाई थी. हालांकि, केजरीवाल ने एक महीने के अंदर 44 ऑक्सीजन प्लांट लगवाने का दावा किया था. खैर, उस दौरान अरविंद केजरीवाल ने 'ब्लेम गेम' की राजनीति के सहारे दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी का ठीकरा नरेंद्र मोदी सरकार पर फोड़ने की कोशिश की थी. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ही केजरीवाल सरकार पर 'ऑक्सीजन घोटाला' करने के आरोप भी लगे थे. इन तमाम आरोपों को देखते हुए अरविंद केजरीवाल को गुस्सा आना स्वाभाविक ही नजर आता है.
सुनो योगी,आप तो रहने ही दो। जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके Times मैगज़ीन में अपनी झूठी वाह वाही के विज्ञापन दे रहे थे। आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा। https://t.co/qxcs2w60lG
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 7, 2022
कोरोना महामारी पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति
21वीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदी कोरोना महामारी ने दुनियाभर में जो अप्रत्याशित कोहराम मचाया था, वो अभी भी जारी है. भारत भी कोरोना महामारी के इस असर से अछूता नहीं रहा. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तबाही का जो खौफनाक मंजर लोगों की आंखों के सामने से गुजरा है, उसकी यादें आज भी ताजा हैं. बात दिल्ली की हो या उत्तर प्रदेश की, कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए परिजनों की ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर जीवनरक्षक दवाओं के लिए भाग-दौड़ शायद ही कोई भूल सकता है. और, इन सबके बीच चुनावी माहौल बना हुआ है, तो कौन नेता होगा, जो कोरोना महामारी की वजह से उपजे इस तरह के हालातों का जिम्मा अपने सिर लेना चाहेगा. तो, पीएम मोदी के भाषण से 'सुनो केजरीवाल-सुनो योगी' की ट्विटर जंग छिड़नी ही थी.
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