मामला महिला विरोध का नहीं, सत्ता के नशे का है!
किसी को मायावती के फेशियल करवाने और बाल रंगवाने से परेशानी है तो कोई प्रियंका गांधी को पप्पू की पप्पी बुलाता है. मामला अगर सिर्फ महिला विरोध का हो तो समझ आता. लेकिन एक महिला का दूसरी महिला का अपमान करना बताता है कि वजह सिर्फ सत्ता का नशा है.
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भारतीय राजनीति इन दिनों उफान पर है. यहां खुद को दूसरों से बेहतर दिखाने में लोग इस हद तक टीका-टिप्पणी कर रहे हैं कि ये पता लगाना बहुत मुश्किल हो गया है कि कौन कितना नीचे गिर सकता है.
जब कांग्रेस ने 'चौकीदार चोर है' के नारे लगाए तो बीजेपी ने पलटवार करते हुए 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन चलाकर अपने नाम से पहले चौकीदार लगा लिया. इसपर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी टिप्पणी की. ट्विटर पर कहा- 'सादा जीवन उच्च विचार के विपरीत शाही अन्दाज में जीने वाले जिस व्यक्ति ने पिछले लोकसभा आमचुनाव के समय वोट की खातिर अपने आपको चायवाला प्रचारित किया था, वे अब इस चुनाव में वोट के लिये ही बड़े तामझाम व शान के साथ अपने आपको चौकीदार chowkidar घोषित कर रहे हैं. देश वाकई बदल रहा है?'
जिस स्तर की तरह टिप्पणियां राजनीति में की जाती हैं उसकी तुलना में मायावती ने नरेंद्र मोदी के लिए जो भी कहा वो मर्यादा में रहते हुए, बड़े सामान्य और सधे हुए शब्दों में कहा था. लेकिन मायावती की इस बात का जवाब बीजेपी के सांसद सुरेंद्र नारायण सिंह ने जिस अंदाज में दिया वो बहुत ही शर्मनाक था. उनके बयान में वो चिढ़ दिखाई दी जो अपने से ज्यादा काबिल महिला को देखकर किसी पुरुष के दिल में होती है.
#WATCH BJP MLA Surendra Narayan Singh: Mayawati ji khud roz facial karwati hain, vo kya humare neta ko kya shaukeen kahengi. Baal paka hua hai aur rangeen karwake ke aaj bhi apne aap ko Mayawati ji jawan saabit karti hain, 60 varsh umar ho gayi lekin sab baal kaale hain pic.twitter.com/SGRK4gZpEI
— ANI UP (@ANINewsUP) March 19, 2019
मायावती एक पार्टी की सुप्रीमो हैं और इतने बड़े पद पर एक महिला को देखना बहुतों को पचता नहीं है. लेकिन जब कभी मौका मिलता है लोगों के दिल की बात इसी तरह बाहर आती है. कुछ कर तो नहीं सकते तो सिर्फ अपने शब्दों से ही बिगाड़ने की कोशिशें करते हैं. राजनीति में अक्सर महिलाओं के साथ इस तरह की हरकतें की जाती हैं. इसी तरह कीचड़ उछाला जाता है और जुबानी चरित्र हनन तक किया जाता है. मायावती ये सब पहली बार नहीं झेल रहीं.
मायावती पर की गई ये टिप्पणी बेहद शर्मनाक है
प्रियंका गांधी अभी आधिकारिक तौर पर राजनीति में उतरी भी नहीं थी कि पहले ही उनके खिलाफ माहौल तैयार कर लिया गया था. अभद्र कमेंट के साथ-साथ उनके बारे में कहा गया कि वो बाइपोलर डिसॉर्डर की शिकार और हिंसक हैं. राज्य मंत्री महेश शर्मा का वीडियो भी इस वक्त खूब वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने प्रियंका गांधी को 'पप्पू की पप्पी' कहा. यानी आप सत्ता में हैं तो अपने प्रतियोगी के लिए किसी भी भाषा का इस्तेमाल करने से नहीं चूकेंगे. खुद को बेहतर दिखाने के लिए क्या दूसरे को नीचा दिखाना इतना जरूरी है कि एक महिला के प्रति इतने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जाए.
Union Min Mahesh Sharma in Sikandrabad- "Agar Mamata Banerjee yahan aa karke Kathak kare aur K'taka CM geet gaye toh kaun sun raha hai? Pappu kehta hai ki PM banunga,ab toh Pappu ki Pappi (Priyanka Gandhi)bhi aa gayi.Inse upar uth kar dekhna hai toh aaj humara sher Modi hai(16/3) pic.twitter.com/AQW6tCtRzZ
— ANI UP (@ANINewsUP) March 18, 2019
वो चाहे प्रियंका गांधी हों, या मायावती राजनीति में दखल रखने वाली ये महिलाएं अपने विरोधियों की हर गंदगी को नजरंदाज कर रही हैं. लेकिन इनपर कीचड़ उछाला जाना बरकरार है. ये तो रही पुरुषों की मानसिकता जो आगे बढ़ रही या कहें कि उनसे ऊंचे पद पर बैठी महिलाओं के बारे में है. लेकिन तब बड़ा अजीब लगता है जब पॉवर में रहने वाली कोई महिला अपने पद का इस्तेमाल किसी और महिला की बेइज्जती करने के लिए करती है.
राजस्थान के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मंच पर विधायक साहिबा कुर्सी पर बैठी थीं. और गांव की सरपंच चंदू देवी नीचे बाकी लोगों के साथ जमीन पर बैठी थीं. तब लोगों ने कहा कि उन्हें विधायक की बगल में बैठना चाहिए, क्योंकि वह सरपंच हैं. जैसे ही चंदू देवी विधायक के पास लगी कुर्सी पर बैठती हैं, तभी विधायक दिव्या मदेरणा ने सरपंच को वापस जमीन पर बैठने का इशारा किया. सरपंच सिर झुकाए चुपचाप जमीन पर बैठ गईं.
ओसियां विधायक #divyamaderna एक बार फिर चर्चा में, महिला सरपंच को कुर्सी से उठा कर जमीन पर बैठाने का वीडियो हुआ वायरल pic.twitter.com/qDMUjO8oau
— Rajasthan patrika (@rpbreakingnews) March 17, 2019
चूंकि वो महिला विधायक थी, इसलिए उन्हें महिला सरपंच का अपने बराबर में बैठना बर्दाश्त नहीं हुआ. कहां सरपंच और कहां विधायक. एक महिला का दूसरी महिला के खिलाफ किया जाने वाला अपमान बेहद शर्मनाक है. हालांकि विधायक साहिबा दलील दे रही हैं कि वो कांग्रेस सभा में गई थीं और चंदू देवी भाजपा कार्यकर्ता हैं, इसलिए उन्होंने ऐसा किया.
किसी को मायावती के फेशियल करवाने और बाल रंगवाने से परेशानी है तो कोई प्रियंका गांधी को पप्पू की पप्पी बुलाता है. मामला अगर सिर्फ महिला विरोध का हो तो समझ भी आता. लेकिन एक महिला का दूसरी महिला का अपमान करना बताता है कि वजह सिर्फ सत्ता का नशा है. सत्ता यानी पॉवर. वो पॉवर जिसे पाने के लिए लोग नीचे गिरते हैं, और जिसे पाकर भी गिरना बंद नहीं होता. और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि गिरने वाला पुरुष है या महिला. राजनीति की दलदल में सभी कीचड़ में लिपटे हैं.
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