तो क्या प्रियंका गांधी ने अभी से हार मान ली है?
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अमेठी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से एक सवाल पूछा है जो 2019 लोकसभा चुनावों में उनकी भूमिका पर सवाल खड़े करता है.
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लोकसभा चुनाव 2019 आने से पहले जिस तरह कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को स्टार प्रचारक बना दिया था उससे लग रहा था जैसे प्रियंका गांधी ही कांग्रेस का बेड़ा पार लगाएंगी, लेकिन एक स्टार डेब्यू के बाद कांग्रेस की राह थोड़ी मुश्किल हो गई है. फिलहाल प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश पर अपना ध्यान लगाए हुए हैं और वो गंगा की बेटी भी बन चुकी हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए भी वो पालनहार की तरह सामने आई हैं. पर जिस तरह प्रियंका खुद जोश के भरे हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को चुनाव तैयारी की बात कह रही हैं उससे तो लगता है कि प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव आने से पहले ही हार मान चुकी हैं.
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है जिसमें प्रियंका गांधी से एक कार्यकर्ता कह रहा है कि राहुल गांधी की लाज उन्हें ही बचानी है और दूसरे से प्रियंका पूछ रही हैं कि क्या उन्होंने चुनाव की तैयारी कर ली. इसपर उनका दूसरा सवाल होता है.. अभी वाले की नहीं, 2022 वाले की.
प्रियंका गांधी ने ये बात एक स्थानीय इवेंट के दौरान की जिसे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ही आयोजित किया था. गौरतलब है कि प्रियंका गांधी पहले ही ये कह चुकी हैं कि उन्होंने अभी ये तय नहीं किया है कि वो ये चुनाव लड़ेंगी या नहीं. उनका कहना है कि अगर पार्टी उनसे कहेगी तो वो चुनाव लड़ेंगी जरूर.
#WATCH Priyanka Gandhi Vadra, Congress General Secretary for eastern UP, while interacting with party workers in Amethi's Gauriganj: Tayyari kar rahe ho aap chunaav ki? Iss wale ki nahi, 2022 ke liye? Kar rahe ho? pic.twitter.com/PfuixUIhWk
— ANI UP (@ANINewsUP) March 27, 2019
प्रियंका गांधी के इस वीडियो के बाद से ही सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल करने वालों ने ये सवाल करना शुरू कर दिया कि क्या अभी वाले इलेक्शन के लिए राहुल गांधी के साथ-साथ प्रियंका गांधी ने भी हार मान ली है. सबसे बड़ी बात ये है कि ये प्रोग्राम कांग्रेस के गढ़ अमेठी में था. वहां प्रियंका का ये कहना कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ने के लिए काफी है.
ट्विटर पर प्रियंका गांधी बुरी तरह से ट्रोल होने लगीं.
प्रियंका गांधी के इस बयान पर भले ही कुछ विवाद घिर रहे हों पर इसके पीछे भी एक सीधा सा लॉजिक है. प्रियंका गांधी का ठीक लोकसभा चुनाव 2019 के पहले राजनीति में सक्रीय होना उनकी जितनी भी लोकप्रियता है उसे भुनाने का मौका है. इसी के साथ, कांग्रेस कहीं न कहीं अपनी जमीन तैयार कर रही है. 2019 के लिए तो वैसे भी तैयारी जोरों पर है, लेकिन अगर अभी से 2022 का प्रचार किया जाता है तो कांग्रेस का गढ़ पार्टी के लिए जीवनदान साबित हो सकता है.
वैसे प्रियंका गांधी को ये नहीं भूलना चाहिए कि 2022 में बहुत दिन बाकी हैं अभी और अगर उसकी तैयारी की बात की जा रही है तो उसके हिसाब से प्रियंका को काम भी दिखाना होगा.
कांग्रेस की इस तरह की रणनीति जरूरी है क्योंकि अमेठी और रायबरेली सीटों को जिन्हें कांग्रेस का गढ़ माना जाता है वो भी पार्टी के लिए अब कड़ी टक्कर वाली सीटें हो गई हैं. ऐसे में यकीनन 2022 के चुनाव की तैयारी कांग्रेस के लिए जरूरी हो गई है. एक तरह से देखा जाए तो अगर इस सवाल को कांग्रेस की आगे की तैयारी के रूप में देखें तो पाएंगे कि ये न सिर्फ अभी मौजूदा समय के लिए उपयुक्त है बल्कि ये आगे के लिए भी है क्योंकि प्रियंका गांधी अपने और कांग्रेस कार्यकर्ताओं दोनों के लिए 2022 के इलेक्शन में जुटने की बात कर रही हैं. यानी कांग्रेस की लांग टर्म प्लानिंग में सभी कार्यकर्ता शामिल हैं.
पर अगर इसे कांग्रेस की चिंता के रूप में देखें तो ये भी पाएंगे कि कांग्रेस के लिए प्रियंका अभी कुछ बहुत ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाएंगी और आगे के लिए उन्हें तैयारी करनी ही होगी. जिस तरह से 2017 के यूपी चुनाव में कांग्रेस की हार हुई थी उसे देखा जाए तो अगले चुनाव के लिए यूपी में तैयारी करना भी जरूरी है.
इसे एक तरह से प्रियंका का वादा भी कहा जा सकता है कि वो अपने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आश्वासन दे रही थीं कि वो अब राजनीति में लंबी पारी खेलने के लिए आई हैं. इससे पहले प्रियंका गांधी को हमेशा चुनावों के समय प्रचार करते तो देखा गया है, लेकिन बाकी मामलों में वो पीछे रहती हैं, लेकिन इस बार आधिकारिक तौर पर प्रियंका गांधी का राजनीति में आना यकीनन ये दर्शा रहा है कि अब प्रियंका गांधी पार्ट टाइम प्रचारक से फुल टाइम नेता बन गई हैं.
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