प्रियंका गांधी की ओर से उतारी गईं कांग्रेस की महिला उम्मीदवारों का क्या हुआ?
कहने वाले कह रहे हैं कि ना तो लड़का लड़ पाया और ना ही लड़की! यूपी के लोग दया-भावना पर अपना वोट नहीं देते. उनका कहना है कि प्रियंका गांधी के साथ सेल्फी लेने के लिए भीड़ जुटती है, वोट देने के लिए नहीं...
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उत्तर प्रदेश चुनाव नजीते (Up Election Result) क्या हो सकते हैं, यह अनुमान तो अब तक सभी को हो ही गया है. बीजेपी 268 मतों के यूपी में एक बार फिर योगी सरकार का परचम लहरा सकती है. वहीं सपा 130 मतों के साथ बढ़त बनाए हुए है. इन सब के बीच कांग्रेस पार्टी को कहीं गुम सी हो गई है. ना सिर्फ यूपी में बल्कि पंजाब में भी कांग्रेस का बुरा हाल है.
'लड़की हूं लड़ सकती हूं' (ladki hun lad sakti hun) नारा देकर चर्चा में आई प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने उस वक्त वाहवाही तो बटोरी ली, लेकिन यूपी नतीजे कुछ और ही कहानी कह रहे हैं. दरअसल, यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने महिला सशक्तीकरण के फॉर्मूले पर 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया, लेकिन यह फॉर्मूला भी कांग्रेस की डूबती नैया को पार न लगा पाया. अब अगर आप यह कहें कि, हम तो डूबेंगे तुमको भी ले डूबेंगे सनम को कोई हर्ज नहीं है.
प्रियंका गांधी ने कुल 154 महिलाओं को टिकट देकर उन्हें उम्मीद दी, लेकिन अभी तक इनमें से एक भी महिला चुनाव नहीं जीती हैं
असल में प्रियंका गांधी ने कुल 154 महिलाओं को टिकट देकर उन्हें उम्मीद दी थी, लेकिन अभी तक इनमें से एक भी महिला चुनाव नहीं जीती हैं. इन प्रत्याशियों में कुछ पर लोगों की खास नजर है. जिसमें उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा सिंह, शायर मुनव्वर राणा की बेटी उरुसा इमरान राणा, आशा वर्कर पूनम पांडेय, खुशी दूबे की मां नेहा तिवारी, अर्चना गौतम और सदफ जफर जैसे नाम शामिल हैं. कांग्रेस ने महिला कार्ड खेला ताकि लोग भावुक होकर कांग्रेस को वोट करेंगे लेकिन यूपी नतीजे तो अलग ही कहानी कह रहे हैं. कई प्रत्याशियों को तो नोटा से भी कम वोट मिले हैं. प्रियंका गांधी ने यह भले कहा था कि महिलाएं चुनाव नहीं जीतें, लेकिन यह इनके राजनीति का नया कदम होगा. हम तो यही कहेंगे कि दिल बहलान को यह बहाना अच्छा है...
एक नजर इन प्रत्याशियों पर डालते हैं-
- उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता की मां और कांग्रेस प्रत्याशी आशा सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूरी तरह से मात खा गईं हैं, क्योंकि उन्हें अब तक तक 760 वोट ही मिले हैं. जबकि भाजपा के पंकज गुप्ता को 66,627 वोट और सपा के अभिनव कुमार 47, 058वोटों के साथ पीछे चल रहे हैं.
- शायर मुनव्वर राणा की बेटी उरुसा इमरान राणा को उन्नाव की पुरवा सीट से 880 वोट ही मिले हैं. वहीं भाजपा के अनिल कुमार सिंह को 64,885 और सपा के उदय राज को 45, 535 मत मिले हैं. अभी गिनती जारी है.
- शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ता से कांग्रेस नेता बनीं पूनम पांडेय बेहट सीट से 1604 मतों के साथ औंधे मुंह गिरी हैं. वे महिलाओं को अपना चोट दिखाकर भावुक अपील करके वोट मांगती रहीं. वे कहती रहीं कि मुख्यमंत्री से अधिकार मांगने पर पुलिस ने हाथ तोड़ दिया, मुकदमा दर्ज कर लिया. मैं लड़की हूं, लड़ सकती हूं, लगता है इनकी बातों का यूपी की जनता पर कोई असर न हुआ. वहीं बीजेपी नेता नरेश सैनी को 95,536 वोट और सपा के उमर अली खान 13,2662 मतों के साथ चुनाव जीतने की तरफ रूख कर चुके हैं.
- कांग्रेस ने कानपुर के कल्याणपुर सीट से खुशी दूबे की बहन नेहा तिवारी को टिकट दिया था. अब तक इस सीट पर नेहा तिवारी को 1101 वोट ही मिले हैं. वहीं बीजेपी की नीलीमा कटियार को 51, 224 और सपा के सतीश कुमार निगम को 44, 103वोट मिले हैं. इतना तो समझ आ गया है कि लोगों ने दया पात्र समझकर प्रत्याशियों को वोट नहीं दिया है.
- मेरठ की हस्तिनापुर सीट से कांग्रेस ने अभिनेत्री अर्चना गौतम को टिकट दिया था लेकिन उन्हें जनता ने अपना वोट नहीं दिया. अब तक की मतगणना के अनुसार, अर्चना को महज 1354 वोट ही मिले हैं. वहीं बीजेपी के दिनेश कुमार 98,179 और सपा के योगेश वर्मा को 86,968 मत मिले हैं. ऐसा लग रहा है कि इस पर भी बीजेपी का कब्जा होने वाला है.
- कांग्रेस ने नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ आंदलोन करने वालीं सदफ जफर को लखनऊ मध्य से टिकट दिया था. अब तक हुई गणना में सदफ जफर सिर्फ 2096 वोट ही नसीब हुए हैं. वहीं बीजेपी के रजनीश कुमरा गुप्ता को 68, 370 और सपा के रविदास मेहरोत्रा को 85,183 मतों के साथ जीत की और अग्रसर हैं.
माने अभी कर कांग्रेस के लिए अच्छी खबर तो नहीं है. कहने वाले कह रहे हैं कि ना तो लड़का लड़ पाया और ना ही लड़की! यूपी के लोग दया-भावना पर अपना वोट नहीं देते. उनका कहना है कि प्रियंका गांधी के साथ सेल्फी लेने के लिए भीड़ जुटती है, वोट देने के लिए नहीं... इस बारे में आपकी क्या राय है?
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