पर्रिकर से मिलने के बाद राहुल ने राफेल पर राजनीति नहीं, फिर आंख मारी है
राहुल गांधी ने मनोहर पर्रिकर से मिलने के बाद जो हरकत की है, उसे राजनीति कहना कहीं से भी ठीक नहीं होगा. ये ऐसा मजाक है जो राजनीति के गिरते स्तर में भी निम्नतम है.
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राफेल डील पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के चक्कर में राहुल गांधी ने खुद ही फजीहत करा ली है. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात के बाद राफेल डील से जुड़ा राहुल गांधी का दावा उल्टा पड़ गया है. खुद मनोहर पर्रिकर ने पत्र लिख कर राहुल गांधी पर ओछी राजनीतिक करने का आरोप तो लगाया ही है, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस नेता को असंवेदनशील बताया है.
हुआ ये कि गोवा में मुख्यमंत्री से मुलाकात को राहुल गांधी ने पहले तो निजी बताया, लेकिन दिल्ली आकर यूथ कांग्रेस के एक कार्यक्रम में मनोहर पर्रिकर से हुई राजनीतिक बातचीत का दावा करने लगे.
मनोहर पर्रिकर लंबे समय से बीमार चल रहे थे और कुछ दिन से कामकाज करने लगे हैं - गोवा का बजट पेश करते वक्त भी उनकी नाक में लगी हुई ट्यूब हर किसी का ध्यान खींच रही थी.
पर्रिकर का जज्बा और राहुल की राजनीति
राज्य का बजट पेश करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने जो कुछ कहा वो जोश भर देने वाला था. ठीक वैसा ही जैसे वो रक्षा मंत्री रहते बयान दिया करते थे - चाहें उरी अटैक की चर्चा हो या फिर पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का.
नाक में ट्यूब डली हुई थी और कुर्सी पर बैठे बैठे मनोहर पर्रिकर बोले - 'आज एक बार फिर से वादा करता हूं कि मैं अपनी अंतिम सांस तक ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ गोवा की सेवा करूंगा. जोश है और बहुत ऊंचा है और मैं पूरी तरह से होश में हूं.'
Goa Chief Minister Manohar Parrikar in state assembly: Today, once again I promise that I will serve Goa with sincerity, integrity, and dedication until my last breath. There is a josh, that is too high and I'm fully in hosh. pic.twitter.com/NwaDxCQrTi
— ANI (@ANI) January 30, 2019
इससे पहले अटल सेतु के उद्घाटन के मौके पर मनोहर पर्रिकर ने उरी फिल्म का डॉयलाग बोला था - 'हाउज द जोश?' पर्रिकर ने बजट और पांच महीने का लेखानुदान पेश किया. बीमार होने के बावजूद पर्रिकर बजट सेशन में तीनों दिन हिस्सा लेंगे.
दरअसल, गोवा कांग्रेस के नेता पर्रिकर की खराब सेहत का हवाला देते हुए सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते रहे हैं. देखा जाये तो मनोहर पर्रिकर विपक्ष के ऐसे हर जबानी हमलों का अपने एक्शन से जवाब दे रहे हैं.
गोवा से लौटे राहुल गांधी दिल्ली में यूथ कांग्रेस के कार्यक्रम में पहुंचे और राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला. हालांकि, राहुल गांधी ने इस बार कंधा मनोहर पर्रिकर का इस्तेमाल किया.
राहुल ने कहा, 'मैं कल पर्रिकर जी से मिला था. पर्रिकर जी ने स्वयं कहा है कि डील बदलते समय पीएम ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था.' ऐसा नहीं था कि राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर नये सिरे से कोई दावा किया था. ऐसे दावे वो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात को लेकर भी ऐसे ही दावे किये थे.
कर्म ही कर्तव्य है...
राहुल गांधी से बड़ी गलती ये हुई कि बीमार मनोहर पर्रिकर से हाल चाल के नाम पर मिले और उसे राजनीतिक शक्ल दे डाली. राहुल गांधी की इस हरकत पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मनोहर पर्रिकर ने पत्र लिख कर ऐतराज जताया. पत्र में पर्रिकर ने कहा - 'आप अपने राजनीतिक फायदे के लिए मुझसे मिलने आए. मेरे साथ बिताए पांच मिनटों में न तो आपने राफेल का जिक्र किया और ना ही उससे संबंधित किसी अन्य बारे में चर्चा की... मैं मीडिया में आई खबर से व्यथित हूं.'
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बीमारी से जूझ रहे शख्स के नाम पर आपका झूठ आपकी असंवेदनशीलता दर्शा रहा है.
Dear Rahul Gandhi, you showed how insensitive you are, by lying in the name of a person fighting a disease.
The people of India are disgusted by your reckless behaviour.
In his trademark style, @manoharparrikar ji sets the record straight. https://t.co/ok4GN8I6yS
— Amit Shah (@AmitShah) January 30, 2019
राहुल गांधी ने राजनीति नहीं घटिया मजाक किया है
राजनीति में कुछ वाकये बेहद घटिया होते हैं, लेकिन उनकी भी एक हद होती है. कुछ भी हो मानवीय पहलुओं को लेकर कभी संवेदनशीलता खत्म नहीं होती - राहुल गांधी ने तो एक ही झटके में सारी हदें पार कर दी है.
राहुल गांधी छुट्टी मनाने गोवा गये हुए थे. साथ में सोनिया गांधी के भी जाने की खबर थी. कांग्रेस नेताओं की ओर से बताया गया था कि राहुल गांधी की ये यात्रा निहायत ही निजी होगी - और वो किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेंगे. हालांकि, राहुल गांधी ऐसे वक्त पणजी पहुंचे थे जब गोवा कांग्रेस के नेता विधानसभा उपचुनाव के बाद अपनी सरकार बनाने का दावा कर रहे थे.
गोवा में रहते जब राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से जाकर मुलाकात की तो उनके इस कदम की हर किसी ने तारीफ की. राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले ऐसे ही वित्त मंत्री अरुण जेटली के शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दी थी. एक ट्वीट में राहुल ने कहा था कि विचारधारा के चलते हम रोज झगड़ते हैं लेकिन इस मुश्किल घड़ी में सब साथ हैं. होने भी चाहिये.
लेकिन ये क्या? गोवा छोड़ते ही राहुल गांधी को राजनीति सूझी और वो न आव देखे न ताव बस कूद पड़े. पर्रिकर से निजी मुलाकात से राजनीतिक खुलासे और दावे करने लगे.
आखिर निजता राहुल गांधी के लिए कितना मायने रखती है. मनोहर पर्रिकर को कैंसर हुआ है. अरुण जेटली भी ऐसी ही अवस्था से जूझ रहे हैं. जब सोनिया गांधी की सेहत खराब थी और इलाज के लिए अमेरिका गयी थीं तो मीडिया के लोगों ने बीमारी के बारे में पूछा - कांग्रेस नेताओं ने निजता की दुहाई देकर सबको चुप करा दिया और सब के सब सम्मान करते हुए मान भी गये. सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर चाहे जितना भी बवाल हुआ हो, विरोधियों ने भी उनकी सेहत की निजता का पूरा सम्मान रखा.
क्या राहुल गांधी का ध्यान उस बात की ओर भी गया कि मनोहर पर्रिकर के नाक में ट्यूब लगी हुई है और वो पूरी शिद्दत से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. कैंसर की तकलीफें बर्दाश्त करना बड़ा मुश्किल होता है, लेकिन उसी में मनोहर पर्रिकर न सिर्फ जरूरी काम नहीं - बजट तक पेश कर रहे हैं.
अव्वल तो राहुल गांधी जिस बात का दावा कर रहे हैं उस बात पर ही किसी को यकीन होने से रहा, उनकी पुरानी बातें भी संदेह के घेरे में पहुंच चुकी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चल रहे ताजा शीतयुद्ध के बीच अगर राहुल गांधी नितिन गडकरी का नाम लेकर कुछ कहते तो एक पल के लिए कोई कुछ सोचता भी, लेकिन मनोहर पर्रिकर के मामले में तो पूरा झूठ का पुलिंदा ही लगता है. राहुल गांधी भूकंप लाने सहित बड़े बड़े दावे करते रहते हैं, अब तो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को लेकर अपने दावे की पोल खोल दी है. तरस तो राहुल गांधी के उस सलाहकार पर आता है जिसने ऐसी राय दी - और अगर ये खुद की पहल है, फिर तो कुछ कहने की जरूरत ही नहीं लगती.
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