राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिये कि तस्वीरें शेयर करना सही है या गलत?
दिल्ली की रेप पीड़ित बच्ची के परिवार की तस्वीर (Delhi Rape Victim Family Photos) शेयर करने के बाद ट्विटर (Twitter Controversy) ने पोस्ट तो हटाई ही, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक कर दिया है - और कांग्रेस ट्विटर के साथ साथ मोदी सरकार के खिलाफ भी कैंपेन चला रही है.
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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 6 अगस्त को आखिरी ट्वीट किये थे. उसके बाद फेसबुक पर तो उनका स्टेटस अपडेट नजर आ रहा है, लेकिन ट्विटर पर नहीं. आमतौर पर राहुल गांधी ट्विटर और फेसबुक दोनों ही जगह एक साथ ही पोस्ट करते देखे जा सकते हैं.
असल में राहुल गांधी ने ट्विटर (Twitter Controversy) पर दिल्ली में रेप की शिकार बच्ची के परिवार के लोगों से मुलाकात की तस्वीर (Delhi Rape Victim Family Photos) शेयर की थी. ट्विटर ने राहुल गांधी की तस्वीरों वाला ट्वीट हटा दिया है - लेकिन फेसबुक पर एक पोस्ट में वो तस्वीर दिखायी दे रही है.
राहुल गांधी की तरफ से तो कोई बयान नहीं आया है, लेकिन कांग्रेस ने शिकायत की थी कि उसके नेता का एकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है. जब ट्विटर की ओर से बताया गया कि राहुल गांधी के ट्विटर एकाउंट के खिलाफ ऐसा कोई एक्शन नहीं लिया गया है, तो कांग्रेस ने कहना शुरू किया - एकाउंट लॉक है.
कांग्रेस पार्टी के ट्विटर हैंडल से ही बताया गया है कि राहुल गांधी अपने एकाउंट से कोई पोस्ट नहीं कर पा रहे हैं - और इसीलिए टाइमलाइन पर कोई अपडेट नहीं हो पा रहा है.
राहुल गांधी बनाम ट्विटर विवाद में दोनों ही पक्ष एक दूसरे को गलत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसी कई बातें हैं जो आसानी से हजम भी नहीं हो पा रही हैं - जरूरी ये हो गया है कि दोनों तरफ से अपनी अपनी स्थिति स्पष्ट की जाये.
ये ट्रेंड क्या कहलाता है?
ट्विटर के विरोध में ट्विटर पर ही दो ट्रेंड चल रहे हैं - एक, #मैं_भी_Rahul और दूसरा #मैं_भी_राहुल. अंग्रेजी वाला टॉप ट्रेंड में बना हुआ है और काफी देर तक भारत में पहले नंबर पर भी रहा है.
कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता ट्विटर के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार तो कर ही रहे हैं - ये इल्जाम भी लगा रहे हैं कि ट्विटर ऐसा सरकार के दबाव में कर रहा है. साथ ही, ट्विटर पर भेदभाव के आरोप भी लग रहे हैं. कांग्रेस नेताओं की तरफ से अपने आरोप के सपोर्ट में सबूत भी पेश किये जा रहे हैं.
कांग्रेस का स्टैंड तो साफ हो चुका है - क्या राहुल गांधी भी तस्वीरें शेयर करने को लेकर पार्टी के स्टैंड से पूरा इत्तेफाक रखते हैं?
ट्विटर पर ही कांग्रेस नेताओं की तरफ से एक साथ दो तस्वीरें शेयर करते हुए ट्विटर को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की जा रही है. केसी वेणुगोपाल और अजय माकन जैसे नेताओं ने ये तस्वीरें शेयर करके ट्विटर के डबल स्टैंडर्ड पर सवाल उठाया है.
ये तस्वीर दो स्क्रीनशॉट को मिलाकर बनायी गयी है. एक तरफ उस ट्वीट का स्क्रीन शॉट है जिसके खिलाफ ट्विटर ने एक्शन लिया है - और दूसरी तरफ वो जिसमें राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की तरफ से वही तस्वीर शेयर की गयी है.
कांग्रेस नेताओं का सवाल है कि आखिर एक ही तस्वीर पर एक यूजर का एकाउंट लॉक कर दिया जाता है और दूसरे के खिलाफ एक्शन कोई एक्शन क्यों नहीं हो रहा है?
See the double standard! @TwitterIndia how fearful are you of the Modi govt that you are singling out Shri @RahulGandhi's account, when Govt bodies have done the exact same thing.#मैं_भी_Rahul pic.twitter.com/rtEEnQ6vh6
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) August 8, 2021
कांग्रेस नेताओं का ये सवाल तो बिलकुल वाजिब लगता है. कांग्रेस नेता अब ये भी आरोप लगा रहे हैं कि ट्विटर ये सब केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दबाव में कर रहा है - लेकिन क्या ये मुमकिन है?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला आरोप लगा रहे हैं, 'मोदी सरकार दलित की बेटी को न्याय देने की बजाय, हमदर्दी व न्याय मांगने वाली बुलंद आवाज को दबाने का षडयंत्र कर रही है... मोदी जी, ट्विटर को डरा कर, राहुल गांधी का अकाउंट बंद करा कर भी बेटी से न्याय की आवाज नहीं दबा पाएंगे... ट्विटर को दबाएं या FIR दर्ज कराएं, न्याय देना होगा.'
कांग्रेस की एक और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहती हैं, 'मोदी सरकार ने अपनी पालतू दमनकारी पुलिस से ट्विटर को डराया-धमकाया और राहुल गांधी के ट्वीट को डिलीट करवाया... अकाउंट को भी ब्लॉक करवाया गया.'
क्या वाकई ऐसा हो सकता है जैसा कांग्रेस नेताओं की तरफ से आरोप लगाये जा रहे हैं - ट्विटर के हालिया ट्रैक रिकॉर्ड को ही देखें तो ऐसा नहीं लगता. हां, कोर्ट के आदेशों और सक्षम अधिकारियों की कानूनी सिफारिश पर ट्विटर ऐसा करता रहा है. सरकार की तरफ से भी कुछ खास तरह के ट्वीट हटाने की हिदायत दी जाती रही है और ट्विटर उस पर कार्रवाई करता रहा है.
आपको याद होगा ट्विटर ने कुछ देर के लिए केंद्रीय IT मिनिस्टर रहते रविशंकर प्रसाद का अकाउंट ब्लॉक कर दिया था. ये जानकारी तब खुद रविशंकर प्रसाद ने ही दी थी.
रविशंकर प्रसाद की ही तरह ट्विटर ने कांग्रेस नेता शशि थरूर का भी अकाउंट ब्लॉक कर दिया था, कुछ देर के लिए ही सही. शशि थरूर IT संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं. सोशल मीडिया को लेकर केंद्र सरकार के नियमों का पालन न करने पर ट्विटर को कई बार चेतावनी दी गयी थी. हालांकि, अब ट्विटर ने कुछ जरूर कदम उठाये जरूर हैं.
हाल में हुए मोदी मंत्रिमंडल के फेरबदल में रविशंकर प्रसाद को इस्तीफा देने पड़ा था - और माना यही गया कि बीजेपी नेता को ट्विटर के साथ विवादों के चलते ही कुर्सी गंवानी पड़ी थी.
ये सब होने के बावजूद कांग्रेस नेताओं को क्यों लगता है कि पुलिस के कहने पर ट्विटर राहुल गांधी का अकाउंट बंद कर देगा?
राहुल गांधी का स्टैंड क्या है?
NCPCR यानी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली पुलिस और ट्विटर को पत्र लिख कर दिल्ली में रेप की शिकार बच्ची के परिवार की तस्वीर शेयर किये जाने के मामले में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था. आयोग की तरफ से कहा गया था कि राहुल गांधी की तरफ से ऐसी तस्वीरें शेयर किया जाना जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और पॉक्सो एक्ट का उल्लंघन है.
कांग्रेस नेताओं के मोदी सरकार पर ताबड़तोड़ हमलों के बीच, यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी पूछ रहे हैं - ट्विटर बलात्कारियों का बचाव क्यों कर रहा है?
Why is Twitter protecting rapists? #मैं_भी_Rahul
— Srinivas B V (@srinivasiyc) August 8, 2021
यूथ कांग्रेस नेता का ये सवाल काफी अजीब लगता है. श्रीनिवास बीवी के इस ट्वीट से साफ है कि कांग्रेस को या राहुल गांधी को तस्वीर शेयर करने को लेकर किसी तरह का अफसोस तक नहीं है.
राहुल गांधी एक बार फिर उसी दिशा में बढ़ रहे हैं जब राफेल डील के मामले में कांग्रेस नेता को अदालत की अवमानना के डर से सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगनी पड़ी थी - लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस को मालूम होना चाहिये कि ये मामला राफेल डील से बिलकुल अलग है.
राफेल डील की तरह ही ये भी कोर्ट ही तय करेगा कि राहुल गांधी का तस्वीरें शेयर कर किसी रेप पीड़ित की पहचान उजाकर करना अवमानना का मामला बनता है या नहीं?
ये मामला राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारी से भरा है कि देश के एक राष्ट्रीय नेता को किसी रेप पीड़ित या उसके परिवार की पहचान को उजागर करने में इतनी दिलचस्पी क्यों है?
महज ये जताने के लिए राहुल गांधी पीड़ित पक्ष के साथ मुसीबत की घड़ी में खड़े हैं?
निर्भया केस में पीड़ित परिवार की तरफ से ही बताया गया था कि राहुल गांधी ने किस तरह मुश्किल घड़ी में उनकी मदद की. निर्भया के भाई की पढ़ाई-लिखाई का इंतजाम किया और पायलट बनने के उसके सपने को पूरा करने में भी पूरा सपोर्ट किया - लेकिन ये बातें घटना के बहुत दिनों बाद मालूम हुईं.
पीड़ित परिवारों के साथ गले मिलने की हाथरस से प्रियंका गांधी वाड्रा की भी तस्वीरें आयी थीं - और उन्नाव केस में भी. राजनीति करना कोई बुराई नहीं है, लेकिन पीड़ित परिवार के पहचान की कीमत पर क्यों?
अब तो ये मामला ऐसे मोड़ पर पहुंच चुका है कि राहुल गांधी को खुद सामने आकर बताना चाहिये कि तस्वीरें शेयर करके वो सही काम किये हैं या गलत?
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