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Updated: 23 अक्टूबर, 2016 05:12 PM
अशोक उपाध्याय
अशोक उपाध्याय
  @ashok.upadhyay.12
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मुलाकात के बाद एलान किया कि पाकिस्तानी कलाकार को रखने वाला हर फिल्म प्रोड्यूसर आर्मी रिलीफ फंड में पांच करोड़ रुपए जमा करेगा. देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में फिल्म के प्रड्यूसर करन जौहर के साथ हुई बैठक के बाद राज ठाकरे ने कहा इस आसय की घोषणा की. यानि की अब करन जौहर आर्मी रिलीफ फंड में पांच करोड़ रुपए देंगे और उनकी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' अपने पूर्व निर्धारित दिन 28 अक्टूबर को रिलीज होगी. बदले में मनसे उन सिनेमाघरों में हंगामा और तोड़ फोड़ नहीं करेगी जहां ये फिल्म दिखाया जाएगा.

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क्या करन जौहर ये पांच करोड़ स्वेच्छा से दे रहे हैं?  नहीं, वो इसलिए राजी हो गए क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते तो उनको इससे ज्यादा का नुकसान हो जाता. जैसे उनका खुद को राष्ट्रवादी घोषित करने  वाले विडियो को  होस्टेज वीडियो की नजर से देखा  गया, उनके इस पांच करोड़ देने का फैसला फिरौती की तरह का  है.

किसी को धमकी देकर पैसा लेना जबरन वसूली यानि एक्सटॉरशन हैं या फिरौती है. क्या भारतीय सेना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के द्वारा की गई पंचयात में निर्धारित एक्सटॉरशन का पैसा लेगी? क्या ये हमारे सेना का अपमान नहीं हैं? क्या ये भारतीयों का अपमान नहीं हैं? हर भारतीय को अपने सेना पर गर्व है और वो इसकी देखरेख करने में पूर्णत: सक्षम है. कोई भी सच्चा राष्ट्रवादी नहीं चाहेगा के भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास पर फिरौती की इस रकम का धब्बा लगे. यही वजह है कि सेना पूर्व अधिकारियों ने सेना को ऐसा दान न लेने की नसीहत दी है.     आखिर मुख्यमंत्री को क्या जरुरत पड़ी थी  इस तरह की पंचायत करने की? फड़नवीस ने 'आज तक' के मुंबई मंथन कार्यक्रम में कहा की चर्चा से विवाद सुलझ गया है. सीएम ने कहा कि लोकंतत्र में चर्चा से ही मसले सुलझने चाहिए. पर क्या यही वजह थी? या मुख्यमंत्री इस बात से डरे हुए थे की अगर फिल्म रिलीज़ होती तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना तोड़फोड़ करती जिससे उनके सरकार की राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी बदनामी होती. अपनी इज्जत बचने के लिए उनको ये पंचायत करनी पड़ी. राज ठाकरे ने कहा है की मुख्यमंत्री ने खुद उनको बुलाया था.  

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने संविधान की रक्षा करने की शपथ ली है. संविधान के अनुसार भारत का कानून सर्वोपरि है.  इस पूरे मामले में करन जौहर ने कोई कानून तोडा है. अगर किसी ने कानून तोडा है तो वो है महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने एवं राज ठाकरे ने. फिर भी इस मामले में अगर कोई विजयी हुआ है तो कानून तोड़ने वाला. कानून मानने वाले से फिरौती दिलवा के मुख्यमंत्री ने कहीं न कहीं उस शपथ के साथ खिलवाड़ किया है, जिसकी रक्षा का उन्होंने प्रण लिया था.

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 देवेंद्र फड़नविस: फाइल फोटो

मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने न केवल राज ठाकरे को हीरो बनाया है बल्की एक बहुत बुरी परंपरा की शुरुआत की है. उन्होंने  राज ठाकरे को ये विश्वास दिलवाया दिया है की वो भविष्य में भी इस तरह का कदम उठा सकते सकते हैं और अपनी मनमानी करवा सकते हैं.  वो भविष्य में भी सरकार को उनके फैसले मानने के लिए विवश करेंगे.

महाराष्ट्र में किसको क्या करना है ये क्या राज ठाकरे निर्धारित करेंगे? कल अगर राज ठाकरे कहें की महाराष्ट्र में रहने वाले हर बिहारी को हर महीने प्रदेश के मुख्यमंत्री कोष में चंदा देना होगा तो मुख्य मंत्री, उनके डर से, ये मान लेंगे? आखिर 122 विधायकों वाले भाजपा के मुख्यमंत्री को 1 विधायक वाले पार्टी के नेता के सामने क्यों झुकना पड़ा? महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस  को इन सवालों का जबाब देना होगा. जनता ये भी जानना चाहेगी की अगर 56 इंच वाली पार्टी का मुख्यमंत्री, एक विधायक वाली पार्टी के आगे घुटने टेक दे, तो उसको क्या बोलेंगे. साष्टांगवाद या राष्ट्रवाद ?

लेखक

अशोक उपाध्याय अशोक उपाध्याय @ashok.upadhyay.12

लेखक इंडिया टुडे चैनल में एडिटर हैं.

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