Rajinikanth के दादासाहेब फाल्के अवार्ड को तमिलनाडु चुनाव से जोड़ना स्वाभाविक है!
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिए जाने पर भाजपा कोई भी तर्क क्यों न दे. लेकिन जैसा रुख यूजर्स का ट्विटर पर है. साथ ही जिस तरह साउथ में रजनीकांत भगवान की तरह हैं, यक़ीनन इस अवार्ड का फायदा तमिलनाडु में भाजपा को मिलेगा.
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राजनीति अवसरवादिता का खेल है. जिसे अवसर को भुनाना आता हो, सिकंदर वाली कहलाता है. बात जब अवसरों को भुनाने की चल रहा हो तो पॉलिटिकल पंडित भी इस बात को लेकर एकमत हैं कि मौकों/ मुद्दों को भुनाने में पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी भाजपा का किसी से कोई मुकाबला नहीं है. चाहे दिल्ली और असम हो या फिर बंगाल, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु कहीं का भी रुख कर लीजिए और उन नेताओं का अवलोकन कीजिये जो दूसरी पार्टियों ने भाजपा के खेमे में आए हैं. कहना गलत नहीं है कि चाहे बड़े रहे हों या छोटे बीजेपी की बदौलत इन्हें वो तमाम चीजें मिल गई हैं जो किसी भी इंसान के लिए सफलता की मुख्य मानक होती हैं. बात भाजपा द्वारा मौके पर चौका मारने की हो रही है तो भाजपा इस खेल के प्रति कितनी गंभीर और किस हद तक शातिर है इसे साउथ सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिये जाने से भी समझ सकते हैं. ध्यान रहे राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक रजनीकांत को ये अवार्ड इसलिए भी सुर्खियों में है क्यों कि तमिलनाडु चुनाव नजदीक हैं. हालांकि सरकार से जब इस विषय में सवाल पूछा गया तो जो जवाब मिला वो उलझाने वाला था.
रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवार्ड देकर भाजपा ने एक बड़ा दांव खेल दिया है
साउथ सुपरस्टार रजनीकांत को 51 वां दादा साहेब फाल्के अवार्ड मिला है. घोषणा खुद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की है. तमिलनाडु चुनाव से ठीक पहले इस घोषणा को लेकर जब प्रकाश जावड़ेकर से जब पूछा गया कि क्या तमिलनाडु चुनाव के चलते रजनीकांत को अवार्ड मिल रहा है? सवाल सुनना भर था जावड़ेकर बिखर गए और सवाल पूछने वाले पत्रकार से कहने लगे कि सवाल सही पूछा जाए.
51st Dadasaheb Phalke Award will be conferred upon actor Rajinikanth, says Union Minister Prakash Javadekar. pic.twitter.com/682c6qaUXV
— ANI (@ANI) April 1, 2021
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार दादा साहेब फाल्के सिने जगत से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण अवार्ड है. जावड़ेकर के अनुसार पांच लोगों की ज्यूरी ने सामूहिक रूप से रजनीकांत के नाम का फैसला किया. जावड़ेकर का मानना है कि हर चीज को रणनीति के तराजू पर रखकर नहीं तौलना चाहिए. मौके पर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री ने फ़िल्म जगत में रजनीकांत के योगदान की चर्चा भी खूब की.
Is Dadasaheb Phalke award to Rajnikanth who was supposed to start his own political party recently & is expected to have significant influence on elections through his brand & fans club, not a violation of the spirit of model code of conduct for Tamilnadu elections?
— Tanoj Meshram (@MeshramTanoj) April 1, 2021
अवार्ड से पहले अपनी बात रखते हुए जावड़ेकर ने कहा कि रजनीकांत बीते 5 दशक से सिनेमा की दुनिया पर राज कर रहे हैं और लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं, यही कारण है कि इस बार दादा साहेब फाल्के की ज्यूरी ने रजनीकांत को ये अवॉर्ड देने का फैसला लिया गया है.
रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिए जाने के इस मामले में जो सबसे दिलचस्प बात है वो ये है कि अभी बीते दिनों ही उन्होंने सक्रीय राजनीति में आने की बात की थी. रजनीकांत ने भाजपा के साथ गठबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से बात भी की थी. मामले ने जब तूल पकड़ा तो रजनीकांत ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और मेन स्ट्रीम पॉलिटिक्स में आने से मना कर दिया.
#DadasahebPhalkeAward Two examples in a single day that Modi’s mind is wired to elections and his decisions are dictated by electoral considerations: ????‘Oversight’ in reduction of interest rates & subsequent withdrawal of circular ????DadaSaheb Phalke award to Rajnikanth
— rkhuria2 (@rkhuria2) April 1, 2021
गौरतलब है कि रजनीकांत को अवार्ड दिए जाने की इस घोषणा से तमिलनाडु के सियासी पारे में उछाल आ गया है. सवाल होगा क्यों ? तो जवाब है रजनी मक्कल मण्ड्राम जोकि सुपरस्टार रजनीकांत के फैंस के संगठन है जिसकी राज्य भर में करीब 65000 यूनिट्स हैं. जाहिर है अवार्ड के बाद इन यूनिट्स का वोट भी भाजपा के ही पाले में जाएगा जो सीधे तौर पर भाजपा को फायदा पहुंचाएगा.
रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिये जाने पर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री जो तर्क चाहे दे सकते हैं. लेकिन जैसी रणनीति पार्टी की है. ये अवार्ड और रजनीकांत दोनों ही पूर्णतः राजनीतिक हैं.
OK, Congrats #Rajnikanth But I Just Want To Ask To GOI 1) Can This Announcement Be Not Postponed Till TN Elections Were Over?2) Is This Not An Attempt Too Woo Tamil Voters ?To @ECISVEEP 1) Do You Not Think That This Is A Clear Case Of Contempt Of MCCBy D Union Govt? https://t.co/nYW0chnDPF
— Ajay ✋???? (@Ajay51830120) April 1, 2021
अवार्ड ने जैसी सियासी सरगर्मियां तमिलनाडु में बढ़ाई हैं उसने डीएमके, एएआईडीएमके, कांग्रेस जैसे दलों के माथे पर बल दे दिये हैं. जैसी लोकप्रियता रजनीकांत की साउथ में है ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि रजनीकांत का ये अवार्ड तमिलनाडु की सियासत को प्रभावित करेगा और हम कई ऐसे फेर बदल देखेंगे जो शायद कल्पना से परे हों.
अंत में बस हम ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि सिर्फ तमिलनाडु में रजनी फैंस की संख्या 1 करोड़ के ऊपर है इसलिए जो रणनीति बीजेपी की है फिलहाल उसका तोड़ किसी भी दल के पास नहीं है. बाकी रजनीकांत के अवार्ड को किस हद तक एक ऐतिहासिक घटना बताया जा रहा है इसे समझना हो तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह तक किसी का भी ट्वीट देख लीजिये तमिलनाडु चुनाव के लिए भाजपा की गंभीर जगजाहिर हो जाएगी.
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