Rakesh Jhunjhunwala: मोदी सरकार की बाजार नीतियों के 'भक्त'
शेयर बाजार के 'बिग बुल' के नाम से मशहूर इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का 62 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. राकेश झुनझुनवाला पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की भारत को लेकर बनाई जाने वाली आर्थिक नीतियों (Economic Policies) के मुरीद थे.
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शेयर बाजार के 'बिग बुल' और भारत के वॉरेन बफे कहे जाने वाले दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया है. 5 हजार रुपये की पूंजी से शेयर बाजार में शुरुआत करने वाले राकेश झुनझुनवाला ने 37 साल में 46 हजार करोड़ का एम्पायर खड़ा कर लिया था. हाल ही में राकेश झुनझुनवाला की अकाशा एयरलाइंस को हरी झंडी मिल गई थी. देश के सबसे बड़ा स्टॉक इन्वेस्टर झुनझुनवाला का 50 से ज्यादा भारतीय कंपनियों में निवेश था. राकेश झुनझुनवाला का ये निवेश दिखाता है कि उन्हें भारत की तरक्की पर किस कदर भरोसा था? वैसे, राकेश झुनझुनवाला मोदी सरकार की बाजार नीतियों के 'भक्त' थे. और, इस बात को झुनझुनवाला हर मंच पर खुले तौर से स्वीकार करने में कभी नहीं हिचके.
राकेश झुनझुनवाला ने अपनी दूरदृष्टिता के हिसाब से भारत के बाजार को देखा था. और, मुनाफा कमाया.
मोदी सरकार द्वारा भारत में आर्थिक से लेकर सामाजिक सुधारों तक के बारे में राकेश झुनझुनवाला की राय हमेशा सबसे जुदा रही है. पीएम नरेंद्र मोदी के फैसलों को लेकर राकेश झुनझुनवाला कहा करते थे कि 'शेयर मार्केट की तरह ही भारत में सुधारों को लेकर किए जा रहे फैसले भी भविष्य में देश को मजबूत करेंगे.' बीते साल राकेश झुनझुनवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी. 5 अगस्त को 2021 को हुई इस मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि 'वन एंड ओनली राकेश झुनझुनवाला से मिलकर खुश हूं. वह भारत को लेकर काफी जीवंत, आशावान और दूरदृष्टि रखने वाले हैं.' हालांकि, इस मुलाकात पर काफी विवाद हुआ था. लेकिन, राकेश झुनझुनवाला ने इसकी चिंता नहीं की.
Rakesh Jhunjhunwala was indomitable. Full of life, witty and insightful, he leaves behind an indelible contribution to the financial world. He was also very passionate about India’s progress. His passing away is saddening. My condolences to his family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/DR2uIiiUb7
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2022
कोरोनाकाल में मोदी सरकार की नीतियों को सराहा
- राकेश झुनझुनवाला ने कोरोनाकाल के दौरान भारतीय बाजार की खराब स्थितियों पर चर्चा के दौरान एक इंटरव्यू में कहा था कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सबकुछ कर रही है. ब्याज दरों में कटौती ने मार्केट को कोरोना महामारी के दौरान मुश्किलों से निपटने में मदद की. और, ये कटौती लंबे समय तक रहेगी. वहीं, भारत में हो रहे जीएसटी, इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड जैसे सुधारों ने अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है. कॉर्पोरेट सेक्टर की क्षमता लगातार बढ़ रही है. कॉर्पोरेट सेक्टर के जो लोग सही तरीके से चल रहे हैं, ये उनकी जीत है.
- इसी इंटरव्यू में राकेश झुनझुनवाला ने भारतीय बाजार को देखने का अपना नजरिया भी बताया था. झुनझुनवाला ने कहा था कि 'बाजार हमेशा से ही आगे के बारे में देखने को कहता है. कुछ लोग कोरोना के दौरान खरीददारी कमजोर हुई, लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं जैसी बातों को हवा देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, इन सब बातों से बाजार नहीं चलता है. बाजार हमेशा आगे बढ़ता है. कोरोना के दौरान बाजार गिरा. लेकिन, अब वो रिकवरी फेज में हैं. और, लगातार बढ़ रहा है.'
- राकेश झुनझुनवाला ने कहा कि 'कोरोना महामारी से उपजी आर्थिक जटिलताओं से निपटने के लिए मोदी सरकार ने छोटे और मंझले उद्योगों को 3 लाख करोड़ का लोन देने का फैसला किया है. यह कोई छोटी रकम नही है. सरकार अपनी वित्तीय परिस्थितियों को देखते हुए सही फैसले ले रही है. इन्हें गलत नहीं कहा जा सकता है.'
- राकेश झुनझुनवाला ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा देश में लाए जा रहे कानूनों को लेकर भी अपनी राय खुलकर रखी थी. झुनझुनवाला ने कहा था कि 'भारत में बदलाव और सुधार बहुत ही मुश्किल है. जबकि, ये भारत के लिए बहुत जरूरी हैं. केवल पंजाब और हरियाणा के कुछ लोगों की वजह से कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया. जबकि, यह देशभर के किसानों से जुड़ा फैसला था. बाजार में किसान को टमाटर के 4 रुपये मिलते हैं और वो टमाटर मुझे 40 का मिलता है. ये बेहतर नहीं कहा जा सकता है. ये तब बेहतर होता है, जब किसान को 10 रुपये मिलें और मुझे वह चीज 25 रुपये में मिले.'
- मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को लेकर राकेश झुनझुनवाला की सोच बिलकुल स्पष्ट थी. उनका कहना था कि 'हमें सबसे ज्यादा जरूरत बाजार में और सुधारों की है. हमें पब्लिक सेक्टर को बेचना, कारोबारी सुगमता यानी ईज ऑफ डूइिंग बिजनेस को बेहतर करना, लैंड और लेबर लॉ में सुधार करने होंगे. जो ये सरकार करने की कोशिश कर रही है. रियल स्टेट सेक्टर में रेरा (RERA) की एंट्री होते ही कीमतें कम हो जाती हैं. जीएसटी आने के बाद लोगों ने दावा किया कि इससे जीडीपी को नुकसान होगा. लेकिन, हमारी जीडीपी बढ़ गई. कई देशों में जीएसटी को स्थापित होने के लिए 6 साल लग गए. भारत में भी यह अभी प्रक्रिया में हैं. और, इसे भी केवल थोड़ा समय चाहिए.'
- झुनझुनवाला पीएम नरेंद्र मोदी के मुरीद थे. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि 'जब पीएम मोदी ने लोगों के जन-धन खाते खुलवाएं थे. तो, लोगों ने उन्हें बेवकूफ करार दे दिया था. लेकिन, अब हर शख्स का बैक अकाउंट है. और, वह आसानी से लेन-देन कर रहा है. अब भारत में डिजिटल पेमेंट की वजह से अब एक आम आदमी भी किसी के खाते में पैसे ट्रांसफर कर देता है. जो पहले इसी काम के लिए किसी को पैसे देता था.'
- भारत में हुई डिजिटल क्रांति को लेकर राकेश झुनझुनवाला का कहना था कि 'दुनियाभर में हुई डिजिटल क्रांति को अगर किसी ने अच्छी तरह से समझा, तो वह भारत था. भारत में हुई डिजिटल क्रांति ने लोगों को घर से काम करने की स्वतंत्रता दी. अगर मोदी सरकार डिजिटल पेमेंट जैसी चीजों को बढ़ावा नहीं देती, तो मेरे जैसे लोगों के लिए काम करना मुश्किल हो जाता. कोरोना महामारी के दौरान लोग घर में बैठे सारा काम कर रहे थे.'
- राकेश झुनझुनवाला को भरोसा था कि 'फार्मा सेक्टर में भारत शायद दुनिया में एक बड़े नेतृत्व के तौर पर उभरेगा. बहुत सारी मैन्यूफैकचरिंग एक्टिविटी भारत के पास आने वाली हैं.' बता दें कि 2021 में भारत में कोरोना टीकों से लेकर मास्क और पीपीई किट की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स बड़ी संख्या में लगी थी..
- पीएम नरेंद्र मोदी के 'आपदा में अवसर' के बयान का राकेश झुनझुनवाला ने समर्थन करते हुए कहा था कि 'चाइनीज भाषा में मौके और संकट के लिए एक ही जैसा शब्द है. इसी तरह कोई भी महामारी अपने आने के साथ ही कई अवसर भी लाती है. जरूरत केवल इतनी है कि आप उन मौकों को यूं ही गंवा न दें.'
- मोदी सरकार पर विपक्ष हमेशा से ही तानाशाही के आरोप लगाता रहा है. लेकिन, राकेश झुनझुनवाला ने इन आरोपों को नकार दिया थे. उनका कहना था कि 'भारत में हर कोई आजाद सोच रखता है. क्योंकि, भारत में लोकतंत्र है. और, किसी देश के आगे बढ़ने के लिए स्किल और लोकतंत्र ही दो सबसे जरूरी चीजें हैं. ये दोनों ही भारत के पास हैं.'
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