राम मंदिर-बाबरी मस्िजद से ज्यादा विवादित तो कपिल सिब्बल हो गए !
भले ही सुप्रीम कोर्ट में अभी भी राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद की लड़ाई चल रही हो, लेकिन सोशल मीडिया पर यह लड़ाई कपिल सिब्बल और हिंदूवादी लोगों के बीच में हो गई है.
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राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. इस विवादित मामले में अब दो बड़े वकील आमने-सामने हैं. एक ओर हरीश साल्वे हैं, जो राम जन्मभूमि के पक्ष में खड़े हैं. तो दूसरी ओर कपिल सिब्बल हैं जो सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से केस लड़ रहे हैं. देश के हिंदू-मुसलमानों के बीच बहस का विषय बनी ये 25 साल पुरानी जंग अब नए सिरे से सोशल मीडिया पर भी सुलग गई है. ट्विटर पर कपिल सिब्बल को हिंदू-विरोधी करार दिया जा रहा है. और उनके पुराने केस निकालकर यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि कैसे उन्होंने हमेशा हिंदुओं के विरोध में केस लड़े हैं.
एक ट्विटर यूजर ने कपिल सिब्बल के खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए लिखा है कि सबसे सेक्युलर पार्टी के सबसे सेक्युलर नेता अयोध्या में राम मंदिर बनाने के विरोध में केस लड़ रहे हैं.
The most 'secular' leader of the most 'secular' party is going to fight against the construction of Ram mandir in #Ayodhya under the leadership of Janeudhari 'Yuvraj' ????
— Seema Choudhary (@Seems3r) December 5, 2017
कपिल सिब्बल ने सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि इस मामले पर सुनवाई को 2019 के लोकसभा चुनावों तक के लिए टाल दिया जाए. उनका तर्क है कि राम मंदिर का निर्माण भाजपा के घोषणापत्र में शामिल है, ऐसे में इस मुद्दे पर सुनवाई करना ठीक नहीं होगा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है. एक ट्विटर यूजर ने कपिल सिब्बल की इस याचिका पर लिखा है- कांग्रेस धर्म को चुनावों के साथ क्यों मिला रही है?
Supreme Court Rejects Kapil Sibal's Plea To Hear The #Ayodhya Matter Post 2019 Lok Sabha Elections. Tight Slap On Secular Libtards.
Why Is Congress Mixing Religion With Elections? Hypocrisy Exposed Yet Again.????????????#RamMandir #RamTemple
— Sir Ravindra Jadeja (@SirJadeja) December 5, 2017
कपिल सिब्बल की तरफ से इस विवादित मुद्दे पर सुनवाई को 2019 लोकसभा चुनावों तक टालने की याचिका पर भाजपा ने उन्हें आड़े हाथों लेना भी शुरू कर दिया है. भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का 2019 के चुनावों से क्या लेना-देना है? सुनवाई को टालने की बात कहकर कपिल सिब्बल पूरी तरह से एक्सपोज हो गए हैं. उन्होंने राहुल गांधी से जवाब भी मांगा है कि आखिर वह राम मंदिर के पक्ष में हैं या नहीं? इतना ही नहीं, इस मौके को भुनाने के लिए भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने भी अपना दांव चल दिया है. उन्होंने भी कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर वह इस मामले की सुनवाई क्यों नहीं होने देना चाहते हैं, यह साफ करना चाहिए.
What has the Sunni Waqf Board to do with 2019 Elections?Kapil Sibal totally exposed ..represents the Congress’ views more than the Waqf Board’s view?@OfficeOfRG should speak out whether He stands with the TEMPLE or otherwise! https://t.co/VdaTElWrVg
— Sambit Patra (@sambitswaraj) December 5, 2017
विवादित मुद्दे की सुनवाई में कैसे हिंदू लोग कपिल सिब्बल के विरोध में आ गए हैं, उसका पता आपको इस ट्विटर यूजर के ट्वीट से लग ही जाएगा. इन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है- कन्हैया कुमार से लेकर हार्दिक पटेल तक का बचाव करने वाले, तीन तलाक और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से सुन्नी वक्फ बोर्ड तक को समर्थन करने वाले कपिल सिब्बल के ऐसे बहुत सारे क्लाइंट हैं.
From defending #kanhaiyakumar to #HardikPatel from supporting #TripleTalaq & #AIMPLB to #SunniWaqfBoard in #Ayodhya#KapilSibal has a long list of Such clients. HIS CHOICE.May Ram Lalla bless him!
— Monika Arora (@advmonikaarora) December 5, 2017
ट्विटर पर कुछ लोग गुस्सा भी हैं, जिसका पता उनके ट्वीट के अंदाज से ही लग जा रहा है. एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि जो कल तक हिंदूवादी होने के सर्टिफिकेट बांट रहे थे अब वह सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में श्रीराम के अस्तिव का सबूत मांग रहे हैं.
The Person who was distributing the certificate of Hinduism till yesterdayToday onwards in Supreme Court He will be demanding proof of existence of Sri Ram in the #Ayodhya case pic.twitter.com/piUHGnzCfV
— दिवाकर सिंह (@Diwaker73singh) December 5, 2017
कपिल सिब्बल द्वारा अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने के विरोध में केस लड़ने को लेकर लोग कितने खफा हैं, इसका गुस्सा उनके ट्विटर अकाउंट पर देखा जा सकता है. एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि कांग्रेस का असली चेहरा अब सामने आ गया है. साथ ही उसने एक इंफोग्राफिक भी शेयर किया है.
#Ayodhya Real face of #Congress exposed pic.twitter.com/ptB4abHbh2
— Gitanjali D.S (@Gitanjali_DS) December 5, 2017
जहां एक ओर कपिल सिब्बल का सोशल मीडिया पर खूब विरोध हो रहा है, वहीं दूसरी ओर हरीश साल्वे इस केस के हीरो की तरह सामने आए हैं. इससे पहले कुलभूषण यादव का केस लड़ने के दौरान भी हरीश साल्वे को देशभक्ति और हिंदूवाद के साथ जोड़ा था. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में राम मंदिर बनवाने के पक्ष में केस लड़ने से उनकी देशभक्ति वाली छवि और भी अधिक प्रबल हो गई है. एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा है कि हरीश साल्वे और मोहन परासर रामलला के पक्ष में हैं. महादेव उन्हें शक्ति प्रदान करें. हजारों करोड़ हिंदुओं की दुआएं उनके साथ हैं.
Senior lawyers Harish Salve and Mohan Prasaran to represent Shri Ramlalla Virajaman in the title suit. May Mahadev give them strength. Blessings and prayers of billions of hindus are with them.
— Rahul Kaushik (@kaushkrahul) December 5, 2017
हरीश साल्वे की तुलना एक ट्विटर यूजर ने उस गिलहरी से की है, जिसने राम सेतु बनाने में मदद की थी. उन्होंने लिखा है कि उसी गिलहरी की तरह ही हरीश साल्वे राम मंदिर बनाने में मदद कर रहे हैं.
Harish Salve is like the squirrel that helped build Ram Setu, now helping build Ram Mandir @ Shri Ramjanmabhoomi! ????????????????????????????
— Raghavan R (@mayfair1958) December 5, 2017
हरीश साल्वे पर लोगों को इतना भरोसा है कि वह मानते हैं अब राम मंदिर सुरक्षित हाथों में है. खुद ही पढ़िए ये ट्वीट.
Amazing, I have extreme faith in Advocate Harish Salve...
Ram Mandir is in very safe hands...
— Rohit Shrivastava (@rohitbhopali) December 5, 2017
इस केस में सियासत ढूंढने वाले तो यहां तक मान रहे हैं कि कपिल सिब्बल जिस तरह से राम मंदिर के विरोध में केस लड़ रहे हैं, वह कांग्रेस की चाल है. एक ओर राहुल गांधी खुद को ब्राह्मण बताकर हिंदू वोट अपने से जोड़ रहे हैं तो दूसरी ओर कपिल सिब्बल कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड का पक्ष लेकर मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस से छिटकने से रोक रहे हैं.
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