अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा पर बयान देने वाला हिजबुल मुजाहिदीन झूठा है, मक्कार है
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन आज भले ही अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को नुकसान नहीं पहुंचाने की बात कह रहा हो मगर ऐसे तमाम कारण हैं जो बताते हैं कि हर बार की तरह इस बार भी हिजबुल झूठ बोल रहा है.
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आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन चर्चा में है. हिजबुल के चर्चा में आने का कारण है एक ऑडियो क्लिप. ऑडियो क्लिप में अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर घाटी आने वाले श्रद्धालुओं को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया है. हिजबुल की इस ताज़ी ऑडियो क्लिप का अवलोकन किया जाए तो इसमें साफ सुनाई दे रहा है कि आतंकियों का मकसद अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं पर हमला करना नहीं है. ऑडियो क्लिप में आवाज हिजबुल के कमांडर रियाज नाइकू की बताई जा रही है हालांकि अभी भी इसकी क्रेडिबिलिटी संदेह के घेरों में हैं.
इस ऑडियो क्लिप में कहा जा रहा है कि, 'अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु अपनी परंपराएं पूरी करने आते हैं, वह हमारे मेहमान हैं. श्रद्धालु इस बात को लेकर बेफिक्र रहें, हम उन्हें निशाना नहीं बनाएंगे'. साथ ही इस ऑडियो क्लिप में इस बात को भी साफ तौर पर बताया गया है कि आतंकियों की लड़ाई भारत से है जिसके कारण उन्होंने बंदूक उठाई उन्हें भारत के आम लोगों से कोई मतलब नहीं है अतः वो अपनी सुरक्षा के लिहाज से बिल्कुल बेफिक्र रह सकते हैं.
अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा की बात कहने वाला हिजबुल मुजाहिदीन झूठा है
पहली नजर में ये एक प्रभावित करने वाली खबर लग रही है. मगर जब इस खबर को हकीकत के आईने में रखकर देखा जाए तो मिलता है कि हिजबुल की तरफ से हमेशा की तरह एक बार फिर झूठ बोलकर लोगों को गुमराह किये जाने का प्रयास किया जा रहा है. हिजबुल पहले भी लोगों को मार रहा था था. आज भी मार रहा है और भविष्य में भी मारेगा. कहना गलत नहीं है कि ये हिजबुल का नया पैतरा है जिसके बल पर जहां एक तरफ वो घाटी के लोगों के सामने अच्छा बनने का नाटक कर रहा है तो वहीं आम लोगों को भी ये विश्वास दिलाना चाह रहा है कि उसकी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है.
हमारी कही इस बात को अगर समझना हो तो इसे बीते दिनों जम्मू कश्मीर में घटित एक घटना से जोड़कर देखा जा सकता है. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाके नार्बाल में अभी कुछ दिन पहले ही सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी. इस झड़प में तमिलनाडु का एक पर्यटक आर थिरूमनी गंभीर रूप से घायल हो गया था. घायल पर्यटक को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. इस घटना से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी आहत हुए थे और घटना पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा था कि पत्थरबाजों ने पर्यटक के वाहन पर पत्थरबाजी करके उसे मार डाला.
We’ve killed a tourist by throwing stones at the vehicle he was travelling in. Let’s try and wrap our heads around the fact that we stoned a tourist, a guest, to death while we glorify these stone pelters & their methods.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 7, 2018
इस घटना के बाद भले ही राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और दुःख जताया हो. मगर वर्तमान परिदृश्य में जो राज्य में पत्थरबाजों का आतंक है वो काफी हद तक हिजबुल के इन आतंकियों से प्रभावित है. ये आतंकी ही है जो घाटी के लोगों को पत्थरबाज बना रहे हैं और उनके कंधे से तीर चलाकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं.
हिजबुल को समझ लेना चाहिए कि अब उनके पैतरे देश का आम आदमी समझ चुका है
बहरहाल अब चूंकि अमरनाथ यात्रा के सन्दर्भ में हिजबुल ने बयान जारी किया है तो यहां ये बताना भी बेहद जरूरी है कि ये बयान और कुछ नहीं बस हिजबुल का वो डर है जो उन्हें ऑपरेशन ऑल आउट देखकर लग रहा है. ध्यान रहे कि घाटी से आतंकवाद के खात्मे को लेकर सेना और सरकार बेहद सख्त हुए हैं. वर्तमान में जिस तरह से घाटी में ऑपरेशन ऑल आउट के नाम पर आतंकियों की सफाई की जा रही है उससे हिजबुल डरा हुआ हुआ और गाए बघाए अलग अलग ऑडियो क्लिप के रूप में उसका ये डर हमारे सामने आता दिख रहा है.
अपनी बात को विराम देते हुए आपको बताते चलें कि कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं और पाकिस्तान की तरफ से जारी सीजफायर के उल्लंघन को देखते हुए सरकार अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में ज्यादा गंभीर है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा बलों की संख्या में 17 फीसदी का इजाफा किया गया है. साल 2017 में जहां यात्रा के लिए 204 कंपनियां सुरक्षा के लिहाज से तैनात कि गयीं थीं वहीं इस वर्ष 238 कंपनियों को आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
अंत में इतना ही कि हिजबुल अच्छा बनने के चाहे लाख दावे कर ले. मगर जो उसकी फितरत से वो शायद ही उससे बाज आ पाए. रही बात ऑडियो क्लिप की तो हिजबुल को ये जान लेना चाहिए कि यात्रा तो यूं भी सुरक्षित रहेगी. हां मगर तब वो नहीं सुरक्षित रहेंगे जब अगर उन्होंने इस यात्रा में किसी तरह का कोई व्यवधान डालने का प्रयास किया.
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