कांग्रेस के पाले में बीजेपी के शत्रु से ये गलती तो होती ही रहेगी
पार्टी बदलने वाले नेताओं के खिलाफ तो जनता बोलती ही है, लेकिन जब किसी से इस तरह की भूल हो जाए तो उसे छोड़ती भी नहीं. शत्रुघ्न सिन्हा भी बोलते-बोलते भूल गए कि वो अब भाजपा में नहीं कांग्रेस में हैं. लेकिन उन्होंने खुद को संभाल लिया.
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करीब तीन दशक से भाजपा से जुड़े रहे दिग्गज नेता और हिंदी सिनेमा के ‘शॉट गन’ शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर ही भाजपा का दामन छोड़ दिया. और कांग्रेस में शामिल हो गए. पार्टी ज्वाइन करने से पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि वह भारी मन से बीजेपी छोड़ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं ये सबको पता है.
देखा जाए तो पार्टी बदल लेना नेताओं के लिए बहुत आसान होता है. लेकिन कई मायनों में बहुत मुश्किल भी. अब तक जिस पार्टी का गुणगान किया अचानक दूसरी पार्टी में जाकर अपनी पहली पार्टी की बुराई करना क्या आसान होता है? इसके लिए वक्त लगता है. हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा के लिए ये उतना भी मुश्किल नहीं रहा. बीते दो सालों में शत्रुघ्न सिन्हा लगातार प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर हमलावर रहे हैं. उन्होंने मोदी और अमित शाह से कई मौकों पर सवाल किए जिससे बीजेपी नेतृत्व को कई बार असहज होना पड़ा. शत्रुघ्न सिन्हा के तेवर देखकर ये तो तय ही माना जा रहा था कि बीजेपी इस बार उन्हें टिकट नहीं देने वाली, और हुआ भी यही. बीजेपी ने पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा की जगह केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को टिकट दिया.
भाजपा छोड़ थामा कांग्रेस का हाथ
कांग्रेस की तारीफ करने में अभी वक्त लगेगा
शत्रुघ्न को तो कांग्रेस में आना ही था. पार्टी में शामिल होने के मौके पर कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने शत्रुघ्न सिन्हा शामिल थे. जब शत्रुघ्न सिन्हा ने बोलना शुरू किया तो शक्ति सिंह के बारे में बोलते हुए शुत्रुघ्न सिन्हा ये भूल गए कि उन्होंने कांग्रेस की जगह भारतीय जनता पार्टी का नाम ले लिया है. उन्हें कार्यकर्ताओं ने टोका कि 'भाजपा नहीं कांग्रेस कहिए'. तब शत्रुघ्न सिन्हा को अहसास हुआ कि वो भाजपा में नहीं कांग्रेस में आ चुके हैं. खुद को डिफेंड करते हुए उन्होंने कहा कि 'वो तो थोड़ा आएगा न, आज भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस है. मैं पार्टी में नया हूं, अभी नया खिलाड़ी हूं, ये तो हो जाएगा. मुझे लगता है कि आप लोग ये समझने के लिए काफी परिपक्व हैं कि ये सब जानबूझकर नहीं किया गया.'
#WATCH: Shatrughan Sinha after joining Congress says, 'Shakti Singh Gohil ji (Bihar Congress In-charge) has been backbone of BJP in Bihar and in Gujarat,' corrects himself later. pic.twitter.com/ktaMjkkgSW
— ANI (@ANI) April 6, 2019
शत्रुघ्न की इस गलती की वजह से सोशल मीडिया पर उनका काफी मजाक बनाया गया. वैसे भी पार्टी बदलने वाले नेताओं के खिलाफ तो जनता बोलती ही है, लेकिन जब किसी से इस तरह की भूल हो जाए तो उसे छोड़ती भी नहीं.
हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा तो बीजेपी के खिलाफ काफी पहले से बोलते आए हैं लेकिन कांग्रेस में शामिल होने पर उन्होंने औपचारिक रूप से बीजेपी के खिलाफ जो भी कहा वो कुछ इस तरह है-
'हमने भारतीय जनता पार्टी में धीरे-धीरे लोकतंत्र को तानाशाही में परिवर्तित होते हुए देखा. मेरा कसूर यही था कि मैं सच्चाई और सिद्धांतों पर टिका रहा'.
'मोदी सरकार ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया. वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा को जानबूझकर किनारे कर दिया गया. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया और मार्गदर्शक मंडल की आज तक एक बैठक तक नहीं हुई.'
'हमने देश हित में किसानों, युवाओं और रोजगार की बातें कीं. अगर हमने नोटबंदी के खिलाफ बोला तो हम बागी हो गये? अगर सच कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं!'
'नोटबंदी विश्व का सबसे बड़ा घोटाला. नोटबंदी और जीएसटी से लोग तबाह हो गए. नोटबंदी से लोगों को काफ़ी परेशानी हुई, कई लोग मारे गए, मोदी जी ने प्रचार के लिए अपनी माताजी को भी लाइन में लगा दिया और सिर्फ ढकोसलेबाज़ी की गई.'
पटना साहिब से अब कांग्रेस के प्रत्याशी
पिछले दो लोकसभा चुनावों से शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से चुनाव जीतते आ रहे हैं. 2009 में 57 फ़ीसदी वोट और 2014 में 55 फ़ीसदी वोटों के साथ शत्रुघ्न सिन्हा ने इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाई थी. लेकिन इस बार बीजेपी से रविशंकर प्रसाद इस सीट पर लड़ रहे हैं तो बात जाहिर ही थी कि शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर इस सीट पर लड़ेंगे. कांग्रेस में शामिल होते ही कांग्रेस ने 5 और उम्मीदवारों की लिस्ट जाते हुए इन कयासों पर भी मुहर लगा दी कि शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे.
Congress releases another list of 5 candidates for #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/6MbmEfXLkX
— ANI (@ANI) April 6, 2019
सिन्हा पटना साहिब के लिए काफी कॉन्फिडेंट भी हैं. क्योंकि रविशंकर प्रसाद पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और शत्रुघ्न सिन्हा 10 सालों से उस सीट पर काबिज रहे हैं.
हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा कहते हैं कि उनका ध्येय जनता की सेवा करना है, पहले बीजेपी में रहकर की अब कांग्रेस में रहकर करेंगे. लेकिन पार्टी बदलने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा के लिए एक चुनौती ये भी होगी कि वो जो बोल रहे हों उसका ध्यान रखें क्योंकि तीन दशक बीजेपी के पक्ष में बोलने के बाद अचानक कांग्रेस के पक्ष में बोलना आसान नहीं होगा. कहीं ऐसा न हो कि नई पार्टी में आने के बाद भी न वो यहां के रहें और न वहां के.
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