मुजफ्फरपुर भी आपको बहुत मिस कर रहा है मोदी जी...
चमकी बुखार के कारण लगातार बिहार में बच्चों कि मौत हो रही है. ऐसे में शिखर धवन के टूटे अंगूठे को लेकर ट्वीट करने वाले देश के प्रधानमंत्री का बिहार के इन बच्चों की मौत पर चुप्पी कई जरूरी सवालों को जन्म देती है.
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ICC World Cup 2019 में Australia के खिलाफ खेले गए मैच में भारत को करारा झटका लगा. भारत ये मैच तो जीत गया, लेकिन इस मैच में शतक लगाकर विजयी पारी खेलने वाले शिखर धवन चोट लगने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए. ऑस्ट्रेलियाई बॉलर की एक बाउंसर उनके हाथ में लगी थी, जिसे उन्हें फ्रैक्चर हो गया था. शिखर की गैरमौजूदगी में हालांकि टीम इंडिया ने पाकिस्तान को करारी मात दे दी है, लेकिन शिखर के लिए कुशलता की कामना की जा रही है. उनका हौंसला बढ़ाने वालों में ताजा नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है.
किसी प्रधानमंत्री के लिए देश की टीम के खिलाडि़यों का हौंसला बढ़ाना काबिलेतारीफ है. लेकिन जब वे घायल हुए एक खिलाड़ी के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं, तो उन मासूम बच्चों का भी सवाल आएगा, जो मुजफ्फरपुर और आसपास के अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. बिहार में चमकी बुखार का कहर है. 160 बच्चे काल के गाल में समा चुके हैं. सारा देश बिहार सरकार को कोस रहा है. देश के प्रधानमंत्री को क्रिकेट कितना पसंद है इसकी जानकारी हमें कम है. मगर जिस तरह उन्होंने शिखर धवन के लिए ट्वीट किया है साफ हो गया है कि उन्हें भी टीम इंडिया की जीत हार के अलावा शिखर धवन की बल्लेबाजी से भी मतलब है.
लोगों को उम्मीद थी कि पीएम मोदी मुजफ्फरपुर पर भी वैसे ही बोलेंगे जैसे वो शिखर धवन के मैदान में आने पर बोले थे पीएम मोदी ने शिखर धवन के लिए ट्वीट किया है कि "डियर शिखर धवन, इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिच आपको मिस करेगी लेकिन मैं आशा करता हूं कि आप जल्दी ठीक हो जाएं और मैदान में वापसी कर देश के लिए तमाम मैच जीतें."
Dear @SDhawan25, no doubt the pitch will miss you but I hope you recover at the earliest so that you can once again be back on the field and contribute to more wins for the nation. https://t.co/SNFccgeXAo
— Narendra Modi (@narendramodi) June 20, 2019
बात आगे बढ़ाने से पहले हमारे लिए ये बताना बहुत जरूरी है कि अपनी बातों से विपक्ष को पानी पिला देने वाले देश के प्रधानमंत्री मोदी को शिखर धवन का टूटा अंगूठा तो दिख गया लेकिन बिहार में आए चमकी बुखार और उस बुखार के चलते हुई 160 मौतों पर देश के प्रधानमंत्री पूरी तरह खामोश हैं.
मुद्दा एकदम सीधा और बात एकदम साफ है भले ही पीएम मोदी शिखर धवन को मैदान में मिस कर रहे हों मगर बात जब मुजफ्फरपुर और वहां फैली बीमारी से हुई मौतों की आएगी तो बिहार का मुजफ्फरपुर भी इस अहम मुद्दे पर अपने प्रधानमंत्री और उनके एक अदने से ट्वीट को मिस कर रहा है. लोग आस लगाए बैठे हैं कि शायद आज नहीं तो कल कल नहीं तो परसों पीएम मोदी इस अहम मुद्दे पर बोलेंगे और अपने ट्वीट से मृतक परिवारों के जख्म भरने का काम करेंगे.
बीमारी की ख़बरें 20 दिन पहले से आ रही हैं और शायद अब पीएम की ये चुप्पी इस देश की जनता को भी काटने लगी है. बिहार पर न बोलकर पीएम का शिखर धवन और उनके टूटे अंगूठे पर बोलना वाकई एक नागरिक के तौर पर हमें विचलित करता है और हम वैसी प्रतिक्रियाएं देखते हैं जैसी प्रतिक्रियाएं हमें देश के प्रधानमंत्री के उस ट्वीट पर देखने को मिल रही हैं.
We live in a nation, during an era when the fractured thumb of a cricket player gathers more attention of the nationalist, patriot rulers than 160 little kids dying because of state's apathy towards them, their parents.#MuzaffarpurChildrenDeath #muzaffarpurkids #BiharChildDeaths
— Syed Hassan Kazim سید حسن کاظم (@kazimtweets) June 20, 2019
आप महान हो प्रभु, एक प्रोफेशनल खिलाड़ी का स्वस्थ होना देश के लिए जरूरी भी है देश को शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करनी चाहिए.. गरीबों के बच्चों का क्या है गलती है उनकी जो गरीबी में भी बच्चे पैदा करते हैं नही खिला सकते नही इलाज़ करा सकते तो इसमें नीतीश या सरकार का क्या दोष है ????
— Vivek Agnihotri (@viveklkw) June 20, 2019
40 में से 39 सीट दे दिया बिहार ने और आप धवन के अंगूठे पर ट्वीट कर रहे हो, और मुज्जफरपुर पर मनमोहन सिंह बने हो!!!
— Faad Dunga BC (@naalaYUCK) June 20, 2019
देश के प्रधानमंत्री एक कुशल वक्ता हैं वो हर मुद्दे पर मुखर होकर बोलते हैं ऐसे में इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनका चुप रहना न सिर्फ विचलित करता है बल्कि कहीं न कहीं इस बात का एहसास कराता है कि राजनीति प्राथमिकताओं का खेल हैं. जिसकी जब जहां प्राथमिकता होती है राजनेता वैसा ही करता है. कह सकते हैं कि इस मुद्दे पर यदि इस देश की जनता अपने प्रधानमंत्री या फिर अपने चुने हुए सांसदों और विधायकों से सवाल कर रही है तो उनके सवाल जायज और उनकी मांगें दुरुस्त हैं.
बात खुद इस मुद्दे को बिहार के राजनेता विशेषकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे कैसे देखते हैं इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि जब वो इस अहम मुद्दे पर बोलने के लिए आए तो उनके भी दिमाग में क्रिकेट था. स्वास्थ्य मंत्री बच्चों की अपेक्षा इंडिया के 'स्कोर' और 'विकेट' पर ज्यादा दिलचस्पी लेते नजर आए.
इस अहम मुद्दे पर राज्य की सरकार कितनी गंभीर है इसे हम राज्य सरकार की उस बात से भी समझ सकते हैं जब राज्य सरकार ने अपनी पीठ थपथपाते हुए ये बयान दिया कि इस मौत का जिम्मेदार मौसम और लीची हैं साथ ही उसने ये भी कहा कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष मौतें कम हुई हैं. इतनी बड़ी चूक पर बिहार सरकार के इस बहाने से इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि क्या मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री क्या अधिकारी और डॉक्टर सभी ने ये मान लिया है कि एक मौसम आएगा उस मौसम में बच्चे मरेंगे फिर सब सही हो जाएगा.
चमकी बुखार के कारण लगातार बिहार से बच्चों की मौत से जुड़ी ख़बरें आ रही हैं
इस देश की जनता अपने प्रधान सेवक से सवाल कर रही है. प्रधान सेवक पर नजर डाली जाए तो पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसा किया है. यदि पीएम मोदी के गुजरे हुए पांच सालों को देखें और उनका अवलोकन करें तो मिलता है कि तब भी ऐसे तमाम मौके आए थे जब वो तब नहीं बोले जब उन्हें बोलना चाहिए. बल्कि जब उनका खुद का मन हुआ तब मुद्दों पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी और जम कर बोले. कह सकते हैं कि नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम चुने जाने के बाद देश की जनता को इस बात का यकीन था कि मोदी अपनी इस आदत को बदलेंगे और अपने बोलने के ढंग में परिवर्तन लाएंगे, मगर...
गौरतलब है कि भारत में स्वास्थ्य कि स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं है. बात क्योंकि बिहार के परिदृश्य में हो रही है तो ये बताना भी बेहद जरूरी है कि क्या गोरखपुर क्या मुजफ्फरपुर इस पूरी बेल्ट में चमकी या इंसेफलाइटिस की समस्या कोई आज की नहीं है. सरकार इस बात को बखूबी जानती थी और अब तक इस समस्या पर क्या निदान हुए वो भी हमारे सामने है. आज भी हमारे अस्पतालों में मूलभूत चीजें नहीं हैं. न तो रोगियों को डॉक्टर मिल पा रहे हैं न ही हमारे अस्पतालों के पास दवाइयां हैं.
इन सभी समस्याओं के निवारण के लिए हम अपने देश के पीएम की तरफ ही देख सकते थे मगर जैसा उनका रुख है उनकी प्राथमिकता फ़िलहाल क्रिकेट है. बहरहाल इतनी बातों के बावजूद इस देश का नागरिक और सक्रिय ट्विटर यूजर होने के नाते मुझे इस बैट का पूरा भरोसा है कि आज नहीं तो कल मेरे प्रधानमंत्री चमकी पर बोलेंगे और बेबाक होकर बोलेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि उनको इस बात का अंदाजा है कि अगले साल बिहार में चुनाव है और आज नहीं तो कल विपक्ष इसे एक बड़ा मुद्दा बनाएगा.
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तो क्या वाकई Lychee जानलेवा बन चुकी है, जो बच्चों को मौत के घाट उतार रही है?
काश किसी को मुजफ्फरपुर के पिताओं का दर्द भी नजर आये
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