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Updated: 27 जनवरी, 2022 04:34 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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यूपी चुनाव 2022 (UP Election 2022) में आगरा की फतेहाबाद सीट चर्चा में बनी हुई है. इस बार यहां का मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है क्योंकि सपा ने बाहुबली (Bahubali) की बेटी को टिकट दिया है. वह बेटी जिसके पिता समेत परिवार के 4 लोग हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. हम जिसकी बात कर रहे हैं उसका नाम रूपाली दीक्षित (Rupali Dixit) है जो बाहुबली अशोक दीक्षित की बेटी हैं. रूपाली ने लंदन से पढ़ाई की है और दुबई में जॉब कर रही थीं. रूपाली को यह पता ही नहीं था कि पिता को जेल हो चुकी है.

Bahubali ashok dixit, Rupali Dixit, sp candidate rupali dixit, MBA from foreignबाहुबली पिता जेल में हैं और बेटी दुबई की नौकरी छोड़कर सपा से चुनावी मैंदान में उतर चुकी है

जब परिवार पर मुसीबत पड़ी तो वे सब छोड़कर अपने देश लौटीं. रूपाली ने परिवार को संभालने के लिए अच्छी-खासी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और 2016 में वह राजनीति के मैदान में कूद गईं. इसके बाद 2017 में उन्होंने बीजेपी की सदस्या भी ले ली लेकिन अब वे सपा के साथ हैं.

जब बदल गई रूपाली की दुनिया

कभी-कभी हम कुछ और करना चाहते हैं लेकिन हमारी किस्मत को कुछ और ही मंजूर होता है. ऐसा की कुछ रूपाली के साथ भी हुआ. रूपाली ने पुणे की सिम्बॉयसिस इंस्टिट्यूट से ग्रैजुएशन के बाद साल 2009 में विदेश चली गईं. इसके बाद ब्रिटेन की कार्डिफ यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएशन किया और एक सामान्य लड़की ती तरह दुबई की कंपनी में नौकरी करने लगी. पिता को जब जेल हुई तो परिवार की वजह से वे अपने देश अपने शहर लौट आईं. बाहुबली पिता के नाम का कभी सिक्का चलता था लेकिन अब जेल में बंद हैं. वो कहते हैं ना कि माता-पिता के कर्मों का असर को बच्चों की जिंदगी पर तो पड़ता ही है. अब रूपाली की जिंदगी भी इस तरह बदल गई. अब उनका भविष्य और करियर तो फिलहाल राजनीति ही है.

Bahubali ashok dixit, Rupali Dixit, sp candidate rupali dixit, MBA from foreignरूपाली ने पुणे की सिम्बॉयसिस इंस्टिट्यूट से ग्रैजुएशन के बाद साल 2009 में विदेश चली गईं

3 मिनट में अखिलेश यादव को किया कन्वेंश

अखिलेश यादव ने जब से इन्हें टिकट दिया है सभी को हैरानी हो रही है क्योंकि इस सीट पर सपा ने पहले ही प्रत्याशी के तौर पर राजेश शर्मा के नाम की घोषणा कर दी थी. असल में स्थानीय इकाई के फीडबैक के बाद पार्टी ने इसमें बदलाव करते हुए रूपाली को इस सीट पर उतार दिया. वहीं नामांकन दाखिल करने के बाद रूपाली ने कहा कि, 'चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला है. देखते हैं कौन किसकी चोटी काटता है? यूपी में जातिवाद बसा है और मुझे भी जवाब देना है. शायद इसीलिए मैंने पकड़ बनाकर अखिलेश यादव को तीन मिनट में अपना दर्द बताकर उन्हें कन्वेंस कर लिया. अब मुझे टिकट मिल गई. मैं 'नई हवा, नई सपा' का पहला चेहरा हूं. मैं सभी जातियों को साथ लेकर चलना चाहती हूं.

Bahubali ashok dixit, Rupali Dixit, sp candidate rupali dixit, MBA from foreignअशोक दीक्षित इस इलाके का बाहुबली माना जाता है जिसने टीचर सुमन यादव की हत्या की थी

पिता शिक्षक सुमन यादव की हत्या की सजा काट रहा

अशोक दीक्षित इस इलाके का बाहुबली माना जाता है. जिसने टीचर सुमन यादव की हत्या की थी. इसके साथ ही अशोक पर लगभग 6 दर्जन केस दर्ज हैं. जिनमें 3 केस तो हत्या से जुड़े हुए हैं. रूपाली का परिवार फिरोजाबाद का रहने वाला हैं लेकिन कारोबार के सिलसिले में वे आगरा में बस गए. साल 2015 में सुमन यादव हत्याकांड में अशोक दीक्षित को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. बाहुबली अशोक दीक्षित भी दो बार फतेहाबाद विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अब इसी सीट से बेटी अपनी जीत का परचम लहराना चाहती हैं.

त्रिकोणीय जातिगत मुकाबला

रूपाली दीक्षित के चुनाव लड़ने की वजह से इस बार आगरा की फतेहाबाद विधानसभा में त्रिकोणीय जातिगत मुकाबला नजर आ रहा है. रूपाली दीक्षित ब्राह्मण हैं इसलिए अब ब्राह्मण वर्सेज ठाकुर वर्सेज निषाद के बीच कड़ी टक्कर हो गई है. असल में कुछ महीनों पहले भाजपा प्रत्याशी छोटेलाल वर्मा ने बाहुबली अशोक दीक्षित की चोटी काट कर गांव के बाहर पेड़ पर लटकाने और ठाकुरों पर 100 राउंड गोली चलवाने का बयान दिया था. हालांकि वीडियो जारी होने के बाद खुद पर साजिश रचने का आरोप लगाया था. अब देखना है कि इन तीनों पार्टियों में दलित वोटर किसकी तरफ रुख करते हैं?

Bahubali ashok dixit, Rupali Dixit, sp candidate rupali dixit, MBA from foreignअब देखना है कि विदेश से लौटने वाली बाहुबली की इस बेटी पर लोग कितना भरोसा करते हैं?

रूपाली दीक्षित चुवानी मैदान में उतर तो गईं हैं लेकिन राहें इतनी भी आसान नहीं है. परिवार की दागी छवि को धोना इतना आसान नहीं है. अभी वे भले ही छोटे लाल के वीडियो को जाति-पाति के आधार पर भुना रही हैं लेकिन यह मुद्दा बहुत दिनों तक टिक नहीं पाएगा. अब देखना है कि जिस तरह इन्होंने 3 मिनट में अखिलेश यादव को टिकट बदलने के लिए राजी किया है, क्या ये जनता को मना पाएंगी? वैसे सोशल मीडिया पर इनके नाम के कई पेज हैं जिनपर इनके गावों में भ्रमण के वीडियो और तस्वीरें शामिल है. अब देखना है कि विदेश से लौटने वाली बाहुबली की इस बेटी पर लोग कितना भरोसा करते हैं?

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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