क्या राजीव गांधी भी असहिष्णु थे... वीडियो तो यही कहता है!
‘जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है.’ राजीव गांधी ने कहा था. ऐसे में मांग उठ रही है कि जो प्रधानमंत्री बेगुनाह नागरिकों की हत्या को जायज ठहराता है, वह भारत रत्न कैसे?
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सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए काम कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट के वकील और AAP नेता एचएस फुलका ने राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लिए जाने की मांग की. फुलका ने जिस संवाददाता सम्मेलन में यह मांग उठाई, उसमें उनके साथ बीजेपी नेता आरपी सिंह भी मौजूद थे. दोनों नेताओं ने 1984 में इंदिरा गांधी की मृत्यु के कुछ दिन बाद दिए गए राजीव गांधी के उस भाषण का वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है.’
राजीव गांधी के उस बयान को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जोड़कर देखा जाता रहा है. एचएस फुलका ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा, 'राजीव गांधी के भाषण के बारे में पता सबको था लेकिन रिकॉर्डिंग किसी के पास नहीं थी. ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पीएम के द्वारा नरसंहार को जायज ठहराना कहीं से भी जायज नहीं था.'
फुलका ने कहा, ‘जो प्रधानमंत्री बेगुनाह नागरिकों की हत्या को जायज ठहराता है, वह निश्चित रूप से भारत रत्न का हकदार नहीं है. इसलिए हम सरकार से राजीव गांधी को प्रदान किए गए भारत रत्न सम्मान को वापस लेने की मांग करते हैं.’
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