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Updated: 08 सितम्बर, 2021 06:59 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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अफगानिस्तान में हथियारों और आतंक के दम पर सत्ता पर काबिज हुए आतंकवादी संगठन तालिबान ने अपनी सरकार की घोषणा कर दी है. इस बात का पहले से ही अंदाजा था कि समावेशी सरकार बनाने के अपने दावे से उलट तालिबान की इस अंतरिम सरकार में केवल आतंकवादी सदस्यों को ही शामिल किया गया है. तालिबान ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि अफगानिस्तान को अब इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान के नाम से जाएगा. तालिबान सरकार की इस कैबिनेट में 33 आतंकियों को शामिल किया गया है, जिनमें से कई वैश्विक आतंकी का दर्जा हासिल किए हुए नेता हैं.

तालिबान सरकार की घोषणा के साथ ही ये तय हो गया है कि अब अफगानिस्तान को तालिबान के आतंकी ही चलाएंगे. तालिबान सरकार की कैबिनेट लिस्ट में शामिल कई आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने ग्लोबल आतंकी घोषित किया हुआ है. कुल मिलाकर नई तालिबान सरकार संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद के खिलाफ चलाई जाने वाली मुहिम के लिए एक बड़ा झटका है. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका व अन्य देशों को मजबूरन इन आतंकियों के साथ बातचीत करने के लिए आगे आना ही पड़ेगा. आइए जानते हैं तालिबान सरकार के मंत्रियों का आतंक से क्या कनेक्शन रहा है?

तालिबान सरकार की इस कैबिनेट में 33 आतंकियों को शामिल किया गया है, जिनमें से कई वैश्विक आतंकी का दर्जा हासिल किए हुए नेता हैं.तालिबान सरकार की इस कैबिनेट में 33 आतंकियों को शामिल किया गया है, जिनमें से कई वैश्विक आतंकी का दर्जा हासिल किए हुए नेता हैं.

अमीर-उल-अफगानिस्तान : हैबतुल्लाह अखुंदजादा

तालिबान सरकार में इस्लामिक आतंकवादी संगठन का सरगना हैबतुल्लाह अखुंदजादा सर्वोच्च नेता होगा. हैबतुल्लाह अखुंदजादा को अमीर-उल-अफगानिस्तान कहा जाएगा. अफगानिस्तान में शरिया कानूनों को हर स्तर पर कड़े रूप से लागू करवाने की जिम्मेदारी इसी आतंकी की होगी. पिछले तालिबानी शासन के दौरान चोरी जैसे मामलों में अंग काटने से लेकर महिलाओं के हिजाब न पहनने पर सरेआम कोड़े बरसाने तक के कठोर और बर्बर शरिया कानूनों को हैबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेशों पर ही लागू किया गया था.

प्रधानमंत्री : मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद

संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकियों की लिस्ट में शामिल मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद तालिबान सरकार का प्रधानमंत्री होगा. बामियान में भगवान बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ने का आदेश देने वाला मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद ही था. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बुद्ध की प्रतिमाओं को बम से उड़ाने का आदेश को इसने मजहबी जिम्मेदारी बताया था. कहा जा रहा है कि मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ फैज हामिद के कहने पर ही प्रधानमंत्री बनाया गया है. मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद तालिबान की रहबारी शूरा (लीडरशिप काउंसिल) का मुखिया है. सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा का करीबी वफादार रहा है.

डिप्टी पीएम : मुल्ला अब्दुल गनी बरादर

तालिबान सरकार पर पाकिस्तान के प्रभाव के चलते मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया. लेकिन, तालिबान के संस्थापक और शीर्ष नेताओं में से एक अब्दुल गनी बरादर को डिप्टी पीएम बनाया गया है. संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकियों की लिस्ट में मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का नाम भी शामिल है. अमेरिका के साथ बातचीत में अब्दुल गनी बरादर ही तालिबान का चेहरा बनकर सबसे आगे नजर आया था. अमेरिका के साथ करीबी और कथित तौर पर उदारवादी होने की वजह से मुल्ला बरादर को डिप्टी पीएम बनाया गया है. अब्दुल गनी बरादर तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का दायां हाथ कहा जाता था. पिछले तालिबानी शासन में लोगों पर हुए अत्याचारों में वो भी बराबर का हिस्सेदार है. अमेरिका के साथ वार्ता में इसी अब्दुल गनी बरादर ने महिलाओं और अफगान नागरिकों के अधिकारों को लेकर झूठे सब्जबाग दिखाए थे.

डिप्टी पीएम : अब्दुल सलाम हनाफी

संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकियों की लिस्ट में शामिल अब्दुल सलाम हनाफी को तालिबान सरकार में दूसरा डिप्टी पीएम बनाया गया है. अब्दुल सलाम हनाफी पर ड्रग्स का अवैध व्यापार करने के आरोप हैं. ड्रग्स की बिक्री के जरिये तालिबान को आर्थिक रूप से मजबूत करने का श्रेय अब्दुल सलाम हनाफी को जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने अब्दुल सलाम हनाफी को 1999 में तालिबानी आतंकी घोषित किया था. पिछली तालिबानी सरकार में वो शिक्षा मंत्री था. अब्दुल सलाम हनाफी को आलिम-ए-दीन के तौर पर भी जाना जाता है.

गृह मंत्री : सिराजुद्दीन हक्कानी

सिराजुद्दीन हक्कानी संयुक्त राष्ट्र के साथ ही अमेरिका द्वारा भी आतंकी घोषित किया जा चुका है. घोषित आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सर्वेसर्वा सिराजुद्दीन हक्कानी पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ है. एफबीआई की मोस्टवांटेड लिस्ट में शामिल आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी के आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में आत्मघाती या फिदायीन हमलों का जनक कहा जाता है. इस आतंकी संगठन का हर आतंकवादी सुसाइड हमलों के लिए तैयार रहता है. 2008 में काबुल के भारतीय दूतावास पर आत्मघाती हमला कर 58 लोगों को मारा था. 2014 में पेशावर में एक स्कूल पर हमला कर 200 बच्चे को मार डाला. 2017 में काबुल में फिदायीन हमलों के जरिये 150 से ज्यादा लोगों की मौत में हक्कानी नेटवर्क का हाथ रहा है. वैश्विक आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी अब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में गृह मंत्री होगा.

विदेश मंत्री : अमीर खान मुत्तकी

तालिबान की सुप्रीम काउंसिल का सदस्य और प्रतिबंधित आतंकियों लिस्ट में शामिल अमीर खान मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाया गया है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अमीर खान मुत्तकी तालिबान के प्रमुख सदस्यों में से एक है. तालिबान की पिछली सरकार में अमीर खान मुत्तकी को संस्कृति और सूचना मंत्री का पद मिला हुआ था. अमेरिका के साथ बातचीत के टेबल पर मुत्तकी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराता रहा है. कहा जा रहा है कि तालिबान के अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जे में मुत्तकी ने नागरिकों को अपनी बातों से भड़का कर अफगान सरकार के खिलाफ जहर भरा था.

रक्षा मंत्री : मुल्ला याकूब

आतंकियों की इस सरकार में तालिबान के संस्थापक मोहम्मद उमर के बेटे मुल्ला याकूब को नया रक्षा मंत्री बनाया गया है. इसी के साथ वह 30 साल की कम उम्र में देश का रक्षा मंत्री बनने वाला पहला शख्स भी बन गया है. हैबतुल्ला अखुंदजादा के मदरसे में शिक्षा पाने वाला मुल्ला याकूब तालिबान के सैन्य आयोग और सशस्त्र लड़ाकों का कमांडर इन चीफ था. अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाकों के हमलों के पीछे मुल्ला याकूब का ही दिमाग था. मुल्ला याकूब भी संयुक्त राष्ट्र की लिस्ट में घोषित आतंकी है. अफगानिस्तान पर तालिबान के दोबारा कब्जे के लिए सशस्त्र अभियान का नेतृत्व मुल्ला याकूब ने ही किया था.

तालिबान सरकार के ये सभी मंत्री आतंकी संगठन का हिस्सा हैं और किसी न किसी तरह से आतंकवादी घटनाओं में शामिल रहे हैं. अगर इस तालिबान सरकार को मान्यता मिल जाती है, तो इन सभी आतंकियों के नाम प्रतिबंधित आतंकियों की लिस्ट से हटाए जा सकते हैं. भविष्य में तालिबान के आतंकी संयुक्त राष्ट्र में संबोधन करते हुए भी सुनाई देंगे. तालिबान सरकार की पूरी कैबिनेट लिस्ट इस प्रकार है:

प्रधानमंत्री : मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद

डिप्टी पीएम : मुल्ला अब्दुल गनी बरादर

डिप्टी पीएम : अब्दुल सलाम हनाफी

गृह मंत्री : सिराजुद्दीन हक्कानी

रक्षा मंत्री : मोहम्मद याकूब

वित्त मंत्री : मुल्ला हिदायतुल्ला बदरी

विदेश मंत्री : मौलवी आमिर खान मुत्तकी

शिक्षा मंत्री : शेख मौलवी नूरुल्ला मुनीर

न्याय मंत्री : मौलवी अब्दुल हकीम शरिया

पवित्रता मंत्री : शेख मोहम्मद खालिद

उच्च शिक्षा मंत्री : अब्दुल बाकी हक्कानी

ग्रामीण विकास मंत्री : यूनुस अखुंदजादा

शरणार्थी मामलों के मंत्री : खलीलउर्रहमान हक्कानी

जन कल्याण मंत्री : मुल्ला अब्दुल मनन ओमारी

मिनिस्टर ऑफ कम्युनिकेशन : नजीबुल्ला हक्कानी

माइन्स एंड पेट्रोलियम मंत्री : मुल्ला मोहम्मद अस्सा अखुंद

मिनिस्टर ऑफ इलेक्ट्रिसिटी : मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसौर

मिनिस्टर ऑफ एविएशन : हमीदुल्लाह अखुंदजादा

मिनिस्टर ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कल्चर : मुल्ला खैरुल्लाह खैरख्वाह

मिनिस्टर ऑफ इकोनॉमी : कारी दिन मोहम्मद हनीफ

हज एंड औकाफ मिनिस्टर : मौलवी नूर मोहम्मद साकिब

मिनिस्टर ऑफ बॉर्डर्स एंड ट्राइबल अफेयर्स : नूरउल्लाह नूरी

उप विदेश मंत्री : शेर मोहम्मद स्टेनेकजई (बीते दिनों दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल से बातचीत करने वाले)

उप वित्त मंत्री : मुल्ला मोहम्मद फाजिल अखुंद

संस्कृति मंत्रालय के डिप्टी मिनिस्टर : जबीउल्लाह मुजाहिद

रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ : कारी फसीहउद्दीन (ताजिक मूल का तालिबान कमांडर, पंजशीर में जीत का परचम लहराने वाला)

सेना प्रमुख : मुल्ला फजल अखुंद

डायरेक्टर जनरल ऑफ इंटेलिजेंस : अब्दुल हक वासिक

डिप्टी चीफ ऑफ इंटेलिजेंस : मुल्ला ताज मीर जवाद

नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्योरिटी प्रमुख : मुल्ला अब्दुल हक वासिक

चीफ ऑफ अफगानिस्तान बैंक : हाजी मोहम्मद अद्दरैस

एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ अफेयर्स : मौलवी अहमद जान अहमदी

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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