पोलैंड पर गिरी रूसी मिसाइल 'विश्वयुद्ध रोकने वालों' ने दागी हैं!
रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच पोलैंड (Poland) में रूसी मिसाइलों से दो लोगों की मौत की खबर से हड़कंप मच गया था. क्योंकि, अभी तक रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से जिस तीसरे विश्व युद्ध (World War) के भड़कने की संभावना जताई जा रही थी. पोलैंड पर रूसी मिसाइल से हमले के बाद पूरी दुनिया अचानक ही उसकी दहलीज पर आ खड़ी हो गई थी.
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पोलैंड में रूसी मिसाइलों से दो लोगों की मौत की खबर से हड़कंप मच गया था. इंडोनेशिया में चल रही जी-20 समिट में हिस्सा ले रहे दुनिया के तमाम देशों की धड़कनें अचानक ही बढ़ गईं. क्योंकि, अभी तक रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से जिस तीसरे विश्व युद्ध के भड़कने की संभावना जताई जा रही थी. पोलैंड पर रूसी मिसाइल से हमले के बाद पूरी दुनिया अचानक ही उसकी दहलीज पर आ खड़ी हो गई थी. क्योंकि, पोलैंड दुनिया के सबसे बड़े सैन्य संगठन नाटो का सदस्य देश है. और, उस पर इस तरह के हमले के जवाब में नाटो सदस्यों को रूस पर कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ता. इसी वजह से आनन-फानन में नाटो सदस्य देशों की इंडोनेशिया में ही आपात बैठक बुला ली गई.
शुरुआती जांच में ये साबित नहीं हो सका था कि पोलैंड पर ये हमला रूस ने ही किया है.
एक बड़ा तबका जो अब तक खुद को शांति दूत के तौर पर पेश करता चला आ रहा था. पोलैंड पर रूसी मिसाइलों के गिरते ही अचानक से युद्ध को भड़काने वाले के तौर पर नजर आने लगे. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलाडिमीर जेलेंस्की ने रूस को आतंकी देश बताते हुए यहां तक कह डाला कि 'पूरी दुनिया को रूस से बचाना होगा. और, रूस युद्ध को भड़काने की कोशिश कर रहा है.' दुनियाभर की कई एजेंसियां ये साबित करने में जुट गईं कि ये हमला रूस की ओर से ही किया गया है. हर संभव मंच पर इसी बात की चर्चा होने लगी कि रूस ने नाटो के मित्र देश पर आखिर हमला क्यों किया? और, उधर लेकिन, इस मामले पर रूस की ओर से नपी-तुली प्रतिक्रिया आई. रूस ने साफ शब्दों में कहा कि 'ये हमला उसकी ओर से नहीं किया गया है.'
Had a call with Poland Prez Andrzej Duda. Expressed condolences over death of Polish citizens from Russian missile terror. We exchanged available info & are clarifying facts. Ukraine, Poland, all Europe & world must be fully protected from terrorist Russia: Ukraine Prez Zelenskyy pic.twitter.com/2c2rzdjqh6
— ANI (@ANI) November 16, 2022
पोलैंड में हुआ क्या था?
दरअसल, यूक्रेन की सीमा से लगे पोलैंड के हिस्से में रूसी मिसाइलों के गिरने से दो पोलिश नागरिकों की मौत हो गई थी. यह पहला मौका था, जब रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी तीसरे देश को सीधा नुकसान पहुंचा हो. पोलैंड ने इस हादसे के बाद केवल इतना ही कहा था कि 'हमले में इस्तेमाल की गई मिसाइलें रूसी थीं. लेकिन, ये नहीं पता लग सका है कि इन्हें किसने छोड़ा था?' वहीं, इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नाटो बैठक के बाद कहा कि 'इस बात की संभावना कम है कि रूस ने नाटो सहयोगी पोलैंड पर मिसाइलें दागी हों. लेकिन, फिर भी पोलैंड की जांच में मदद की जाएगी. क्योंकि, उसने मिसाइलों के रूसी होने का दावा किया था.'
पोलैंड में गिरी यूक्रेनी मिसाइलें
शुरुआती जांच में ये साबित नहीं हो सका था कि ये हमला रूस ने ही किया है. इसके बावजूद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलाडिमीर जेलेंस्की ने इसका सारा दोष रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर मढ़ दिया. वहीं, जांच के आगे बढ़ने पर पता चला कि पोलैंड में गिरी मिसाइलें यूक्रेनी सेना की थीं. जिन्हें रूसी मिसाइलों को रोकने के लिए दागा गया था. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या वलाडिमीर जेलेंस्की ने किसी साजिश के तहत पोलैंड पर रूसी मिसाइलों के जरिये हमला किया था? क्योंकि, यूक्रेन भी रूसी मिसाइलों के जरिये ही युद्ध लड़ रहा है. तो, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि नाटो की सदस्यता वाले देश पर हमला कर जेलेंस्की ने कोशिश की हो कि पश्चिमी देशों को रूस के खिलाफ और भड़काया जा सके. क्योंकि, ऐसे हमले पर सैन्य संगठन नाटो को न चाहते हुए भी युद्ध में उतरना पड़ता.
सिर्फ रूस को ही दोष क्यों?
रूस-यूक्रेन युद्ध के पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वलाडिमीर जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों के सैन्य संगठन नाटो में शामिल होने की जिद पकड़ ली थी. और, जेलेंस्की की इस जिद को अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देशों ने हाथों-हाथ लिया. और, यूक्रेन को नाटो की सदस्यता दिए जाने को लेकर माहौल बनाना शुरू कर दिया. यहां बताना जरूरी है कि ये तमाम देश खुद को शांति का सबसे बड़ा पक्षधर कहते चले आ रहे हैं. लेकिन, दूसरे देशों में अस्थिरता का माहौल बनाना इनका पुराना पेशा है.
खैर, वलाडिमीरी जेलेंस्की ने जब नाटो की सदस्यता को लेकर आतुरता दिखानी शुरू की. तो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को चेताया था. पुतिन ने कहा था कि नाटो का सदस्य बनने की कोशिशें यूक्रेन के लिए घातक हो सकती हैं. लेकिन, वलाडिमीर जेलेंस्की ने पुतिन की चेतावनियों को नजरअंदाज किया. और, पश्चिमी देशों के साथ गलबहियां करते दिखने लगे.
वैसे भी अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देश रूस पर नकेल डालने की कई दशकों से कोशिश करते रहे हैं. और, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के जरिये उन्हें ऐसा करने का मौका मिल गया. और, उन्होंने नाटो का जुमला छेड़ दिया. इस बात में शायद ही कोई दो राय होगी कि अगर पश्चिमी देश यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का आमंत्रण न देते. तो, रूस-यूक्रन युद्ध होने की संभावना ही नहीं बनती. आसान शब्दों में कहें, तो पोलैंड पर गिरी रूसी मिसाइल 'विश्वयुद्ध रोकने वालों' ने दागी हैं.
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