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Updated: 29 मई, 2019 05:23 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों का गवाह पूरा देश बन चुका है. 7 चरण में गुजरे इस चुनाव पर गौर किया जाए तो मिलता है कि चुनाव का सबसे दिलचस्प रंग हमें पश्चिम बंगाल की भूमि पर देखने को मिला. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का लक्ष्य जहां अपना किला बचाना था. तो वहीं भाजपा की तरफ से भी वो तमाम प्रयास किये गए जिससे वो टीएमसी के दुर्ग में सेंधमारी करके बंगाल की भूमि पर कमल खिला सके. चाहे पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह हों या फिर स्वयं प्रधानमंत्री मोदी रहे हों जिस ढंग से भाजपा की तरफ से बंगाल पर हमला बोला गया, ये पहले ही साफ हो गया था कि चुनाव के बाद ऐसा बहुत कुछ दिखेगा जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो.

शुरुआत हो चुकी है. बंगाल में बीजेपी, टीएमसी के किले में बड़ी सेंधमारी करने में कामयाब हुई. बंगाल में ममता का कुनबा बिखर गया है. बंगाल के 3 विधायक और तृणमूल कांग्रेस के 50 पार्षदों ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली है. माना जा रहा है कि ये सिलसिला अभी भविष्य में और बढ़ेगा.

भाजपा, बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली, लोकसभा चुनाव 2019, ममता बनर्जी      नतीजों के फौरन बाद बंगाल से तीन विधायकों का भाजपा में आना ये बताता है कि इससे ममता बनर्जी की रीढ़ टूटी है

बात अगर टीएमसी के दुर्ग से निकलकर भाजपा के खेमे में कूच करने वाले इन तीन विधायकों की हो तो इसमें 2 लोग शुभ्रांशु रॉय और तुषार कांति भट्टाचार्जी तृणमूल कांग्रेस के हैं. जबकि एक विधायक देवेन्द्र रॉय सीपीएम के हैं. ध्यान रहे कि शुभ्रांशु रॉय, मुकुल रॉय के बेटे हैं. ममता और बंगाल की राजनीति में मुकुल रॉय की क्या भूमिका रही है इसे हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी जमाने में मुकुल रॉय बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के न सिर्फ करीबी थे बल्कि उन्हें ममता का दाहिना हाथ तक कहा जाता था. बाद में इनका नाम शारदा चिट फंड घोटाले में आया और ममता बनर्जी ने खुद को आलोचनाओं से बचाने के लिए इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था.

बंगाल में भाजपा की इस उपलब्धि का पूरा श्रेय कैलाश विजयवर्गीय और उनकी रणनीति को दिया जा रहा है. दिल्ली में पार्टी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से संबोधित हुए कैलाश  विजयवर्गीय ने कहा है कि, जैसे 7 चरण में चुनाव हुए थे हम भी इसी प्रकार अगले महीने 7 चरण में जॉइनिंग का कार्यक्रम करेंगे. हर महीने अलग अलग चरणों में जॉइनिंग का कार्यक्रम होगा. ये पहले चरण में तीन विधायक और 50 काउंसलर है और 3 नगर पालिकाओं पर हमारा कब्ज़ा है और जिला पंचायत पर भी हमारा कब्ज़ा होगा.

इसके अलावा कैलाश विजयवर्गीय ने ये भी कहा कि अब धीरे धीरे करके ममता जी के आतंक से उनकी तानाशाही से परेशान होकर जिन लोगों का टीएमसी में दम घुट रहा है वो सारे लोग बीजेपी में आना चाहते हैं अब धीरे धीरे करके सभी लोग भाजपा में आ जाएंगे.

गौरतलब है कि टीएमसी का किला भेदने की भाजपा की ये रणनीति कोई आज की नहीं है. पार्टी इसपर लम्बे समय से काम कर रही है. यदि इस बात को समझना हो तो हम पीएम मोदी की उस रैली का जिक्र कर सकते हैं जिसने उन्होंने इस बात को स्वीकारा था कि तृणमूल के 40 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं. साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी से ये भी कहा था कि चुनाव के नतीजों के बाद टीएमसी की जमीन खिसक जाएगी.

भाजपा, बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली, लोकसभा चुनाव 2019, ममता बनर्जी      माना जा रहा है कि जैसे जैसे दिन बढ़ेंगे अभी बहुत से लोग हैं जो भाजपा के पाले में आ सकते हैं

ज्ञात हो कि 2021 में बंगाल में चुनाव है और जिस तरह भाजपा तृणमूल के लोगों को तोड़कर अपने पाले में लाने में कामयाब हुई है कह सकते हैं कि 2021 के विधानसभा चुनाव की तैयारी भाजपा ने 2019 से ही शुरू कर दी है. आज बंगाल की 42 में से 18 सीटों पर बीजेपी के सांसद हैं.

अतः हमारे लिए ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि भाजपा ने जो भी प्रयोग बंगाल की भूमि पर किये वो कामयाब हुए और जैसे समीकरण आज तैयार हुए हैं वो खुद ब खुद इस बात की पुष्टि कर देते हैं कि आने वाले वक़्त में बंगाल की भूमि से तृणमूल का सफाया होगा और यहां भाजपा का केसरिया ध्वज लहराएगा.

बात क्योंकि अन्य दलों के लोगों के भाजपा ज्वाइन करने की चल रही है तो हमारे लिए कर्नाटक और दिल्ली का भी रुख करना बेहद जरूरी हो जाता है. आपको बताते चलें कि कर्नाटक में जबरदस्त सियासी घमासान देखने को मिल रहा है. बताया जा रहा है कि कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बीजेपी के निशाने पर है. कहा ये भी जा रहा है कि सरकार गिराने या मध्यावधि चुनाव कराने के लिए काडर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से संकेत मिलने की प्रतीक्षा कर रहा है.

आपको बताते चलें कि कर्नाटक में बीजेपी ने 28 सीटों में से 25 सीटों पर जीत हासिल की है. इस जीत के आधार पर ही पार्टी ने राज्य में अपनी सरकार बनाने  के प्रयास तेज कर दिए हैं. बात अगर 2018 के विधानसभा चुनावों की हो तो कुछ और बताने से पहले ये बताना बेहद जरूरी है कि यहां बीजेपी बहुत कम सीटों के अंतर से सरकार बनाने से चूक गई थी. तब विधानसभा चुनावों में जेडीएस को 37 और कांग्रेस को 80 सीटें मिली थीं और दोनों ने मिलकर गठबंधन सरकार बना ली थी.

भाजपा, बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली, लोकसभा चुनाव 2019, ममता बनर्जी      कर्नाटक में भी जबरदस्त सियासी घमासान मचा है माना जा रहा है कि वहां भी जल्द ही सत्ता परिवर्तन हो सकता है

कर्नाटक के लिए भाजपा किस हद तक गंभीर है इसे हम बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार बीएस येदियुरप्पा के उस बयान से समझ सकते हैं जो उन्होंने लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के फौरन बाद दिया था. येदियुरप्पा  ने कहा था कि,''हमें लगता है कि गठबंधन की सरकार अपने ही समझौते के कारण गिर जाएगी. कोई भी कदम उठाने से पहले हम केंद्र से निर्देशों का इंतज़ार करेंगे.'

ज्ञात हो कि कर्नाटक के राजनीतिक गलियारों में उस खबर के बाद खूब खलबली मची थी जब ये पता चला कि जेडीएस के दो विधायक भाजपा विशेषकर बीएस येदियुरप्पा के संपर्क में है जो किसी भी क्षण पाला बदलकर भाजपा के खेमे का रुख कर सकते हैं.

कर्नाटक के बाद यदि हम देश की राजधानी दिल्ली का रुख करें तो मिल रहा है कि यहां भी जिस तरह 2019 के चुनाव में भाजपा ने 7 में से 7 सीटें जीतीं वो ये बताने के लिए काफी हैं कि पार्टी आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर खासी गंभीर है. अभी कुछ दिन पहले ही आम आदमी पार्टी के दो विधायकों का भाजपा ज्वाइन करना ये बताने के लिए काफी है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के अच्छे दिनों पर अंकुशा लग गया है और अब बहुत जल्द उनका सूरज अस्त होने वाला है.

बहरहाल, एक एक कर जिस तरह अन्य दलों के लोग भाजपा के खेमे में आ रहे हैं उससे ये साफ हो जाता है कि धीरे धीरे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने उस लक्ष्य के करीब आ रहे हैं जिसमें उनका उद्देश्य पूरे देश को जीतना था. चाहे बंगाल हो या फिर कर्नाटक और दिल्ली आने वाले वक़्त में भाजपा यहां क्या और कितना बड़ा कर पाती है इसका फैसला वक़्त करेगा मगर जैसे हालात हैं साफ हो गया है कि इससे उन तमाम लोगों के बीच बेचैनी बढ़ा गई है जो लम्बे समय से प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को लेकर रणनीति बना रहे हैं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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