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Updated: 11 अक्टूबर, 2022 09:45 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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AAP के पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद गौतम द्वारा धर्मांतरण कराने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था. और, आम आदमी पार्टी एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है. दरअसल, आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रमुख गोपाल इटालिया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें गोपाल इटालिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नीच किस्म का आदमी' बताते हुए उन पर अभद्र भाषा में कई आपत्तिजनक टिप्पणियां करते दिखाई पड़ रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद भाजपा ने आम आदमी पार्टी को निशाने पर ले लिया है. भाजपा नेताओं ने गोपाल इटालिया की इस अभद्रता को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही गुजरात का अपमान बता दिया है. वहीं, गोपाल इटालिया ने इसे फर्जी वीडियो बताते हुए अपनी सफाई में कहा है कि 'उन्हें पाटीदार होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है.' 

वैसे, गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने गृहराज्य पहुंचे नरेंद्र मोदी ने एक रैली में पलटवार करते हुए कहा कि 'पिछले 20 साल से जो लोग गुजरात के खिलाफ थे, उन्होंने राज्य को बदनाम करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी. उन्होंने मुझे मनचाही गालियां दीं, मुझे मौत का सौदागर भी कहा. लेकिन, अचानक वे चुप हो गए हैं. उन्होंने मुझे गाली देने, हंगामा करने और शोर मचाने का काम दूसरों को दे दिया है.' यहां गौर करने वाली बात ये है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जवाबी हमले में कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी को भी लपेट लिया. दरअसल, नरेंद्र मोदी कभी भी इस तरह के अपशब्दों पर सीधी प्रतिक्रिया नहीं देते हैं. बल्कि, उसे अपने चुनावी बयानों में ढाल कर अपना सियासी हथियार बना लेते हैं. 2018 के एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था कि 'इस तरह की आलोचनाओं को मैं अपना सौभाग्य मानता हूं.'

इसे एक संयोग ही कहा जाएगा कि 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी पीएम नरेंद्र मोदी को 'नीच' कहा गया था. उस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी के खिलाफ ये अपशब्द इस्तेमाल किए थे. और, भाजपा ने इसे पीएम की जाति का मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस को बैकफुट पर डाल दिया था. उसी तरह से आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया भी अब नरेंद्र मोदी को नीच बताकर आलोचनाओं से घिर गए हैं. देखा जाए, तो पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जब-जब इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने इसे अपना सियासी हथियार बनाते हुए विपक्षी पार्टियों के ऊपर ही चला दिया है. और, विपक्षी दल इससे चारों खाने चित्त हुए हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ मामलों के बारे में...

Tradition of abusing PM Narendra Modiपीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्दों या अभद्र भाषा का इस्तेमाल हमेशा ही विपक्ष को भारी पड़ा है.

'चौकीदार चोर है' पर राहुल गांधी को मांगनी पड़ी थी माफी

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक रैली में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'चौकीदार चोर है' का सियासी नारा दिया था. राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर राफेल डील में घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है. दरअसल, कांग्रेस के पास मोदी सरकार के खिलाफ कोई चुनावी मुद्दा नहीं था. और, उसी दौरान सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील के लीक दस्तावेजों के सहारे एक याचिका लगाई गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने को हामी भर दी थी.

इसी को आधार बनाकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'चौकीदार चोर है' का नारा दे डाला. लेकिन, पीएम नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के इस नारे को ही अपना सियासी हथियार बना लिया. पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में इस नारे को 'मैं भी चौकीदार' के सोशल मीडिया कैंपेन में बदल दिया. जिसके बाद बड़ी संख्या में सोशल मीडिया यूजर्स ने अपने नाम के साथ चौकीदार जोड़ना शुरू कर दिया. देखते ही देखते राहुल गांधी अपने इस नारे पर घिर गए. वहीं, कुछ समय बाद इस नारे की वजह से राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी तक मांगनी पड़ गई.

मणिशंकर अय्यर का बयान कांग्रेस को ले डूबा

2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र के खिलाफ गोपाल इटालिया द्वारा कहे गए ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल किया था. मणिशंकर अय्यर ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें नीच किस्म का आदमी कहा था. और, मणिशंकर का ये बयान गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए घातक साबित हुआ था. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे अपनी जाति से जोड़ते हुए गुजरात विधानसभा चुनाव का रुख ही बदल दिया था.

मणिशंकर अय्यर के बयान पर पीएम मोदी ने सूरत में एक रैली के दौरान कहा था कि 'बड़ी यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने वाले एक नेता हैं. मनमोहन सरकार में मंत्री रहे हैं. उन्होंने मोदी को नीच जाति का कहा है. यह गुजरात का अपमान है. क्या ये जातिवाद नहीं है? क्या हमारे देश के दलितों का अपमान नहीं है?' इस चुनाव में भाजपा को सूरत इलाके की 16 में से 15 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. और, गुजरात की सत्ता पर एक बार फिर से भाजपा का कब्जा हो गया था.

2014 में 'चायवाला' ने बना दिया मोदी को पीएम

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर हमेशा से ही नरेंद्र मोदी पर अपमानजनक टिप्पणियां करते रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'चायवाला' शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि 'ये (मोदी) कभी पीएम नहीं बनेगा. इन्हें चाय की दुकान खोलनी पड़ जाएगी.' भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी ने चायवाला शब्द को चुनावी हथियार बनाते हुए कांग्रेस की बखिया उधेड़ दी. पीएम मोदी ने उस दौरान कहा था कि 'कांग्रेस को लग रहा है कि एक चायवाला कैसे इस देश का पीएम बन सकता है. ये गरीबों से नफरत करने वाले परिवारवादी लोग हैं.' भाजपा और मोदी को उनके अय्यर के इस बयान का भरपूर फायदा मिला. और, केंद्र की सत्ता पर भाजपा काबिज हो गई.

'मौत का सौदागर' कर गया, कांग्रेस पर ही बैकफायर

2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी चुनाव प्रचार में जुटी हुई थीं. इसी दौरान सोनिया गांधी ने एक रैली में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को 'मौत का सौदागर' कहा था. सोनिया गांधी को लगा था कि नरेंद्र मोदी को गोधरा दंगों का दोषी ठहराकर कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों के साथ ही दंगों में मारे गए पीड़ितों का समर्थन मिल जाएगा. लेकिन, पीएम मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बयान को ऐसा मुद्दा बनाया कि कांग्रेस की हालत खराब हो गई. वोटों का ध्रुवीकरण सोनिया गांधी के बयान से ज्यादा नरेंद्र मोदी के पलटवार पर हुआ. और, कांग्रेस उस चुनाव में 59 सीटों पर पहुंच गई थी. वहीं, भाजपा ने 117 सीटें जीती थीं.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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