Uddhav Thackeray CM होंगे, तो रणनीतिकार रश्मि ठाकरे ही कहलाएंगी
NCP की सहमती के बाद आखिरकार Uddhav Thackeray महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. उद्धव यहां तक कैसे पहुंचे हैं? यदि सवाल इसपर हो तो इसका साफ़ जवाब है उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे. रश्मि की सूझबूझ की ही बदौलत आज उद्धव इस मुकाम पर पहुंचे हैं.
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बात इसी साल फरवरी की है सोशल मीडिया पर एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी. इंटरनेट पर सुर्खियों में आई इस तस्वीर में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की पत्नी अमृता फडणवीस और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की पत्नी रश्मि ठाकरे थीं. रश्मि बढ़कर अमृता से हाथ मिला रही थीं. फेसबुक और ट्विटर पर वायरल हुई इस तस्वीर को तब मीडिया ने भी दोस्ती की इबारत की तरह दिखाया था. तस्वीर पर नजर डालें तो वाकई ये कई मायनों में एक तारीखी तस्वीर है. सवाल होगा कि फरवरी 2019 की उस तस्वीर पर बात नवंबर 2019 में क्यों हो रही है? तो जवाब है समय के चक्र का घूमना. समय का पहिया घूमा है और वहां पर आकर रुका है जहां अमृता फडणवीस की भूमिका में उनकी दोस्त रश्मि ठाकरे आने वाली हैं. महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री (Uddhav Thackeray To Be CM Of Maharashtra) कौन होगा? जवाब शरद पवार ने उस वक़्त दिया था, जब मुख्यमंत्री के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी. मगर इस मामले में शरद पवार को बड़ा झटका तब लगा था जब अजित पवार अचानक ही भाजपा के साथ हो लिए थे और उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को समर्थन देते हुए खुद उपमुख्यमंत्री की शपथ ले ली थी. अब जबकि बीते कुछ दिनों से जारी ड्रामा ख़त्म हो चुका है और राज्य के मुख्यमंत्री के लिए उद्धव ठाकरे का नाम सामने आ चुका है. हम उद्धव के जीवन में रश्मि की भूमिका को नकार नहीं सकते.
एक प्रोग्राम में अमृता फडणवीस से हाथ मिलाती रश्मि ठाकरे
हमने जिक्र रश्मि ठाकरे का किया था तो बता दें कि आज जिस मुकाम पर उद्धव ठाकरे हैं उसमें रश्मि की एक बड़ी भूमिका है. अब सवाल हो सकता है कि कैसे तो इसके पीछे की वजह है रश्मि ठाकरे का महत्वकांशी होना. कयास तो यहां तक लगाए जा रहे हैं कि चुनाव के बाद जिस वक़्त शिवसेना ने भाजपा के साथ अपना 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ा, उद्धव को ये तरकीब रश्मि ने ही सुझाई. राजनीति को भली प्रकार से समझने वाली रश्मि को इस बात का एहसास था कि इस गठबंधन के टूटने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव क्या कद होगा. नतीजा आज हमारे सामने हैं. उद्धव बतौर सूबे के नए मुख्यमंत्री बनने वाले हैं.
बात रश्मि की चल रही है तो हमारे लिए ये बताना भी बेहद जरूरी हो जाता है कि रश्मि केवल उद्धव की जीवन संगिनी नहीं हैं. उन्हें उद्धव का प्रबल समर्थक, सलाहकार और प्रेरक माना जाता है. वहीं जब जिक्र आम शिवसैनिकों का हो तो उनकी नजरें रश्मि को दूसरी मासाहेब के तौर पर देखती हैं जो एक संत होने के अलावा, दूरदर्शी राजनीतिक रणनीतिकार हैं.
उद्धव के जीवन के अलावा उनकी राजनीति तक में जैसा समर्पण रश्मि का रहा है ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि वर्षा (महाराष्ट्र मुख्यमंत्री आवास) में प्रवेश को लेकर ठाकरे परिवार में शायद ही कोई रश्मि से ज्यादा आतुर रहा हो. ब्राह्मण परिवार में पैदा हुईं रश्मि ठाकरे हिंदुत्व की राजनीति की नई झंडा बरदार हैं जिनके कार्यों के चलते अक्सर संघ भी जिन्हें प्रोत्साहित करता है. माना जाता है कि रश्मि राजनीतिक रूप से बहुत हैं महत्वाकांक्षी.
उद्धव ठाकरे के साथ रश्मि ठाकरे
एक ब्राह्मण परिवार से जुड़ी होने के कारण रश्मि बखूबी आरएसएस की कार्यप्रणाली को समझती हैं. उनके पास एक अच्छा राजनीतिक और साथ ही उम्दा सामाजिक-सांस्कृतिक नेटवर्क है, रश्मि, उद्धव को महत्वपूर्ण समय पर उपयोगी रणनीति बनाने की सलाह देती हैं. कहा यही जाता है कि चुनाव के बाद जिस वक़्त महाराष्ट्र में बरसों के पुराने मित्र शिवसेना और भाजपा की दोस्ती टूटने की कगार पर थी उसमें भी रश्मि की एक बड़ी भूमिका थी. ये रश्मि का ही दाव था कि उद्धव, देवेंद्र से अपनी मित्रता तोड़ें.
रश्मि के बारे में ये बात भी दिलचस्प है कि वो शिवसेना, विशेषकर उद्धव के बारे में कोई भी नकारात्मक बात सुनना पसंद नहीं करती हैं. वह कैडरों और पदाधिकारियों से इनपुट प्राप्त करती है लेकिन किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करती हैं. साथ ही रश्मि के बारे में ये भी मशहूर है कि वो हर महत्वपूर्ण जानकारी और शिकायतों को क्रॉस-चेक करती हैं.
ये रश्मि का समर्पण और काबिलियत ही है जिसके चलते उनकी तुलना मीना ठाकरे जिन्हें मासहेब कहा जाता है, से की जाती है. ध्यान रहे कि ठाकरे परिवार में रश्मि का कद इसलिए भी बड़ा है क्योंकि महाराष्ट्र में महिलाएं हमेशा से ही सियासत को प्रभावित करती रही हैं. चाहे छत्रपति शिवाजी रहे हों या कोई अन्य मराठा राजा, महिलाओं ने हमेशा ही सियासत पर अहम पकड़ बनाई है और कई ऐसे जरूरी निर्णय लिए हैं जिन्हें इतिहास आज भी याद रखता है.
अमृता फडणवीस को शायद ही कभी इस बात का अंदाजा हुआ हो कि रश्मि का पति महाराष्ट्र का सीएम बन सकता है
रश्मि के बारे में ये भी मशहूर है कि उनका शुमार बाल ठाकरे के चहीतों में रहा है और शायद यही वो कारण भी है जिसके चलते आज रश्मि शिवसेना की महिला विंग में एक अहम रोल निभाती हैं. रश्मि का स्वाभाव कैसा है यदि इस प्रश्न का उत्तर समझना हो तो हम उनका वो रूप भी देख सकते हैं जिसमें वो जितनी सहज नीता अंबानी और ऐश्वर्या राय बच्चन के सामने होती हैं उतनी ही सहज ये काडर के परिवार के लिए हैं जो किसी भी क्षण इनके पास जा सकते हैं और ये भी वक़्त की परवाह किये बगैर हमेशा उनकी मदद को तैयार रहती हैं.
कुल मिलाकर रश्मि को लेकर कहा यही जा सकता है कि उनकी उद्धव के साथ राजनीतिक समझ और ट्यूनिंग उत्कृष्ट है. साथ ही ये रश्मि ही थीं जिन्होंने बाल ठाकरे को अपनी विरासत उद्धव को सौंपने को तैयार किया था. कह सकते हैं कि चाहे राज ठाकरे के जाने के बाद उद्धव की हालत रही हो या फिर महाराष्ट्र चुनाव हमेशा ही रश्मि ने शिवसेना की मदद की है.
उद्धव ठाकरे का भविष्य कैसा होगा इसका फैसला वक़्त करेगा मगर जिस तरफ से उन्हें रश्मि समय समय पर कीमती सलाह दे रही हैं माना यही जा रहा है उद्धव ऐसे ही सफलता के नए अध्याय रचेंगे.
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