यूपी में चौथे चरण के चुनावी चकल्लस की ये मजेदार बातें आपने तो मिस नहीं कर दीं?
यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा (Mohsin Raja) जो पत्नी फौज़िया सरवर के साथ लखनऊ के गोमती नगर में मतदान करने भगवा कुर्ता पहनकर गए थे...पीली साड़ी वाली मैडम रीना द्विवेदी भी चर्चा में हैं क्योंकि वे इस बार वेस्टर्न ड्रेस में नजर आईं हैं.
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यूपी विधानसभा चुनाव (up assembly election) के चौथे चरण के लिए 59 सीटों पर मतदान (Voting) जारी है. भारत के सभी राज्यों का चुनाव एक-तरफ और उत्तरप्रदेश विधानसभा का चुनाव एकतरफ, यह बात तो आप मानते ही होंगे. असल में लोगों को यूपी की राजनीति में हमेशा से ही खास दिलचस्पी रही है.
आज की ही बात ले लीजिए एक तरफ स्कूली बच्चों ने लोगों के घरों पर जाकर उनके दरवाजे खटखटाए और वोट डालने की अपील की, तो दूसरी तरफ बीजेपी नेता ब्रजेश पाठक वोट डालने से पहले अपनी पत्नी के साथ हनुमान सेतु मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की. हम यूपी के उन 9 जिलों का हाल बता रहे हैं कि वहां क्या हलचल हो रही है और किन बातों की चुवानी गलियारे में चर्चा हो रही है.
खीमपुर खीरी के फरधान थाना क्षेत्र के बूथ संख्या 85 पर मॉकपाल के समय कोई भी बटन दबाने से कमल की पर्ची निकल रही थी
चुवानी चकल्लस में सबसे पहले बात करते हैं उन्नाव के बीजेपी सांसद ने साक्षी महाराज की, जिन्होंने उन्नाव के एक मतदान केंद्र में पहुंचकर वोट डाला. इसके बाद उन्होंने हिजाब के मुद्दे पर कहा कि "यह नियम कनार्टक में बनाया गया था. मुझे लगता है कि देश में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए.'
'मुझे लगता है कि देश में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए'
वहीं मशहूर शायर मुनव्वर राना का वोटर लिस्ट में नाम ना होने पर नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि जब हुकूमत खुद वोट देने का मौका नहीं दे रही है तो दुख किस बात का. चुनाव मुद्दों पर नहीं हो रहा है हिंदुस्तान की सबसे बड़ी पार्टी मजहब और धर्म के नाम पर चुनाव कर रही है.
मायावती ने बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ की
अब बात करते हैं बसपा प्रमुख बहन मायावती की...जिनके तेवर आज काफी अलग और बदले-बदले दिखे. असल में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे फेज में मतदान करने सुबह बूथ पर पहुंचीं मायावती ने बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ की.
अमित शाह के बसपा के अच्छा चुनाव लड़ने के जवाब के रूप में मायावती ने कहा 'यह उनकी महानता है कि उन्होंने सच्चाई स्वाकार की है. बीएसपी को सिर्फ दलितों और मुसलमानों के ही नहीं, बल्कि सभी वर्गों का वोट मिल रहा है. मायावती बहन ने यह भी कहा कि अखिलेश यादव नकली अंबेडकरवादी हैं'.
इसके अलावा सबसे ज्यादा इस बात की चर्चा रही कि खीमपुर खीरी के फरधान थाना क्षेत्र के बूथ संख्या 85 पर मॉकपाल के समय कोई भी बटन दबाने से कमल की पर्ची निकल रही थी, जिसको लेकर मतदान दो घंटा बाधित रहा. वहीं उन्नाव में कई जगह मतदान का बहिष्कार किया गया.
इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने बांदा में भी ईवीएम खराब होने की बात कही. हद तो तब हो गई जब लखीमपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के कादीपुर सानी पोलिंग बूथ पर लगी ईवीएम मशीन में किसी ने फेवीक्विक डाल दिया.
हमें तो लगता था कि लोग सिर्फ मतदान का बहिष्कार करने की बात ही करते हैं लेकिन उन्नाव में कई जगह मतदान का सच में बहिष्कार किया गया. असल में लखनऊ में बीकेटी के मल्लाहनखेड़ा में बूथ पर गिने चुने वोटर्स ही पहुंचे. यहां के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था. हालांकि अधिकारियों ने दावा किया था कि यहां सब मतदान करेंगे, लेकिन बूथ पर काफी देर तक सन्नाटा पसरा रहा और बहुत से ग्रामीण वोट डालने नहीं आए.
यहां कांग्रेस का कुछ नहीं है, इसलिए इस इलाके को कांग्रेस का गढ़ कहना बंद कीजिए
अब बात करते हैं रिबेल ऑफ रायबरेली अदिति सिंह की. जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं हैं. अदिति सिंह ने रायबरेली में वोट डाला. इसके बाद उन्होंने कहा कि, "यहां कांग्रेस का कुछ नहीं है, इसलिए इस इलाके को कांग्रेस का गढ़ कहना बंद कीजिए. मैं रायबरेली को हमेशा सुरक्षित रखूंगी.
मोहसिन रजा ने वोट डालने भगवा कुर्ता पहनकर गए थे
इसके अलावा जिस बात की खास चर्चा रही वो हैं यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा जो पत्नी फौज़िया सरवर के साथ लखनऊ के गोमती नगर में मतदान करने पहुंचे थे. असल में मोहसिन रजा ने वोट डालने भगवा कुर्ता पहनकर गए थे, अब इस बात की चर्चा तो होनी ही थी.
पीली साड़ी वाली मैडम रीना द्विवेदी इस बार भी चर्चा में हैं
खैर, इसके अलावा पीली साड़ी वाली मैडम रीना द्विवेदी भी चर्चा में हैं क्योंकि वे इस बार वेस्टर्न ड्रेस में नजर आईं हैं. इस बार रीना द्विवेदी की ड्यूटी लखनऊ के मोहनलालगंज विधानसभा के गोसाईगंज बूथ पर लगी है. दूसरी तरफ खाने के शौकीन लखनऊ के कर्मचारियों ने खराब खाना देने का आरोप भी लगाया है...
वैसे यूपी में इतना होना तो चलता है वरना काहे का यूपी चुनाव...वैसे हम तो यहीं कहेंगे कि लोग शांति से अपने मताधिकार का प्रयोग करें. अगर आप चुनाव देने नहीं जाते हैं तो 5 साल तक किसी भी नेता को कोसना गलत है, क्योंकि यूपी का मुख्यमंत्री तो वही बनेगा जिसे जनता चुनेगी...
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