यूपी में योगी बाबा के जीतने से महिलाएं इतनी खुश क्यों है? ऐसा क्या मिल गया है?
यूपी में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adiya Nath) की जीत पर महिलाएं (Women voters) इतनी खुश क्यों हैं? वे रात में जश्न मना रही हैं, सड़कों पर मिठाइयां बांट रही हैं, नाच रही हैं, गा रही हैं. आखिर उन्हें ऐसा क्या मिल गया है, उनके चेहरे क्यों खिल गए हैं?
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यूपी में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adiya Nath) की जीत पर महिलाएं (Women voters) इतनी खुश क्यों हैं? वे रात में जश्न मना रही हैं, सड़कों पर मिठाइयां बांट रही हैं, नाच रही हैं, गा रही हैं. आखिर उन्हें ऐसा क्या मिल गया है, उनके चेहरे क्यों खिल गए हैं? कई लोगों के मन में यह सवाल आया तो होगा...
इसका सीधा सा जवाब यह है कि, महिलाओं को लगता है कि बाबा हैं तभी तो इतनी रात में भी मिठाई खरीदने बाहर जा सा सकती हैं, रात में भी सड़कों पर नाच-गा सकती हैं, सड़कों पर गहनें पहनकर चल सकती हैं. इन महिलाओं ने मोदी-योगी चेहरे वाले बैग भी संभाल कर रखे हैं, क्योंकि योगी सरकार ने अपनी ओर से मुफ्त राशन दोगुना कर दिया.
घर तो महिलाएं ही चलाती है और बाबा ने इन्हीं का सबसे ज्यादा ध्यान रखा. तभी तो योगी सरकार राशन के साथ तेल, चीनी, और नमक भी दे रही है. इसके बाद महिलाओं के खाते में सीधे पैसे आते हैं, जिन पर इनका अधिकार होता है.
भारतीय जनता पार्टी की इस ऐतिहासिक जीते के पीछे मौन महिला मतदाता हैं
महिलाओं को पता है कि बाबा हैं तो बच्चे भूखे नहीं मरेंगे, बाबा हैं तों पति पीटने से पहले सोचेगा...वरना यूपी में गुंडा राज की कहानी सभी को पता है. महिलाओं को इस बात का भी डर था कि अगर सत्ता में सपा दोबारा आ गई तो उनका जीना फिर से दूभर हो जाएगा.
असल में इस बार गांव-गांव की महिलाओं ने जाति-पाति और सामाजिक रेखा से ऊपर उठकर बाबा को वोट दिया है. ये वही महिलाएं हैं जो चुप रहती हैं और मौका मिले तो अपने मन की करती हैं. इस बार तो उन्होंने अपने घर के पुरुषों के धौंस को भी अनदेखा कर दिया और जाकर कमल का बटन दबा कर आ गईं. वे चाहती थीं कि इस बार भी बाबा ही सीएम पद की शपथ लें.
राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों ने भी इस बार महिलाओं का लोहा मान लिया. उनका भी यही कहना है कि, भारतीय जनता पार्टी की इस ऐतिहासिक जीत (UP Elections Result) के पीछे मौन महिला मतदाता हैं. सपा (SP) मुखिया अखिलेश यादव ने तो मुफ्त बिजली का वादा भी किया था, लेकिन महिलाओं पर कोई असर नहीं हुआ. महिलाओं को पता है कि उनके लिए बेहतर कानून व्यवस्था का होना कितना जरूरी हैं.
ये वो घरेलू महिलाएं हैं जिन्हें राजनीति की समझ नहीं, जो न्यूज भी नहीं देखतीं, जो ज्यादा पढ़ी-लिखी भी नहीं, इन्हें तो यह भी नहीं पता होगा कि इनके यहां का विधायक कौन है. ये तो बस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी को ही जानती हैं. इन्हें जिनका काम दिखता है, उसे वोट दे आती हैं.
किस नेता ने इनके लिए कितना किया है, यह कभी नहीं भूलतीं. जमीन से जुड़ी ये महिलाएं अपनी पैनी नजरों से नेताओं की परख कर लेती हैं. इनके लिए इतना ही काफी था कि इनकी बेटियां अब स्कूटी से स्कूल जा सकती हैं, छोटे शहरों में खुले कैफे में भोजन कर सकती हैं. भले ही योगी सरकार के रोमियो रोधी दस्ते की आलोचना हुई, लेकिन इस कारण छोटे शहरों में वे मनचले जरूर डरे जो सड़कों पर बेटियों को परेशान करते थे.
ऊपर से इस बार महिलाओं को पीएम आवास योजना के तहत घर, उज्ज्वला सिलेंडर और घर में पीने के पानी के लिए नल कनेक्शन का नया वादा भी मिला है, वो भी बिना भेदभाव के. हमारे हिसाब से साफ बात तो यही है कि जिसने महिलाओं के लिए किया है, उसी को उन्होंने वोट किया है. इंडिया टुडे और एक्सिस माइ इंडिया के एक्जिट पोल के अनुसार, सपा के मुकाबले बीजेपी को 16 फीसदी महिलाओं ने अधिक वोट किया है, जबकि पुरुषों में ये अंतर केवल 4 फीसदी का ही रहा.
जिन लोगों को लगता है कि महिलाओं को क्या मिला है? तो जवाब यह है कि आलीशान फ्लैट में रहने वाले इस मुद्दे को क्या समझेंगे? क्यों ये महिलाएं बाबा की जीत के लिए मंदिर जा रही हैं, क्यों उनके लिए पूजा कर रही हैं, क्यों महिलाएं हंसी-ठिठोली कर रही हैं, क्यों छत पर जाकर पटाखे छोड़ रही हैं, क्यों एक-दूसरे को फोन पर बधाई दे रही हैं, क्यों व्हाट्सएप स्टेटस पर बाबा का चेहरा लगी रही हैं, आखिर क्यों ये जश्न में डूबी हैं? यह बात तो सिर्फ वही समझ सकती हैं. इनका तो दिन इतना व्यस्त बीता जैसे घर में कोई त्योहार हो, लेकिन थकान न हुई हो...जो लोग कल बाजार गए होंगे उन्होंने ऐसा नजारा कहीं न कहीं जरूर देखा ही होगा...
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