भाजपा ने तो बस 4 गढ़ खोए, लेकिन कांग्रेस के 9 किले धाराशायी कर दिए
मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी जीत है अमेठी का किला भेदना और कांग्रेस के लिए यही सबसे बड़ी हार भी है. खैर, ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथ से गुना जैसी विरासत में मिली सीट का छिन जाना भी कांग्रेस के लिए बेहद शर्मनाक है.
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लोकसभा चुनाव के नतीजों से ये तो साफ है कि मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आ गई है, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं निकालना चाहिए कि भाजपा ने सिर्फ पाया है, कुछ खोया नहीं. इन चुनावों में भाजपा ने अपनी 4 अहम सीटें खो दी हैं, जिन पर कभी उनका दबदबा था. यानी जहां मोदी-मोदी के नारे लगा करते थे वहां के लोगों ने राहुल गांधी को अपना पीएम बनाना तय किया था. खैर, भाजपा की 4 सीटें भले ही छिन गई हों, लेकिन उसने कांग्रेस की 9 सीटें छीनने में सफलता पा ली है.
मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी जीत है अमेठी का किला भेदना और कांग्रेस के लिए यही सबसे बड़ी हार भी है. खैर, ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथ से गुना जैसी विरासत में मिली सीट का छिन जाना भी कांग्रेस के लिए बेहद शर्मनाक है, लेकिन राहुल गांधी तो कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और वही हार जाएं, ये वाकई उनकी आंखों में आंसू लाने वाली बात है. तो चलिए एक नजर डालते हैं कुछ ऐसी सीटों पर, जो साफ करती हैं कि इस चुनाव में भाजपा-कांग्रेस ने क्या खोया और कितना पाया.
मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी जीत है अमेठी का किला भेदना और कांग्रेस के लिए यही सबसे बड़ी हार भी है.
भाजपा के हाथ से निकली 4 सीटें
देश की 53 सीटों को भाजपा का गढ़ कहा जाता था. माना गया कि ये 53 तो भाजपा जीतेगी ही. लेकिन जब नतीजे आए तो पता चला कि इनमें से 4 सीटें छिटक गई हैं. 3 तो कांग्रेस ने जीत लीं, बची हुई एक सीट (सिक्किम) 'सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा' ने जीती है. यहां से सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के पवन कुमार चमलिंग 25 सालों तक लगातार 5 बार मुख्यमंत्री रहे. कांग्रेस के जिन 3 गढ़ कांग्रेस ने जीते हैं उनमें पहला है छत्तीसगढ़ का बस्तर, दूसरा है महाराष्ट्र का चंद्रपुर और तीसरा है असम का नौगांव.
भाजपा के 53 गढ़ में से 4 इस लोकसभा चुनाव में छिन गए, जिसमें से 3 कांग्रेस ने जीते और एक सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने.
कांग्रेस ने गंवाईं 10 सीटें
जहां एक ओर भाजपा को महज 4 सीटों पर अपना किला गंवाना पड़ा, वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस के हाथे से 10 सीटें निकल गईं. इसमें 9 तो एनडीए ने जीत लीं और बची हुई एक पश्चिम बंगाल की जंगीपुर लोकसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा कर लिया. कांग्रेस के जो गढ़ भाजपा ने जीते हैं वही है- यूपी का अमेठी, हरियाणा का रोहतक, मध्य प्रदेश का गुना, इनर मणिपुर, असम का एक जिला, झारखंड का दुमका, कर्नाटक का गुलबर्ग, चिक्कबल्लापुर और कोलार.
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के 10 किले धराशाई हो गए, जिनमें राहुल का अमेठी और सिंधिया का गुना भी शामिल है.
कांग्रेस को सबसे बड़ा झटा लगा है अमेठी और गुना में. अमेठी में राहुल गांधी के हारने की वजह ये रही कि वह जनता के साथ मिले-जुले नहीं. उल्टा चुनाव लड़ने के लिए वायनाड को वैकल्पिक सीट की तरह चुन लिया. जहां एक ओर राहुल गांधी अपनी विरासत में मिली सीट से दूर हो गए, वहीं दूसरी ओर स्मृति ईरानी लगातार जनता के बीच जाती रहीं और लोगों के दुख-दर्द को सुनती रहीं. नतीजा सामने हैं. अब कांग्रेस का गढ़ अमेठी स्मृति ईरानी की झोली में चला गया है. वहीं दूसरी ओर, मध्य प्रदेश का गुना कांग्रेस नेता ज्योरादित्य सिंधिया हार गए हैं. गुना भी कांग्रेस का गढ़ रहा है, जहां से हमेशा सिंधिया परिवार जीतता रहा. इस बार उन्हें पार्टी की ओर से पश्चिमी यूपी का प्रभार सौंप दिया गया था, जिसकी वजह से वह गुना के लोगों से दूर हो गए. नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस का ये किला भी ढह गया.
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