हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा, गुजरात पर सस्पेंस क्यों ?
हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और ये देश का पहला राज्य होगा जहां सभी पोलिंग बूथों पर VVPAT का इस्तेमाल होगा.
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चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान तो कर दिया, लेकिन गुजरात को लेकर सस्पेंस में डाल दिया. माना जा रहा था कि गुजरात और हिमाचल में चुनाव साथ ही होंगे. वैसे हिमाचल में वोटिंग 9 नवंबर को होगी और 18 दिसंबर को रिजल्ट आएगा.
हिमाचल के लिए तारीखों की घोषणा होने से पहले कांग्रेस के लिए महाराष्ट्र के नांदेड़ से खुशखबरी आई है. हिमाचल में कांग्रेस को सत्ता बचाने की टेंशन है और ऐसे में नांदेड़ महा नगरपालिका के नतीजे हौसला बढ़ाने वाले हैं. नांदेड़ की अहमियत ऐसे समझी जा सकती है कि खुद राहुल गांधी ने भी चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया था.
हिमाचल में चुनाव
तारीखों के ऐलान के साथ ही हिमाचल प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी है. चुनाव आयोग के अनुसार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए 9 नवंबर को वोटिंग होगी और मतदान 18 दिसंबर को.
अभी सिर्फ हिमाचल प्रदेश में...
चुनाव की अधिसूचना 16 अक्टूबर को जारी होगी और उम्मीदवार 23 अक्टूबर तक नामांकन दायर कर सकेंगे. चुनाव की तारीखें इस प्रकार हैं -
1. चुनाव की अधिसूचना - 16 अक्टूबर
2. नामांकन फाइल करने की तारीख - 23 अक्टूबर
3. नामांकन पत्रों की जांच - 24 अक्टूबर
4. नामांकन वापस लेने की तारीख - 26 अक्टूबर
5. मतदान - 9 नवंबर
6. मतगणना - 18 दिसंबर
आयोग के मुताबिक हर रैली की वीडियोग्राफी करायी जाएगी और वोटिंग में VVPAT का इस्तेमाल होगा.
वीवीपीएटी पहली बार
हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य होगा जहां सभी पोलिंग बूथों पर वीवीपैट यानी वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (VVPAT) का इस्तेमाल होगा. राजनीतिक दल VVPAT की अरसे से मांग कर रहे थे और बताया गया था कि फंड की कमी के चलते ऐसा मुमकिन नहीं हो पा रहा था. VVPAT की मांग तब शुरू हुई जब EVM को लेकर सवाल उठने लगे थे. EVM पर पहली बार जोर शोर से सवाल उठा यूपी चुनाव के नतीजों के बाद. तब मायावती, फिर अखिलेश यादव और फिर अरविंद केजरीवाल ने EVM से निष्पक्ष चुनाव पर शक जताया. बाद में जब चुनाव आयोग ने EVM में गड़बड़ी साबित करने के लिए चैलेंज किया तो सबके सब भाग खड़े हुए.
VVPAT के जरिये वोटर को मालूम हो जाता है कि उसके बटन दबाने से वास्तव में वोट किसे पड़ा है. वोट देने के बाद सात सेकंड तक VVPAT पर्ची को देखा जा सकता है. इस पर्ची को रिकॉर्ड के तौर पर रख लिया जाता है.
मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति के मुताबिक VVPAT पर्ची की रैंडम सैंपलिंग की जाएगी, ताकि वोट सही पड़े हैं या नहीं ये सुनिश्चित किया जा सके.
उम्मीदवारों को सख्त हिदायत
चुनाव आयोग के अनुसार चुनाव में हर उम्मीदवार के खर्च की सीमा 28 लाख रुपये होगी. इसके साथ आयोग ने साफ कर दिया है कि हलफनामा पूरा न भरने पर जुर्माना लगेगा. हर उम्मीदवार को हर कॉलम भरने होंगे और ऐसा न करने पर आयोग की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा.
चुनाव नतीजे आने के 30 दिन के भीतर उम्मीदवारों को खर्च से संबंधित अपना शपथपत्र जमा करना होगा.
चुनाव आयोग की सोशल मीडिया पर भी इस बार पैनी नजर रहेगी. पेड न्यूज पर निगरानी के लिए आयोग ने जिला, राज्य और केंद्रीय स्तर पर त्रिस्तरीय कमेटी बनायी है.
हिमाचल प्रदेश में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है और उसे सत्ता बचाने की चुनौती है. हिमाचल प्रदेश के दौरे पर गये राहुल गांधी ने मौजूदा सीएम वीरभद्र सिंह को ही फिर से कांग्रेस का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताया. राहुल गांधी ने दावा किया कि सातवीं बार भी वीरभद्र सिंह ही मुख्यमंत्री बनेंगे.
अबकी बार, सातवीं बार...
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटों के लिए चुनाव होने हैं और बहुमत के लिए 35 सीटें जरूरी हैं. वर्तमान में कांग्रेस के पास 36 और बीजेपी के पास 27 विधायक हैं. पांच सीटें निर्दलीयों के पास हैं.
हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 7 जनवरी 2018 को खत्म हो रहा है जबकि गुजरात विधानसभा का 22 जनवरी 2018 को. माना जा रहा है कि गुजरात विधानसभा चुनावों की घोषणा भी जल्द ही की जाएगी.
वैसे गुजरात को लेकर बीजेपी ने आयोग को एक मेमोरैंडम सौंपा है जिसमें 14 दिसंबर से 14 जनवरी के बीच चुनाव कराये जाने की सलाह दी गयी है. इन तारीखों के पीछे बीजेपी की दलील है कि हिंदू धर्म में विवाह के लिए उस अवधि को ठीक नहीं माना जाता.
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