बंगाल पंचायत चुनाव: 14 मौत-50 घायल! बंगाल की थाली में ये चुनावी हिंसा का स्टार्टर है
पंचायत चुनावों के मद्देनजर जिस तरह पश्चिम बंगाल में हिंसा हुई वो कोई नई बात नहीं है. पूर्व में भी कई मौके आए हैं जब टीएमसी और सीपीएम कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष देखने को मिला है.
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खबर है कि पंचायत चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में जबरदस्त हिंसा हुई है. बताया जा रहा है कि राज्य भर में हुई इस चुनावी हिंसा में जहां एक तरफ 14 लोगों की मौत हो गई तो वहीं इस हिंसा के चलते तकरीबन 50 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. पश्चिम बंगाल में जिस तरह कानून व्यवस्था का मखौल उड़ाया गया उस पर केंद्र सरकार ने गहरी चिंता जताई है और राज्य सरकार से इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय के सामने रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
पंचायत चुनावों के मद्देनजर पूरे बंगाल में अराजकता बरक़रार रही
पंचायत चुनावों के मद्देनजर राज्य भर में अफरा तफरी का माहौल रहा. जहां कहीं बैलेट बॉक्स लूटे गए और उन्हें आग के हवाले किया गया तो कहीं बमबारी और गोलीबारी हुई. इसके अलावा तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं ने आग में घी का काम किया. ध्यान रहे कि तमाम अव्यवस्था के बीच पश्चिम बंगाल में शाम पांच बजे तक 72.50 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
#WestBengal: 20 injured in a clash which broke out between two groups in Cooch Behar . The injured have been taken to MJN hospital for treatment. Locals say, 'We went there to votee but people belonging to TMC attacked us with sticks'. pic.twitter.com/hkHsqcsZa7
— ANI (@ANI) May 14, 2018
बंगाल से आ रही ख़बरों पर यदि यकीन करें तो मिल रहा है कि पंचायत चुनावों के तहत राज्य के कूचबिहार में स्थानीय लोग जब वोट देने के लिए मतदान केंद्र गये तब उनपर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हुए. इसके अलावा 24 परगना जिले के साधनपुर में देसी बम फटने से कई लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आ रही है. साथ ही कुछ ऐसी भी तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें 24 परगना जिले में सीपीएम कार्यकर्ता और उनकी पत्नी को घर में आग लगाकर जिंदा जला दिया गया है. अपने कार्यकर्ता की मौत पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए सीपीएम ने टीएमसी की कड़े शब्दों में की है. सीपीएम ने ममता बनर्जी से प्रश्न किया है कि क्या राज्य की मुख्यमंत्री इस तरह के लोकतंत्र की हिमायती रही हैं.
Is this the Democracy you are talking about @MamataOfficial ? Is this the free and fair election you are talking about? @cpimspeak member Comrade #DebuDas and #UshaDas from Kakdweep, were torched to death by @AITCofficial goons last night. #BloodBath continues in #WestBengal pic.twitter.com/I6gbhEvtWR
— CPI(M) WEST BENGAL (@CPIM_WESTBENGAL) May 14, 2018
यदि बंगाल से चुनावी हिंसा की इन ख़बरों का गहनता से अवलोकन करें तो मिल रहा है कि बंगाल में चुनाव के दौरान संघर्ष कोई बात नहीं है. शायद यही कारण है कि इस मुद्दे पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एक बड़ा बयान दिया है. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने पंचायत चुनाव के दौरान हिंसक घटनाओं के इतिहास को याद दिलाते हुए आज की हिंसा को बहुत कम बताया है.
To all 'newborn' experts on Bengal #PanchayatElections in State have a history. 400 killed in poll violence in 1990s in CPIM rule. 2003: 40 dead.Every death is a tragedy. Now closer to normal than earlier times.Yes, few dozen incidents. Say,40 out of 58000 booths. What's %age ?
— Derek O'Brien (@derekobrienmp) May 14, 2018
इस हिंसा पर डेरेक का तर्क है कि, 'जो बंगाल के पंचायत चुनाव के नवजात विशेषज्ञ हैं, उन्हें बता दूं कि राज्य के पंचायत चुनाव का अपना इतिहास रहा है. 1990 में सीपीआई (एम) के शासनकाल में 400 लोगों की हत्या हुई थी और 2003 में 40 लोगों की मौत हुई थी.'
CPI(M) and BJP are now so desperate that they are even ganging up with Maoists to kill/shoot/stab three Trinamool workers in different incidents in #Bengal today. Deliberately trying to foment trouble. Is this democracy? #PanchayatElection
— Derek O'Brien (@derekobrienmp) May 14, 2018
टीएमसी सांसद ने हिंसा में मारे गए लोगों की मौत पर दुख जताते हुए हिंसक घटनाओं के लिए बीजेपी और सीपीआई (एम) को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने दोनों पार्टियों पर माओवादियों के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को मारने का भी आरोप लगाया. साथ ही ये भी कहा कि दोनों दल जानबूझकर ऐसे हालात पैदा कर रहे हैं.
इसके विपरीत हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के अपने तर्क हैं. सुप्रियो ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि,'सुबह से जो हो रहा है, उसे देखकर हम कतई आश्चर्यचकित नहीं हैं. बंगाल सरकार एक बेशर्म सरकार है. आप उनसे किसी भी तरह के नियमों के पालन की उम्मीद नहीं कर सकते. मैं मांग करता हूं कि राज्य में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.”
Not surprised by all the incidents that are happening since morning. Bengal govt is a shameless govt, you cannot expect them to follow any kind of constitutional behaviour. I demand President's Rule in WB: Babul Supriyo, Union Min on violence in various during #PanchayatElection pic.twitter.com/ElEr4OSbaf
— ANI (@ANI) May 14, 2018
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी और सीपीएम का संघर्ष कोई नई बात नहीं है. पूर्व में भी कई ऐसे मौके आये हैं जब दोनों ही दलों के लोग खून के प्यासे एक दूसरे के सामने थे. अंत में हम ये कहकर अपनी बात खत्म करेंगे कि जिस राज्य में पंचायत के चुनाव का दृश्य ऐसा हो वहां उस क्षण की कल्पना करिए जब विधानसभा चुनाव चल रहे हों. बंगाल से सम्बंधित इन तस्वीरों और इन ट्वीट्स को देखकर वहां की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.
साथ ही ये कहना भी गलत न होगा कि राज्य की मुख्यमंत्री सत्ता के नशे में चूर हैं जिन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके राज्य में लोग मर रहे हैं. हो सकता है कि मुख्यमंत्री के लिए लोगों का मतलब वोट हों और उन्हें लोगों की जान के मुकाबले अपनी सीटें ही प्यारी हों.
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