क्या है टूलकिट, दिशा रवि, किसान आंदोलन और विदेशी एजेंडे का पूरा रिश्ता
पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट में इस टूलकिट (toolkit) को शेयर किया था. जिसका नाम 'ग्लोबल फॉर्मर्स स्ट्राइक - फर्स्ट वेव' था. इसमें लोगों को भारत में लोकतंत्र की बुरी स्थिति और कृषि क्षेत्र के गलत तरीके से कॉरपोरेटाइजेशन के बारे में बताया गया था.
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किसान आंदोलन में किसान नेता राकेश टिकैत से ज्यादा सुर्खियां बटोरने वाली 'टूलकिट' को लेकर लगातार अहम खुलासे हो रहे हैं. किसान आंदोलन को मिल रहे विदेशी हस्तियों के समर्थन के दौरान ही ये टूलकिट 'गलती' से सामने आ गई थी. स्वीडिश पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन का समर्थन करने के बाद इस गूगल डॉक्युमेंट फाइल को ट्विटर पर शेयर किया था. जिसका नाम 'टूलकिट' था. थनबर्ग ने कुछ ही देर में इसे डिलीट कर दिया था. लेकिन, यह टूलकिट उससे पहले ही सोशल मीडिया पर तैरने लगी थी. टूलकिट के सामने आने के बाद 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने इसे लेकर केस दर्ज किया था. जिस पर कार्रवाई करते हुए 13 फरवरी को बेंगलुरु से पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस दो अन्य आरोपियों निकिता जैकब और शांतनु की तलाश कर रही है. इन दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा चुका है.
22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' मुहिम की संस्थापक सदस्यों में शामिल हैं.
कौन है दिशा रवि?
बेंगलुरु की 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' मुहिम की संस्थापक सदस्यों में शामिल हैं. बेंगलुरु के माउंट कार्मेल कॉलेज की छात्रा दिशा 'ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक मूवमेंट' शुरू करने वाली संस्था एफएफएफ की सह-संस्थापक हैं. दिशा के पिता रवि मैसूरु में एक एथलेटिक्स कोच हैं. उनकी मां एक गृहिणी हैं. उन्होंने माउंट कार्मेल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक किया है और गुड माइल्क नाम की कंपनी के साथ जुड़ी हैं.
टूलकिट से क्या है दिशा का कनेक्शन
दिल्ली पुलिस के अनुसार, दिशा रवि ने ही टूलकिट को एडिट किया था. इस डॉक्यूमेंट को बनाने और इसे प्रसारित करने में उन्होंने सहयोग दिया. खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ इस साजिश में दिशा रवि भी शामिल थीं. उन्होंने टूलकिट को एडिट कर ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किया था. दिशा रवि बीते तीन सालों से ग्रेटा थनबर्ग को जानती थीं.
What is toolkit document?
किसी भी आंदोलन या प्रदर्शन को सोशल मीडिया पर बढ़ावा दिया जाता है. एक डिजिटल हथियार के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसमें आंदोलन कैसे करना है, उसे आगे कैसे बढ़ाना है, ट्वीट करते समय कौन से हैशटैग इस्तेमाल करने हैं, कैसे बचना है जैसी सारी जानकारियां दी जाती हैं.
Farmer protest toolkit?
पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट में इस टूलकिट को शेयर किया था. जिसका नाम 'ग्लोबल फॉर्मर्स स्ट्राइक - फर्स्ट वेव' था. इसमें लोगों को भारत में लोकतंत्र की बुरी स्थिति और कृषि क्षेत्र के गलत तरीके से कॉरपोरेटाइजेशन के बारे में बताया गया था. टूलकिट में फरवरी में उठाए जाने वाले जरूरी कदमों (Urgent Actions) को लिखा गया था. जिसमें 4 और 5 फरवरी को ट्विटर पर किसान आंदोलन से जुड़े ट्वीट करने और वीडियो-तस्वीरें शेयर करने को कहा गया था. साथ ही वॉलेंटियर्स को नजदीकी भारतीय एंबेसी पर प्रदर्शन करने को कहा गया था.
.@GretaThunberg (accidentally?) just shared a document on details of Jan 26 protests and upcoming online and street protests. Soon, the documented was restricted. Now the tweet has been deleted (I saved it). But incredible. pic.twitter.com/Jt4O1nLGre
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) February 3, 2021
26 जनवरी से पहले #AskIndiaWhy हैशटैग का इस्तेमाल कर डिजिटल हमला करने को कहा गया था. साथ ही 23 जनवरी और 26 जनवरी को किसान आंदोलन के समर्थन में लगातार ट्वीट करने को कहा गया था. लोग इसमें कैसे मदद कर सकते हैं, इसकी जानकारी भी दी गई थी. #StandWithFarmers #AskIndiaWhy #FarmersProtest ये तीन हैशटैग इस्तेमाल करने और विरोध प्रदर्शन की वीडियो और तस्वीरें साझा करने की बात कही गई थी. टूलकिट में खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन और ग्रीन्स विद फॉर्मर्स- युवा गठबंधन का नाम लिखा था. टूलकिट में कहा गया था कि भारत का अपने सबसे कमजोर नागरिकों के खिलाफ मानवाधिकारों का उल्लंघन, हिंसा और क्रूरता करने का इतिहास है.
अब तक क्या हुआ?
दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में बेंगलुरु से दिशा रवि को गिरफ्तार करने के बाद दो अन्य आरोपियों निकिता जैकब और शांतनु की तलाश शुरू कर दी है. इंडिया टुडे टीवी के अनुसार, दिशा रवि व्हाट्सएप के जरिये लगातार ग्रेटा थनबर्ग के संपर्क में थीं. दिल्ली पुलिस द्वारा टूलकिट साजिश में FIR दर्ज करने के बाद दिशा ने ग्रेटा से कुछ समय तक शांति बनाए रखने को कहा था. व्हाट्सएप चैट में दिशा ने ग्रेटा थनबर्ग को FIR में उनका नाम होने की जानकारी दी थी. चैट में दिशा ने वकीलों से संपर्क करने और UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत कार्रवाई होने का डर भी जताया था.
माना जा रहा है कि टूलकिट साजिश मामले में खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़े एमओ धालीवाल ने निकिता जैकब से कनाडा में रहने वाले पुनीत नाम के शख्स की मदद से संपर्क किया था. 26 जनवरी से पहले निकिता जैकब, दिशा रवि और एमओ धालीवाल ने एक जूम मीटिंग भी की थी. टूलकिट साजिश मामले में निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हो चुका है. निकिता जैकब ने गिरफ्तारी से बचने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है. मुंबई की रहने वाली निकिता जैकब पेशे से वकील हैं.
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