श्रीनगर एनआईटी में गैर कश्मीरी छात्रों की पिटाई का सच क्या है?
श्रीनगर के एनआईटी कैंपस में गैर कश्मीरी छात्रों की पुलिस द्वारा पिटाई का मामला गरमा गया है और सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर गंभीर बहस छिड़ गई है.
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श्रीनगर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में गैर कश्मीरी छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज का मुद्दा गरमा गया है. स्थानीय और गैर कश्मीरी छात्रों के बीच टकराव का मुद्दा अभी थमा भी नहीं था कि पुलिस ने बाहरी छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज का मुद्दा पूरे देश में बहस का विषय बन गया है.
यह विवाद 31 मार्च को टी20 वर्ल्डकप में टीम इंडिया की वेस्टइंडीज के हाथों हार के बाद एनआईटी के स्थानीय छात्रों द्वारा आतिशबाजी करके जश्न मनाने से शुरू हुआ. गैर कश्मीरी छात्रों ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए स्थानीय छात्रों का विरोध हुए, जिससे दोनों गुटों में टकराव की नौबत आ गई.
एनआईटी कैंपस में तनाव को देखते हुए इसे बंद करने का फैसला किया गया था. लेकिन मंगलवार को जब एनआईटी दोबारा खुला तो मामला और बिगड़ गया. एनआईटी में सुरक्षा व्यवस्था के अभाव और अन्य मुद्दों को लेकर गैर स्थानीय छात्रों ने मार्च निकाला और वे कैंपस छोड़कर गेट से बाहर जाने की कोशिश करने लगे. इस पर वहां तैनात जम्म-कश्मीर पुलिस और इन छात्रों के बीच झड़प हो गई और पुलिस ने इन छात्रों के खिलाफ लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्र घायल हो गए. हालांकि पुलिस ने किसी भी छात्र के घायल होने की बात से इंकार किया है. लेकिन छात्रों के साथ पुलिस लाठीचार्ज के मुद्दे ने तूफान खड़ा कर दिया.
पुलिस ने हालांकि छात्रों के खिलाफ बर्बर कार्रवाई की बात को न मानते हुए कहा है, मंगलवार शाम एनआईटी के करीब 500 छात्र भीड़ की शक्ल में रैली निकालने की कोशिश और मेन गेट पर पहुंच गए. पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उनका पीछा किया, इसी क्रम में कुछ छात्र घायल हो गए. पुलिस ने उन्हें प्राथमिक उपचार मुहैया करवाया.
तनाव के बाद एनआईटी में सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है और केंद्र ने मामले की की जांच के लिए अपना दो सदस्यी दल एनआईटी भेजा है. गृहमंत्रीराजनाथ सिंह घटना पर नजर बनाए हए हैं और जांच दल उन्हें अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा है कि एनआईटी में सभी छात्रों को सुविधा मुहैया कराए जाने का आश्वसान दिया है. एनआईटी को पहले रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से जाना जाता था. अभी इसमें 2500 छात्र और 400 अकैडमिक स्टाफ मेंबर हैं. लेकिन इसके ज्यादातर छात्र दूसरे राज्यों के हैं.
भले ही पुलिस ने इस घटना में छात्रों को मामूली चोट आने की बात कही लेकिन इंटरनेशनल हेरल्ड न्यूज (जिसने अपने ट्विटर अकाउंट पर खुद को अमेरिकी मीडिया एजेंसी बताया है) द्वारा किए गए ट्वीट में सैकड़ों छात्रों के घायल होने और हॉस्पिटल में भर्ती किए जाने की तस्वीरें हैं. इंटरनेशनल हेरल्ड न्यूज ने एनआईटी कैंपस में पुलिस द्वारा छात्रों की पिटाई के एक के बाद एक सात वीडियो ट्वीट किए हैं. इन ट्वीट्स का सच क्या है ये कह पाना मुश्किल है. खास बात ये है कि जिस मीडिया एजेंसी हेल्ड न्यूज ने ये सारे ट्वीट किए हैं उसने पहला ट्वीट 30 मार्च को उसी दिन किया था जिस दिन एनआईटी कैंपस में कश्मीरी और गैर-कश्मीरी छात्रों के बीच टकराव हुआ था. इस एजेंसी ने अब तक कुल 84 ट्वीट ही किए हैं. देखिए इस एजेंसी ने क्या-क्या ट्वीट किया हैः
7th VideoIndia : Lathi Charge on Non Kashmiri students at #NITSrinagar pic.twitter.com/l4FSXMGkPj
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
6th Video : India : Lathi Charge on Non Kashmiri students at #NITSrinagar https://t.co/jf1I1w6DZ7
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
5th Video : India : Lathi Charge on Non Kashmiri students at NIT Srinagar pic.twitter.com/oXyZTzdWbT
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
4th Video : India : Lathi Charge on Non Kashmiri students at NIT Srinagar pic.twitter.com/nEOfdh7Dii
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
India : Jammu & Kashmir Police Lathi Charge inside NIT Srinagar Hostel pic.twitter.com/G6GhmkDY9D
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
2nd Video : India : Tear Gas and Lathi Charge on Non Kashmiri students at NIT Srinagar pic.twitter.com/MGYJdohlBJ
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
Video : India : Tear Gas and Lathi Charge on Non Kashmiri students at NIT Srinagar pic.twitter.com/lQ9uZQdZHf
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
India : Tear Gas and Lathi Charge on Non Kashmiri students at NIT Srinagar pic.twitter.com/kftqJqlBzI
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
India : Tear Gas and Lathi Charge on Non Kashmiri students at NIT Srinagar pic.twitter.com/fHvWfhGLOH
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
India : Approx 100 Students Injured in Tear Gas and Lathi Charge on Non Kashmiri students at NIT Srinagar pic.twitter.com/d9bvFUMPKN
— The Int'l Herald (@TheIntlHerald) April 5, 2016
इस घटना का देश भर में विरोध हो रहा है और लोगों ने छात्रों के प्रति पुलिस की इस निर्मम कृत्य की लड़ी आलोचना की है. खासकर सोशल मीडिया पर लोगों ने एनआईटी में छात्रों की पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने की कड़ी आलोचना की. इस मुद्दे की तुलना जेएनयू के कुछ छात्रों द्वारा देश विरोधी नारे लगाने पर भी कुछ न होने से की, जबकि एनआईटी में छात्रों को अपने देश का तिरंगा फहराने पर पीटा गया. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो छात्रों की पिटाई की बात की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं. देश भर में इस घटना का विरोध हो रहा है.
आइए देखें सोशल मीडिया पर कैसी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की गईं.
This face represents the tragedy of #NIT students & nations failure to protect them.#Kashmir pic.twitter.com/UNoiahg3IM
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) April 6, 2016
Non-Kashmiri students beaten up & sustained injuries in a police lathi-charge inside #NIT Campus #SaveNITStudents pic.twitter.com/FokEusXMhV
— Tejaswini Gowda (@tejaamruth) April 6, 2016
सरकार कोई भी हो अगर आप हिन्दू है और देशभक्त भी तोआपकी हड्डिया टूटनी तय हैआंखो मे आँसु है दिल मे गुस्सा भी और हताशा भी #NIT @narendramodi
— Jayesh Varyani (@VaryaniJayesh) April 6, 2016
This is wat u get for hoisting Tricolour on Indian soil. #NITSrinagar #NIT @sudhirchaudhary pic.twitter.com/vtzcFMXj9S
— anurudh kachroo (@anurudhkachroo) April 6, 2016
Why iconic media figures are missing in action from #NIT Srinagar? No competitive air dashing to interview those beaten for FOE? 1/3
— Prabhu Chawla (@PrabhuChawla) April 6, 2016
Since choreographed senti interviews of wounded #NITSrinagar students are missing from TV it means most of us r led by persnonal prejudices.
— Prabhu Chawla (@PrabhuChawla) April 6, 2016
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