वक्फ एक्ट क्या है, जो इस्लाम से पुराना मंदिर अधिग्रहण करने का अधिकार देता है
इस्लाम (Islam) को आए 1400 साल ही हुए हैं. लेकिन, वक्फ बोर्ड (Waqf Board) 1500 साल पुराने मंदिर की जमीन पर भी दावा ठोक सकता है. तमिलनाडु (Tamil Nadu) के एक हिंदू बाहुल्य गांव तिरुचेंथुरई को वक्फ एक्ट (Waqf Act) के तहत अपनी मिल्कियत घोषित कर दिया है. जिसमें उस गांव में बना 1500 साल पुराना मंदिर भी आता है.
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तमिलनाडु के एक हिंदू बाहुल्य गांव तिरुचेंथुरई को वक्फ बोर्ड ने अपनी मिल्कियत घोषित कर दिया है. ये मामला तब सामने आया, जब हिंदू बाहुल्य इस गांव के एक शख्स ने अपनी जमीन बेचने की कोशिश की. रजिस्ट्रार ऑफिस से पता चला कि तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने उसकी जमीन समेत पूरे गांव की जमीन पर अपना दावा किया हुआ है. जिसमें उस गांव में बना 1500 साल पुराना मंदिर भी आता है. वैसे, ये सोचने वाला तथ्य है कि इस्लाम को आए 1400 साल ही हुए हैं. लेकिन, वक्फ बोर्ड ने 1500 साल पुराने मंदिर की जमीन पर भी दावा ठोक दिया है. वक्फ बोर्ड की ये पेचीदगियां ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित ढांचे से लेकर मथुरा की ईदगाह के विवादित ढांचे तक को समझाने के लिए काफी हैं.
खैर, यहां अहम सवाल ये है कि आखिर वो कौन सा कानून है, जो वक्फ बोर्ड को इतनी असीमित ताकतें देता है? वक्फ बोर्ड से जुड़े ऐसी ही जानकारियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक ट्विटर थ्रेड के तौर पर शेयर की गई हैं. 22 ट्वीट्स के इस ट्विटर थ्रेड में वक्फ और वक्फ बोर्ड को आसान शब्दों में समझाया गया है. हम इस थ्रेड का अनुवाद आपके सामने लाए हैं. और, इसके शब्दों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. आइए इस ट्विटर थ्रेड पर डालते हैं एक नजर...
राम मंदिर से लेकर ज्ञानवापी मामले तक में वक्फ बोर्ड ने इसी वक्फ एक्ट का इस्तेमाल किया था.
वक्फ बोर्ड पर क्या कहता है ट्विटर थ्रेड?
तमिलनाडु के एक हिंदू बाहुल्य गांव तिरुचेंथुरई को वक्फ बोर्ड ने अपनी मिल्कियत घोषित कर दिया है. ये मामला तब सामने आया, जब हिंदू बाहुल्य इस गांव के एक शख्स ने अपनी जमीन बेचने की कोशिश की. रजिस्ट्रार ऑफिस से पता चला कि तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने उसकी जमीन समेत पूरे गांव की जमीन पर अपना दावा किया हुआ है. जिसमें उस गांव में बना 1500 साल पुराना मंदिर भी आता है. वैसे, ये सोचने वाला तथ्य है कि इस्लाम को आए 1400 साल ही हुए हैं. लेकिन, वक्फ बोर्ड ने 1500 साल पुराने मंदिर की जमीन पर भी दावा ठोक दिया है. वक्फ बोर्ड की ये पेचीदगियां ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित ढांचे से लेकर मथुरा की ईदगाह के विवादित ढांचे तक को समझाने के लिए काफी हैं.
खैर, यहां अहम सवाल ये है कि आखिर वो कौन सा कानून है, जो वक्फ बोर्ड को इतनी असीमित ताकतें देता है? वक्फ बोर्ड से जुड़े ऐसी ही जानकारियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक ट्विटर थ्रेड के तौर पर शेयर की गई हैं. 22 ट्वीट्स के इस ट्विटर थ्रेड में वक्फ और वक्फ बोर्ड को आसान शब्दों में समझाया गया है. हम इस थ्रेड का अनुवाद आपके सामने लाए हैं. और, इसके शब्दों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. आइए इस ट्विटर थ्रेड पर डालते हैं एक नजर...
वक्फ बोर्ड पर क्या कहता है ट्विटर थ्रेड?
- @starboy2079 नाम के इस यूजर ने पहले ट्वीट में लिखा है कि वक्फ क्या है? वक्फ एक्ट 1995 क्या है? वक्फ बोर्ड के अधिकार क्या हैं? क्या वक्फ बोर्ड किसी के घर को भी अपनी संपत्ति घोषित कर सकता है? इन सवालों के जवाब इस थ्रेड में मिलेंगे.
- ऐसा एक्ट एक सेकुलर देश में मौजूद है. जबकि, किसी मुस्लिम देश में ऐसा कोई एक्ट नहीं है. वक्फ सिस्टम यानी वक्फ तंत्र क्या है? यह मुस्लिम ब्रदरहुड चैरिटी का एक हिस्सा है. मान लीजिए कि 80 वर्षीय अहमद के पास दो फ्लैट हैं. अपनी मौत से पहले अहमद अपना एक फ्लैट 'कौम' के नाम पर दान कर देता है. तो, उसने अपना एक फ्लैट वक्फ को दान दिया है.
- अहमद की दान की गई संपत्ति अल्लाह के नाम पर हो गई है. वक्फ बोर्ड इस फ्लैट का मालिक नहीं है. लेकिन, इसकी देखभाल करने वाला केयरटेकर है. जो फ्लैट का इस्तेमाल मुस्लिम स्कूल, हॉस्टल, सामुदायिक हॉल या मुस्लिम समुदाय से जुड़ी अन्य चीजों के लिए कर सकता है. तो, वक्फ को अल्लाह को दान की गई संपत्ति माना जाता है. जिसका इस्तेमाल मुस्लिम चैरिटी के लिए किया जाता है. ये इसका सही मतलब है.
- लेकिन, समय के साथ ये अर्थ बदल गया है. 1947 में जब हिंदू पाकिस्तान में अपनी जमीनों को छोड़ कर भारत आए. और, मुस्लिम भारत में अपनी जमीनें छोड़कर पाकिस्तान गए. तो, पाकिस्तान ने हिंदुओं की पूरी जमीन पर कब्जा कर लिया. और, इस जमीन को मुस्लिमों और राज्य सरकार को दे दिया. लेकिन, महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू ने इसका ठीक उलट किया.
- उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जा चुके मुस्लिमों की जमीनों को कोई हिंदू नहीं छुएगा. उन्होंने इन जमीनों की जानकारी इकट्ठी की और इसे वक्फ को दे दिया. 1954 का वक्फ बोर्ड एक्ट उतना कठोर नहीं था. लेकिन, असली बदलाव 1995 में आया. कांग्रेस नेता और प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव वक्फ एक्ट 1995 लाए. और, वक्फ बोर्ड को जमीनों के अधिग्रहण के असीमित अधिकार दे दिए.
- आइए अब बात कर लेते हैं कि वक्फ एक्ट के प्रावधानों क्या हैं. वक्फ एक्ट का सेक्शन 3 (R) बताता है कि वक्फ क्या है- कोई संपत्ति जो किसी भी उद्देश्य के लिए मुस्लिम कानून यानी इस्लामिक कानून के तहत पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त है. तो, मुस्लिम कानून (भारतीय कानून के हिसाब से नहीं) के अनुसार, अगर वक्फ सोचता है कि जमीन किसी मुस्लिम से संबंधित है, तो वह वक्फ की संपत्ति है.
- मान लीजिए कि 2010 में आपने एक जमीन रमेश से खरीदी और रमेश ने वो जमीन 1965 में सलीम से खरीदी थी. तो, वक्फ बोर्ड उस जमीन पर अपना दावा कर सकता है. यह कहते हुए कि सलीम ने 1964 में वो जमीन वक्फ को दे दी थी. और, अब यह वक्फ की संपत्ति है. अब आप क्या कर सकते हैं? आप अदालत नहीं जा सकते हैं. आपको राज्य के वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा.
- वक्फ बोर्ड क्या है? भारत में एक केंद्रीय वक्फ बोर्ड है. और, 32 राज्य के वक्फ बोर्ड हैं. वक्फ बोर्ड 7 सदस्यीय एक कमेटी है. जिसके सभी सदस्य मुस्लिम ही होने चाहिए. कांग्रेस पार्टी मंदिर एक्ट लाई और सभी मंदिरों पर राज्य का कब्जा हो गया. और, कहा गया कि गैर-हिंदू भी मंदिर बोर्ड का सदस्य हो सकता है.
- लेकिन, यही कांग्रेस वक्फ एक्ट लेकर आई. और, इस बोर्ड को स्वायत रखा. इस एक्ट में कहा गया कि गैर-मुस्लिम शख्स वक्फ बोर्ड का हिस्सा नहीं हो सकता है. वक्फ बोर्ड के पास एक सर्वेयर होता है, जो सभी जमीनों का सर्वे करता रहता है. और, अगर उसे लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ से संबंधित है. तो, वह उसे नोटिस जारी कर सकते हैं. वक्फ एक्ट का सेक्शन 4 सर्वेयर को असीमित शक्तियां देता है.
- वक्फ का एक सीईओ होता है, जो मुस्लिम ही होना चाहिए. सेक्शन 28 वक्फ के सीईओ को अधिकार देता है कि वह कलेक्टर को आदेश दे सके. तो, जैसे ही आपको नोटिस मिलेगा. आपको जमीन के नक्शे, रजिस्ट्री, पेपर लेकर वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा. ताकि, साबित किया जा सके कि ये आपकी ही जमीन है. (उसी बोर्ड के पास जिसने आपको नोटिस भेजा है.)
- अब वक्फ एक्ट का सबसे कठोर प्रावधान आता है. वक्फ एक्ट का आर्टिकल 40 भयावह है. मैं आर्टिकल 40 को हिंदी और अंग्रेजी में यहां शेयर कर रहा हूं. कृपया इसे पढ़ें. चाहे ये आपकी जमीन हो या वक्फ की जमीन. यह फैसला लेना का अधिकार वक्फ बोर्ड को ही है. और, उनका फैसला ही आखिरी होगा. तो, वक्फ ही पुलिस है. वक्फ ही वकील है. वक्फ ही जज है.
Now comes the most draconian article of waqf actArticle 40 This article is horribleI m pasting article 40 in english n hindi both. Pl read it.Whether its ur land or waqf land it will be decided by waqf board and their decision will be finalSo waqf is policewaqf is lawyer pic.twitter.com/Idggd9PEUq
— Agenda Buster (@Starboy2079) September 13, 2022
- तो, आप वक्फ को संतुष्ट नहीं कर सकते हैं कि यह आपकी ही जमीन है. और, आपको जमीन खाली करने के लिए कह दिया जाएगा. आप अब भी कोर्ट नहीं जा सकते हैं. आप वक्फ की ट्रिब्यूनल कोर्ट में जा सकते हैं. हर राज्य में ये कोर्ट केवल 1-2 ही हैं. तो, आपको राजधानी जाना होगा और वहां केस फाइल करना होगा. वक्फ एक्ट का सेक्शन 83 ट्रिब्यूनल के बारे में है.
- ट्रिब्यूनल में 2 जज (किसी भी धर्म के हो सकते हैं) होंगे. और, एक प्रख्यात मुस्लिम होगा. आप ट्रिब्यूनल में अपना केस लड़ते हैं. और, मान लीजिए कि हार जाते हैं. उसके बाद आपके पास क्या विकल्प हैं? यहां सेक्शन 85 के रूप में आता है एक और बड़ा झटका. सेक्शन 85 कहता है कि ट्रिब्यूनल का फैसला ही अंतिम होगा.
- कोई सिविल कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट) ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले को बदल नहीं सकती है. हालांकि, बाद में इस प्रावधान पर सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 में एक केस में रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी कोर्ट हमसे ऊपर नहीं हो सकती है. और, हम किसी भी फैसले में हस्तक्षेप कर सकते हैं.
- 2005 में यूपी वक्फ बोर्ड ने ताजमहल पर एएसआई के खिलाफ दावा किया. हालांकि, वे सुप्रीम कोर्ट में ये केस हार गए. वक्फ बोर्ड ने वक्फ एक्ट के प्रावधानों को इस्तेमाल ज्ञानवापी माले में भी किया था. लेकिन, वे वहां भी हार गए. सवाल ये है कि ताकतवर लोग महंगे वकीलों को केस लड़ने के लिए रख सकते हैं. और, सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं. लेकिन, एक आम आदमी के बारे में क्या?
- तमिलनाडु में वक्फ ने एक पूरे गांव पर दावा कर दिया है. जब वक्फ दावा करता है. तो, जमीन पर दावा सिद्ध करने की जिम्मेदारी बोर्ड की नहीं होती है. खुद को सही सिद्ध करने की जिम्मेदारी पीड़ित की होती है. सवाल उठता है कि कैसे एक धर्मनिरपेक्ष देश में एक धार्मिक एक्ट बन सकता है? क्यों हिंदुओं, ईसाईयों और सिखों के लिए ऐसा कोई एक्ट नहीं है? केवल मुस्लिमों को लिए ही क्यों?
- अगर ईसाई, सिख, जैन किसी हिंदू शख्स की जमीन पर कब्जा या अतिक्रमण कर लें या इसका विपरीत हो. तब वे सिविल कोर्ट जाएंगे. लेकिन, अगर कोई मुस्लिम किसी हिंदू या किसी अन्य धर्म के शख्स की जमीन पर कब्जा कर ले, तब उन्हें वक्फ ट्रिब्यूनल के पास जाना होगा. यह विशेषाधिकार केवल एक धर्म को क्यों?
- इस कठोर कानून की वजह से वक्फ 6 लाख संपत्तियों वाली भारत की सबसे अमीर संस्था बन गया है. और, जिसकी मार्केट वैल्यू 12 लाख करोड़ है. वक्फ इन जमीनों को किराये पर देकर करोड़ों रुपये कमाता है. जो उनके धार्मिक उत्थान और मुकदमे लड़ने में इस्तेमाल किया जाता है. सरकार भी इन्हें आर्थिक सहयोग देती है.
- वहीं, दूसरी ओर सरकारें हर साल हिंदू मंदिरों से एक लाख करोड़ रुपये लेती हैं. जो गैर-हिंदू कामों में इस्तेमाल किया जाता है. दूसरी ओर सरकार वक्फ को फंडिंग देती है, जो पहले से ही अमीर है. सरकार को तत्काल प्रभाव से वक्फ एक्ट को रद्द करना चाहिए. और, सभी धर्मों के लिए एक जैसा एक्ट बनाया जाना चाहिए.
- आप पूरे वक्फ एक्ट 1995 को यहां पढ़ सकते हैं. indiankanoon.org/doc/631210/ या minorityaffairs.gov.in/en/acts इनमें जरूरी सेक्शन हैं : 3(r), 4,6,7,11,19,23, 23,29,30,40,77,83,85,99. वक्फ के सदस्यों को वेतन और भता वक्फ फंड से ही दिया जाता है.
- वक्फ के पास प्रशासनिक, निगरानी रखने वाली और न्यायिक शक्तियां हैं. लेकिन, निष्पादन की शक्ति कलेक्टर, डीएम और पुलिस के पास हैं. जो ज्यादातर हिंदू हैं. लेकिन, जैसे-जैसे जनसांख्यिकीय बदलाव आईएएस, आईपीएस में होता है. वैसे-वैसे ये वक्फ एक्ट 10 गुना ज्यादा घातक हो जाएगा. वक्फ एक्ट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.
- भारतीय संविधान किसी भी ऐसे कार्य की इजाजत नहीं देता है. जो धार्मिक हो और अन्य धर्मों के अधिकारों का अतिक्रमण करता हो. 1995 में कांग्रेस ने परोक्ष रूप से भारत को एक समुदाय को सौंप दिया. वक्फ एक्ट 1995 को खत्म करो.
यहां पढ़िए पूरा ट्विटर थ्रेड
Waqf Act 1995 (Explained)In this thread u will get to know in simple language- What is Waqf or Wakf ?What is Waqf Act 1995 ?What r powers of Waqf boards ?Can waqf board claim ur home as their property?After reading this thread, U will hate congress n shocked to know1/22 pic.twitter.com/WxgIvLmvNA
— Agenda Buster (@Starboy2079) September 13, 2022
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