'आप' का आगे क्या होगा: 5 संभावनाएं
आम आदमी पार्टी का बनना कोई मामूली राजनीतिक घटना नहीं है. आंदोलनों से उपजे इस राजनीतिक फोरम का नाम भी आम आदमी से जोड़ कर रखा गया. लेकिन पार्टी की अंदरूनी कलह लगातार उसे उसी भीड़ की ओर धकेल रही है जिससे अलग होने का वो दावा करती रही है.
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आम आदमी पार्टी का बनना कोई मामूली राजनीतिक घटना नहीं है. आंदोलनों से उपजे इस राजनीतिक फोरम का नाम भी आम आदमी से जोड़ कर रखा गया. लेकिन पार्टी की अंदरूनी कलह लगातार उसे उसी भीड़ की ओर धकेल रही है जिससे अलग होने का वो दावा करती रही है. सामने आए टेप और स्टिंग ऑपरेशन में कितनी सच्चाई है ये तो जांच का विषय है.
क्या ये उस आग का धुआं है जो लगी ही नहीं? ऐसा फिलहाल लगता तो नहीं है? आप के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बेंगलुरु में इलाज करा रहे हैं. उनकी तबीयत में सुधार की भी खबर है. तो मेडिकल लीव से लौटने के बाद केजरीवाल क्या कदम उठा सकते हैं? आखिर वो कैसे पार्टी को इस संकट से उबार कर उसे ट्रैक पर लाएंगे?
1. संभव है जवाब में केजरीवाल भी कुछ स्टिंग लाएं. दिल्ली चुनावों के दौरान केजरीवाल आप कार्यकर्ताओं को बात बात पर स्टिंग के लिए प्रोत्साहित करते थे. हो सकता है केजरीवाल के छुट्टी से लौटते कुछ ऐसे स्टिंग पेश किए जाएं जो उन पर लग रहे आरोपों का प्रतिकार कर सकें. योगेंद्र यादव को राजनीतिक पैनल से बाहर करने में भी तो एक टेप पेश किया गया था.
2. मुमकिन है केजरीवाल पार्टी को असल में नुकसान पहुंचाने वालों का पता लगाएं. फिलहाल योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है. इनके अलावा भी तो कुछ नेता हो सकते हैं जो वाकई पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हों. वैसे भी पार्टी के भीतर इन कामों के लिए आंतरिक लोकपाल मौजदू है. हो सकता है केजरीवाल ऐसे नेताओं को पहचान कर उन्हें ठिकाने लगाएं.
3. संभव है केजरीवाल योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को मनाकर वापस लाएं. केजरीवाल लोगों के हित के लिए सख्त सिद्धांतों और विचारों में सुधार के पक्षधर बताए जाते हैं. पार्टी में मौजूदा संकट की शुरुआत योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को लेकर ही हुई है. ऐसे में पार्टी हित में दोनों को मनाने में केजरीवाल पीछे नहीं हटेंगे. अगर पार्टी छोड़ कर जाने वाले नेताओं को लेकर उनके पिछले बयानों पर गौर करें तो यही मालूम होता है.
4. ये भी तो संभव है कि केजरीवाल फिर से माफी मांग लें. दिल्ली में कांग्रेस विधायकों के बूते सरकार बनाने के मामले में आप नेता आशीष खेतान पहले ही बचाव में आ गए हैं. उनका कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो उसमें गलत क्या है? वैसे तो स्टिंग की बातों के सही होने का दावा बगैर जांच के नहीं किया जा सकता, लेकिन उसके सही होने की स्थिति में भी कुछ रास्ते तो बचते ही हैं. जब केजरीवाल पर 'भगोड़ा' होने का ठप्पा लगा तो उन्होंने बड़ी ही विनम्रता के साथ माफी मांगी. लोगों ने माफी भी दे दी. कहते हैं तीन बार माफी दी जा सकती है. अभी तो एक ही बार ऐसा मौका आया है.
5. हो सकता है केजरीवाल राजनीति से संन्यास लेने की पेशकश करे. ये केजरीवाल का ब्रह्मास्त्र होगा. हाल ही में उन्होंने संयोजक पद से भी इस्तीफे की पेशकश की थी जिसे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने पूरी तरह खारिज कर दिया. आशुतोष की किताब की बात करें तो एक वक्त ऐसा आया कि दुखी होकर केजरीवाल सब कुछ छोड़ने को तैयार हो गए थे. अपनी किताब में आशुतोष का कहना है कि केजरीवाल रो पड़े थे. बोले मैं सब कुछ छोड़ने के लिए तैयार हूं.
कुछ स्टिंग आ चुके हैं. पता चला है कुछ और स्टिंग कतार में हैं. जो भी हो आम आदमी को तो इंतजार है केजरीवाल के लौटने का. सच्चाई के सामने आने का.
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