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Updated: 06 अगस्त, 2016 03:09 PM
शुभम गुप्ता
शुभम गुप्ता
  @shubham.gupta.5667
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 बार 'मन की बात' कर चुके हैं और आज 'सीधी बात' भी करेंगे. मगर उनकी ये बात तब तक सफल नहीं होगी जब तक वो गाय-दलित-किसान से लेकर कश्मीर मुद्दे पर अपने 'दिल की बात' नहीं करते.

मोदी मन की बात करते रहे हैं. मगर वो सिर्फ एक तरफा ही होती है. यानी की सिर्फ मोदी के 'मन की बात'. देश के 'मन की बात' वो जानते तो हैं ही मगर करना नहीं चाहते. देश भी उनसे कई सवाल पूछना चाहता है. मगर सवाल तो प्रधानमंत्री ही चुनते हैं, जो उन्हें ठीक लगता है उसी पर बात करते हैं.

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 दिल की बात कब करेंगे मोदी

आपको एक मेसेज आता होगा कि आप अपनी बात इस नंबर पर रिकॉर्ड करा सकते हैं. मैंने भी करवाई मगर सवाल ही नहीं आया. सोचा था प्रधानमंत्री मेरा भी नाम लेंगे और कहेंगे की एक सवाल है कश्मीर में लगातार हो रहे उत्पात को लेकर. मगर ऐसा सिर्फ कल्पना करने में ही अच्छा लगता है.

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मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे, तब उनका खूब मज़ाक बनाया जाता था. कहा जाता था कि वो जनता से और पत्रकारों से बात नहीं करते हैं. 10 वर्षों में सिर्फ 3 प्रेस कांफ्रेस की. बीजेपी ने भी खूब मज़ाक बनाया. जब मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए गए तो लगभग हर न्यूज़ पर अपना इंटरव्यू दे रहे थे. मैं भी यही सोच रहा था कि प्रधानंमंत्री ऐसा होना चाहिए जो मीडिया के सवालों का जवाब दे.

मोदी सरकार को बने 2 साल से ज्यादा हो गया है. लेकिन आज तक प्रधानमंत्री की ओर से एक भी प्रेस कांफ्रेस नहीं की गई. बस जो हुआ वो थी 'मन की बात'. सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री के 'मन की बात'. देश उनसे कुछ सवाल करना चाहता था और चाहता है. लेकिन जवाब मिल नहीं रहा. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और मनमोहन सिह में क्या अंतर रहा? सिर्फ इतना ही कि प्रधानमंत्री मोदी एक अच्छे प्रवक्ता है! उनके भाषणों का कोई जवाब नहीं. मगर बात तो सिर्फ अपनी और से ही करते हैं. न मीडिया के सवालों का कोई जवाब और न ही जनता के सवालों का.

केंद्र सरकार mygov.in के दो साल पूरे होने का जश्न इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में मनाएगी. जिसमें प्रधानमंत्री जनता के सवाल लेंगे. मगर पहले से ही बता दिया गया है कि सवाल या फिर चर्चा दलितों, किसानों, गाय या फिर कश्मीर पर नहीं होगी. यानी की इतना बड़ा कार्यक्रम होने के बाद भी , लगभग 2000 लोंगो की मौजूदगी होने के बाद भी सवाल वही होंगे जो प्रधानमंत्री सुनना चाहते हैं. या फिर प्रधानमंत्री जिन सवालों के जवाब देना चाहते हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी देश से लेकर विदेशों तक अलग-अलग जगह भाषण देते हैं. मगर वो सिर्फ एक और का संवाद ही होता हैं. आखिर कब तक प्रधानमंत्री मोदी जनता औऱ मीडिया के सवालों से बचते रहेंगे? आज कश्मीर में जो हालात हैं उस पर तो प्रधानमंत्री एक ट्वीट भी नहीं करते. हां अपने किसी नेता को जन्मदीन की शुभकामनाएं देना हो तो प्रधानमंत्री सुबह 7 बजे ही ट्वीट कर देते हैं. मगर प्रधानमंत्री को कश्मीर तो शायद नज़र ही नहीं आता!

प्रधानमंत्री को अपने ही 'मन की बात' करते हुए 2 साल तो हो ही गए हैं. मगर अब वक्त आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने 'दिल की बात' करें और देश में चल रहे इन गंभीर मुद्दो पर सवाल-जवाब करें.

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शुभम गुप्ता शुभम गुप्ता @shubham.gupta.5667

लेखक आज तक में पत्रकार हैं.

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