'व्हाइट पेपर प्रोटेस्ट' से क्यों डर रहे हैं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग?
चीन (China) में जीरो कोरोना नीति की वजह से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. और, अब लोगों ने शी जिनपिंग (Xi Jinping) की सरकार के खिलाफ व्हाइट पेपर प्रोटेस्ट (White Paper Protest) को अपना हथियार बना लिया है. इसकी वजह से सरकार उन्हें गिरफ्तार भी नहीं कर सकती है. और, लोगों क्या कहना चाह रहे हैं, ये बात भी सरकार तक पहुंच रही है.
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चीन में जीरो कोविड नीति के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने 'सफेद कागज' को अपने गुस्से का दर्शाने का हथियार बना लिया है. चीन की राजधानी बीजिंग समेत कई शहरों में लोग लॉकडाउन की सख्ती के बावजूद सड़कों पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं. और, प्रदर्शनकारियों के हाथों में सफेद कागज नजर आ रहे हैं. लेकिन, चौंकाने वाली बात है कि इन कागजों पर कुछ भी नहीं लिखा हुआ है. इसके बावजूद लोग इन्हें सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में इस्तेमाल कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि शी जिनपिंग लोगों के हाथों में नजर आने वाले 'कोरे कागज' से डर गए हैं. और, सरकार ने इन शहरों में पुलिस की तैनाती बढ़ाने के साथ ही ऑनलाइन सेंसरशिप भी लागू कर दी है. जिससे लोग प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा न हो सकें.
Tsinghua university right now?? city after city seeing protests small and large against Zero Covid policies and against excesses of Communist Party rule - every hour there seems to be a new one pic.twitter.com/7CbUtzNmjR
— Emily Feng 冯哲芸 (@EmilyZFeng) November 27, 2022
दरअसल, चीन में सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों से निपटने के लिए काफी सख्ती बरती जाती है. चीन जैसे देश में अगर कोई सरकार विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है. तो, उसके गिरफ्तार होने के बाद उसका क्या होता है, ये किसी को पता तक नहीं चलता है. वैसे, शिनजियांग प्रांत के डिटेंशन कैंपों में उइगर मुस्लिमों के हालात चीन ने क्या कर रखे हैं. ये किसी से भी नहीं छिपा है. यही कारण है कि चीन में लोगों ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में सफेद कागज के इस्तेमाल का तरीका खोज निकाला है. इन कागजों में सरकार के खिलाफ कुछ भी नहीं लिखा है. जिसके चलते किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. जबकि, प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार को पता है, हम इन सफेद कागजों के जरिये क्या कहना चाह रहे हैं. और, वो हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं.
चीन में सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों से निपटने के लिए काफी सख्ती बरती जाती है.
इस तरह के प्रदर्शन चीन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगी लगाम को दिखाने का जरिया हैं. और, इन सफेद कागजों के जरिये लोग गिरफ्तारी जैसी सजाओं से भी बच जाते हैं. आसान शब्दों में कहें, तो चीन में ये कोरा कागज कहीं ज्यादा जोरदार तरीके से अपनी आवाज उठाने का जरिया बन चुका है. बता दें कि कुछ दिनों पहले चीन के उरुमकी के एक अपार्टमेंट ब्लॉक में आग लग गई थी. आग से बचने के लिए लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन, पुलिस जीरो कोविड नीति की वजह से इन्हें बाहर नहीं निकलने दिया. जिसकी वजह से 10 लोगों की मौत हो गई. इस मामले के सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. और, अब चीन की राजधानी बीजिंग समेत कई शहरों में लोग लॉकडाउन की सख्ती के बावजूद सड़कों पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
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