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Updated: 22 जुलाई, 2017 07:10 PM
शुभम गुप्ता
शुभम गुप्ता
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दिल्ली में बुरी तरह निगम चुनाव हारने के बाद से ही केजरीवाल चुप हैं. मगर उसके बाद जैसे ही उनके साथी कपिल मिश्रा ने उनपर रिश्वत लेने के आरोप लगाए उसके बाद तो केजरीवाल ने देश में हो रहे किसी भी मुद्दे पर बोलना छोड़ दिया है. मगर ऐसे मुद्दे जिनपर केजरीवाल की जुबान से शब्द नहीं आग निकलती थी, अब ऐसा लगता है जैसे कपिल मिश्रा ने पानी डालकर वो आग बुझा दी हो. अब केजरीवाल सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित रहते हैं.

कपिल मिश्रा ने किया चुप

केजरीवाल सरकार के सबसे भरोसेमंद मंत्री हुआ करते थे कपिल मिश्रा. मगर जब कपिल मिश्रा को मंत्री पद से हटाया गया उसके बाद से ही कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर आरोपों के झड़ी लगा दी. सबसे पहले कपिल मिश्रा ने अरविन्द केजरीवाल पर अपने ही मंत्री सत्येंद्र जैन के द्वारा 2 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया. उसके बाद कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के साडू के साथ भी सांठ-गांठ के आरोप लगाए.

kapil mishra, arvind kejriwalकपिल मिश्रा के आरोपो पर भी चुप्पी साधे हैं केजरीवाल

कपिल मिश्रा सबूतों के साथ सीबीआई दफ्तर पहुंचे. साथ ही ये भी कहा कि वो केजरीवाल का कॉलर पकड़कर उन्हें जेल भेजेंगे. मगर इन तमाम आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज तक एक बार भी मुंह नहीं खोला है. वो चुप्पी साधे हुए हैं. कपिल मिश्रा रोजाना उन्हें ट्वीट करते हैं और जवाब मांगते हैं. मगर केजरीवाल ने मानो कसम खाई हो कि चाहे जो हो जाए वो चुप रहेंगे. अब विरोधी ये भी कहते हैं कि कपिल मिश्रा के आरोपों में वाकई में सच्चाई है तभी तो केजरीवाल चुप हैं.

अखलाख के घर गए मगर जुनैद की हत्या पर भी चुप

आपको दादरी कांड याद होगा. जब अखलाक नाम के शख्स की बीफ रखने और खाने को लेकर हत्या कर दी गयी थी. उसके बाद से देश के तमाम राजनीतिक दल दादरी पहुंचे थे. उनमें केजरीवाल भी शामिल थे. वो तुरंत ही दादरी पहुंचे जहां उन्होंने बीजेपी को खरी खोटी सुनाई, मगर हाल ही में जब ट्रैन में जुनैद नाम के शख्स की हत्या हो गई तब केजरीवाल बिलकुल शांत नजर आए. न तो वो जुनैद के घर गए और न ही उन्होंने बीजेपी पर या किसी और पर किसी भी तरह का आरोप लगाया.

असहिष्णुता के खिलाफ, NotInMyName के प्रदर्शन में भी शामिल नहीं

देश में धर्म के नाम पर हो रही हिंसा के विरोध में कई पत्रकारों, लेखकों, फिल्मी सितारों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया. सभी को उम्मीद थी की केजरीवाल भी इस प्रदर्शन का हिस्सा होंगे मगर केजरीवाल यहां भी नदारद दिखे, उनकी जगह दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसमें हिस्सा लिया. सिसोदिया जंतर मंतर पर हो रहे प्रदर्शन में शामिल हुए. आपको याद होगा जब देश में असहिष्णुता के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे तब केजरीवाल भी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेते थे. मगर आज वो चुप हैं.

arvind kejriwalअब शांत क्यों हैं अरविंद केजरीवाल

किसानों की हत्या पर भी चुप

हाल ही में मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसान आंदोलन के चलते पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हुई थी. जिसके बाद इस मुद्दे पर खूब राजनीति हुई. राहुल गांधी तो बाइक पर बैठकर मंदसौर पहुंचे. विपक्ष ने शिवराज सरकार के साथ ही मोदी सरकार को भी खूब घेरा. इस दौरान भी हर किसी को उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा था कि केजरीवाल इस बार मोदी सरकार के खिलाफ आग उगलेंगे. मगर अरविन्द केजरीवाल यहां भी चुप रहे. ना तो वो मंदसौर गए, ना ही वो किसी किसान के घर गए. इससे पहले केजरीवाल पंजाब में कई बार उन किसानों के घर गए थे जिन्होंने आत्महत्या की थी. साथ ही हमेशा ही मोदी सरकार को किसान विरोधी बताते आये थे. मगर इस बार वो चुप हैं.

सीबीआई छापों पर चुप्पी

आप सभी को केजरीवाल का मोदी को लेकर वो बयान तो याद ही होगा जब दिल्ली में मुख्यमंत्री के दफ्तर में सीबीआई का छापा पढ़ा था. जिसके बाद केजरीवाल ने आकर कहा था कि- 'मोदी कायर हैं. मोदी साइकोपैथ यानी पागल हैं'. ये दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केरजीवाल के शब्द थे, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए. मगर हाल ही में मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई पहुंची. सत्येंद्र जैन के घर सीबीआई पहुंची. घंटो पूछताछ हुई. इसके बाद सभी को लग रहा था कि अरविन्द केजरीवाल एक बार फिर उसी रूप में नजर आएंगे. मगर इस बार भी केजरीवाल चुप रहे. ना तो उन्होंने सीबीआई के बारे में कुछ कहा और ना ही मोदी को.

GST के विरोध में नहीं

देश के अलग-अलग राज्यों में जीएसटी को लेकर व्यापारी प्रदर्शन कर रहे हैं. कपड़ा व्यापारियों का ये मानना है कि कपडे पर जो टैक्स 5% से बढ़कर 18% कर दिया गया है उसे कम किया जाए. खासकर गुजरात में कपड़ा व्यापारी लगातार अपनी दुकानें बंद रखे हुए हैं. मगर केजरीवाल यहां भी चुप हैं. ना तो वो दिल्ली के व्यापारियों के साथ खड़े हुए और ना ही गुजरात के व्यापारियों के साथ.

राष्ट्रपति चुनाव में भी चुप्पी

जब कांग्रेस और बीजेपी दोंनो ही पार्टियां अपने-अपने समर्थन वाली पार्टियों के साथ मीटिंग कर रही थीं. तब किसी ने भी आम आदमी पार्टी को नहीं पूछा. जिसके बाद आप नेता संजय सिंह ने खुद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये बात कही कि- बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही घमंड में चूर हैं.' मगर केजरीवाल यहां भी चुप रहे. उन्होंने एक बार भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की. ना तो उन्होंने कांग्रेस को लेकर कुछ कहा और ना ही बीजेपी को लेकर.

गौ रक्षक पर भी चुप

देश में गौ रक्षा के नाम पर हो रही हत्या को लेकर भी केजरीवाल चुप्पी साधे हुए हैं. इससे पहले केजरीवाल ने खुलकर कई बार विरोध किया है. मगर इस बार केजरीवाल चुप हैं.

यानी कुल मिलकर केजरीवाल अब हर मुद्दे पर चुप हैं. देश में चाहे जो हो रहा हो उन्हें सिर्फ दिल्ली से ही मतलब है. मगर क्या इस चुप्पी के पीछे कपिल मिश्रा के द्वारा लगाए गए आरोप हैं. क्योंकि मीडिया भी बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है कि जैसे ही केजरीवाल मीडिया से मुखातिब हों, उनके कहने से पहले ही मीडिया उनसे सवाल पूछे.

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लेखक

शुभम गुप्ता शुभम गुप्ता @shubham.gupta.5667

लेखक आज तक में पत्रकार हैं.

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