मनमोहन सिंह की तरह मजबूर लगने लगे हैं बराक ओबामा!
पेरिस अटैक, कैलिफोर्निया हमले और ISIS की बढ़ती गतिविधियों के बीच यह तय है कि एक वैसा ही माहौल अमेरिका और यूरोपीय देशों में तैयार हो रहा है जैसा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो विमानों के टकराने के बाद हुआ था. और ये 14 साल पहले की उस परिस्थिति से ज्यादा गंभीर है.
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बराक ओबामा व्हाइट हाउस में अपना आखिरी साल बिता रहे हैं. लेकिन मुश्किलें हैं कि उनका पीछा छोड़ने को तैयार नहीं. यह कुछ-कुछ वैसा ही जैसे कार्यकाल खत्म करते-करते मनमोहन सिंह कई विवादों में फंसते चले गए थे. कैलिफोर्निया हमले के बाद ओबामा ने ISIS के खात्मे की बात कही लेकिन कैसे, इस पर वह कुछ भी साफ-साफ नहीं कह सके. जाहिर है, उनकी बातों में बहुत कुछ वैसा नजर नहीं आ रहा जिस पर अमेरिकी लोग या दुनिया भरोसा कर सके. ओबामा सबको साथ लेकर चलने की बात तो कर रहे हैं लेकिन अमेरिकी की सुरक्षा को लेकर भी वो सवालों में घिरे हैं.
ओबामा ने रविवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस से अमेरिकी लोगों को संबोधित किया और बताया कि कैलिफोर्निया हमले को आतंकी हमले की तरह देखा जाए. उन्होंने ISIL/ISIS को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई और यह भी कहा कि अमेरिकी लोगों को इसे इस्लाम से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए.
पूरे भाषण में ओबामा ने मुस्लिन समाज पर खास तवज्जो दी और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जंग को अमेरिका बनाम इस्लाम में बदल कर नहीं देखा जाना चाहिए. अमेरिका में अगले साल चुनाव होने हैं और इस चुनावी मौसम में मुद्दों को हाइजैक करने की होड़ वहां भी मची है. जाहिर है, ऐसे में आतंकवाद और ISIS का मुद्दा अब वहां राजनीतिक बहस के केंद्र में आ गया है.
ओबामा के संबोधन के चंद मिनट बाद ही रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप ने एक के बाद एक ट्वीट किए और ISIS से निपटने की रणनीति और पूरे भाषण पर ही सवाल खड़े कर दिए. ट्रंप राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हैं अपने भाषणों में अमेरिका उसके पुराने गौरवपूर्ण दिन लौटाने की बात करते रहते हैं. यही नहीं, वह सत्ता में आने के बाद मदरसों और मुस्लिमों पर नजर रखने जैसा विवादास्पद बयान देकर भी चर्चा बटोर चुके हैं.
ओबामा के भाषण के बाद ट्रंप के ट्वीट-
Obama said in his speech that Muslims are our sports heroes. What sport is he talking about, and who? Is Obama profiling?
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 7, 2015
Is that all there is? We need a new President - FAST!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 7, 2015
Wish Obama would say ISIS, like almost everyone else, rather than ISIL.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 7, 2015
Well, Obama refused to say (he just can't say it), that we are at WAR with RADICAL ISLAMIC TERRORISTS.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 7, 2015
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की इमेज कुछ-कुछ दक्षिणपंथी पार्टियों जैसी है. वैसी ही जैसे हमारे देश में बीजेपी की. रिपब्लिकंस अमेरिका में क्रिस्चैनिटी, पारंपरिक अमेरिकी मूल्यों की हिफाजत जैसे मुद्दों पर ज्यादा बात करते हैं. ओबामा केवल ट्रंप के निशाने पर ही नहीं हैं. एक और उम्मीदवार कैरली फायोरिना ने भी ट्वीट कर कहा कि ओबामा के पास ISIS से निपटने को लेकर कोई विजन नहीं है. उनके पास नेतृत्व क्षमता नहीं है. सारी बातें केवल राजनीतिक हैं. यही नहीं फायोरिना ने एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें वो बता रहीं है कि ISIS को हराने के लिए वे क्या करेंगी.
What I would do to defeat ISIS: https://t.co/d9ZWMqRrgv
— Carly Fiorina (@CarlyFiorina) December 7, 2015
हाल के पेरिस अटैक, कैलिफोर्निया हमले और ISIS की बढ़ती गतिविधियों के बीच यह तय है कि एक वैसा ही माहौल अमेरिका और यूरोपीय देशों में तैयार हो रहा है जैसा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो विमानों के टकराने के बाद हुआ था. और ये 14 साल पहले की उस परिस्थिति से ज्यादा गंभीर है. ऐसे में इसका फायदा दक्षिणपंथी पार्टियों या उस विचार के लोगों को मिले तो हैरानी नहीं होनी चाहिए.
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