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Updated: 01 दिसम्बर, 2015 07:51 PM
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चीन में सरकारी नीतियों की आलोचना किस कदर आपको मुश्किल में डाल सकती है इसका अंदाजा उस समय हुआ जब चीनी मूल की मॉडल और मिस कनाडा 2015 अनास्तासिया लिन को चीन में आयोजित होने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भाग लेने से रोक दिया गया.

चीन के शहर हैनन के एक रिसॉर्ट सान्या में 19 दिसंबर को मिस वर्ल्ड 2015 का फाइनल आयोजित होगा. इस प्रतियोगिता में दुनिया भर के 110 देशों की प्रतिभागी भाग लेंगी. लिन भी इस प्रतियोगित के फाइनल में भाग लेने के लिए चीन जाना चाहती थीं. लेकिन उन्हें हांगकांग एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया और चीन का वीजा देने से मना कर दिया गया. आइए जानें लिन पर क्यों भड़का हुआ है चीन.

चीनी सरकार की नीतियों की आलोचना करने की सजाः

25 वर्षीय अनास्तासिया 2003 में ही चीन को छोड़कर कनाडा चली गई थीं. वह बौद्ध धर्म से प्रेरित ध्यान समूह फालुन गोंग की अनुयायी हैं, जिस पर चीन में प्रतिबंध है. वह अभिनेत्री होने के साथ-साथ बेहतरीन पेंटर भी हैं. आध्यत्मिक आंदोलन के रूप में शुरू हुए पंथ फालुन गोंग के चीन में हजारों अनुयायी हैं लेकिन चीनी सरकार इसे खतरनाक सम्प्रदाय मानती है. इसलिए चीन सरकार ने इस पर रोक लगा रखी है. चीन पर अक्सर फालुन गोंग के अनुयायियों पर अत्याचार करने के आरोप लगते हैं. लिन ने मिस कनाडा प्रतियोगिता के दौरान चीन में मानवाधिकार उल्लघंन के लिए सरकार की आलोचना की थी. साथ ही उन्होंने फालुन गोंग के अनुयायियों पर चीन में किए जाने वाले अत्याचार का मुद्दा उठाया था. उन्होंने एक अखबार के लिए लिखे अपने संपादकीय में कहा था कि कैसे चीनी सरकार उसकी आलोचना करने के लिए उनके परिवार को निशाना बना रही है और उन पर अत्याचार कर रही है.

लिन द्वारा अपनी आलोचना से नाराज चीनी सरकार ने लिन के चीन में प्रवेश की इजाजत देने से इनकार कर दिया. चीन सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, 'चीन अपने यहां अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं या एजेंसियों द्वारा आयोजित होने वाली सभी कानूनी गतिविधियों की इजाजत है, जिसमें मिस वर्ल्ड प्रतियोगित भी शामिल है. लेकिन किसी भी अवांछित व्यक्ति को चीन में आने की इजाजत नहीं देता है.' लिन इस उम्मीद में हांगकांग पहुंची थी कि शायद उन्हें वहां से चीन जाने के लिए वीजा ऑन अराइवल मिल जाए. लेकिन चीनी अधिकारियों ने उन्हें चीन जाने वाली फ्लाइट में घुसने की इजाजत नहीं दी और उन्हें चीन का वीजा नहीं दिया गया.

चीन के इस कदम की आलोचना करते हुए लिन ने कहा कि मुझे चीनी सरकार की आलोचना करने की सजा दी जा रही है. वह कहती हैं 'मैं इस बात से हैरान हूं कि आखिर चीनी सरकार को मुझसे क्या डर है?' लिन को भले ही मिस वर्ल्ड प्रतियोगित में भाग लेने से वंचित होना पड़ा हो और चीन में उन्हें प्रवेश न मिल पाया हो लेकिन उन्हें दुनिया भर की मीडिया में सुर्खियां मिली हैं और बिना खिताब जीते ही सिलेब्रिटी बन गई हैं.

इस घटना से भारत में असहिष्णुता बढ़ने की बात करने वालों की आंखें खुल जानी चाहिए. चीन में आपने अगर सरकार के खिलाफ बोला तो घर लौटना ही बैन हो जाएगा. तो जनाब भारत नहीं चीन है सही मायनों में असहिष्णु!

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