Donald Trump मानते क्यों नहीं कि वह चुनाव हार गए हैं?
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हार न मानकर कोर्ट की दहलीज़ पर पहुंचें ट्रंप (Donald Trump) ने अगर चुनाव में धांधली साबित कर दिया तो यह अमेरिका की साख पर सबसे बड़ा दाग होगा. और अगर साबित नहीं कर पाए तो वह खुद अपना ही मज़ाक बना बैठेंगें.
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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US Presedential Elections) 3 नवंबर को हो चुके हैं, नतीजे भी लगभग पूरी तरह से सामने आ चुके हैं. अब महज आधिकारिक घोषणा होना ही बाकी है. नतीजों के मुताबिक अमेरिका में 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे जो बाइडन (Joe Biden). वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चुनाव शर्मनाक तरीके से हार गए हैं. लेकिन चुनावी नतीजे आने के बावजूद अमेरिका में घमासान जारी है. डोनाल्ड ट्रंप हैं कि मानते ही नहीं कि वह चुनाव हार गए हैं, कभी वह बैठे-बैठे अपनी जीत का दावा कर देते हैं तो कभी अमेरिका के चुनावी प्रक्रिया को ही कटघरे में खड़ा कर देते हैं. डोनाल्ड ट्रंप किसी भी सूरत में सत्ता की कुर्सी से उतरना ही नहीं चाहते हैं और वह हर तरह का हथकंडे अपना लेना चाहते हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने ताजा ट्वीट करते हुए कहा है कि उन्हें पिछले चुनाव के मुकाबले 1.01 करोड़ अधिक वोट मिले हैं तो वह चुनाव कैसे हार सकते हैं. डोनाल्ड ट्रंप कितनी भी दलील दे डालें लेकिन अब वह चुनावी नतीजों को नकार नहीं सकते हैं. अभी तक के जो चुनावी नतीजे घोषित हुए हैं उसमें 290 इलेक्ट्रोरल वोट जो बाइडन के खाते में आ चुके हैं जबकि सरकार बनाने के लिए महज 270 इलेक्ट्रोरल वोटों की ज़रूरत होती है.
ये अपने में दिलचस्प है कि हार जाने के बाद भी ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं हैं
डोनाल्ड ट्रंप अभी तक महज 232 इलेक्ट्रोरल वोट ही हासिल कर पाए हैं. अमेरिका के सभी राज्यों में गिनती पूरी हो चुकी है और सबने अपने नतीजे भी घोषित कर दिए हैं. महज एक राज्य जॅार्जिया ही ऐसा है जिसने अबतक परिणाम जारी नहीं किए हैं. यहां कुल 16 इलेक्ट्रोरल वोट हैं और 99 प्रतिशत की मतगणना पूरी होने के बाद जो बाइडन लगभग 14 हज़ार वोटों से आगे चल रहे हैं. जो बाइडन के खाते में ये 16 इलेक्ट्रोरल वोट आएं या न आएं उनकी जीत पहले ही हो चुकी है, इस नतीजे से बहुत कुछ बदलने वाला नहीं है.
अमेरिका में जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप की बयानबाजी तो एक तरफ अब वहां की सरकारी मशीनरी भी खेमों में बंटती हुयी नज़र आ रही है. अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा कर दी है कि जब तक देश का लोक सेवा विभाग जो बाइडन की जीत का ऐलान नहीं कर देगा तब तक वह जो बाइडन को नज़रअंदाज़ ही करेंगें. जबकि हमेशा से अमेरिका में ऐसा होता आया है कि वर्तमान राष्ट्रपति नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की टीम को आधिकारिक तौर पर काम करने की इजाज़त दे देता है और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की पूरी टीम शपथ ग्रहण से पहले ही सारा कामकाज पूरी तरह से संभाल लेती है.
जानकारी के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप ने अबतक हार ही नहीं मानी है इसीलिए उन्होंने जो बाइडन को न अब तक जीत की बधाई दी है औऱ न ही उनकी टीम को कामकाज शुरू करने के लिए कोई अनुमति दी है. अगर डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस को खाली करने से मना कर देंगें तो शायद पहली बार अमेरिका में संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा. फिलहाल डोनाल्ड ट्ंरप ने कोर्ट जाने का फैसला किया है, जहां से कितनी राहत मिलती है और क्या फैसला आता है यह वक्त बताएगा.
लेकिन अमेरिका के किसी भी ऐजेंसी या मशीनरी ने डोनाल्ड ट्रंप के इस आरोपों पर हामी नहीं भरी है. सबका मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में धांधली की कोई जगह ही नहीं है. अब डोनाल्ड ट्रंप क्यों इस हार को स्वीकार नहीं कर रहे हैं और क्यों अपनी ज़िद पर अड़े हुए हैं इसका जवाब तो सिर्फ वही दे सकते हैं, लेकिन फिलहाल जो रुख डोनाल़्ड ट्रंप का है उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है कि वह अमेरिका की फज़ीहत करा कर ही मानेंगें.
अमेरिका में चुनाव भले खत्म हो गया हो और नतीजा भी सामने आ गया हो लेकिन सियासत का हाई वोल्टेज ड्रामा अभी भी जारी है, हो सकता है आगे डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण के कार्यक्रम तक ज़िद पर अड़े रहें और अमेरिका के नागरिक वह सब भी देख लें जो अब तक उन्होंने नहीं देखा रहा होगा. अमेरिका के सर्वोच्च पद पर बैठने को बेताब जो बाइडन के सामने तो डोनाल्ड ट्रंप अभी भी चुनौती बनकर ही खड़े हुए हैं.
जो बाइडन चुनाव भले जीत गए हों मगर अभी उनका डोनाल्ड ट्रंप से कानूनी लड़ाई जीतना बाकी है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का दावा करने वाले देश के चुनाव में अगर धांधली साबित होती है तो ये अमेरिका की शाख पर लगने वाले सबसे धब्बों में से एक होगा. फिलहाल डोनाल्ड ट्रंप पर निगाहें बनी हुई हैं औऱ सभी जानने को उत्सुक हैं कि आखिर वह हार कब मानेंगे.
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