डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों की नॉर्थ कोरिया के ‘सनकी’ तानाशाह की तारीफ...
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के तानाशाह और अमेरिका के कट्टर दुश्मन माने जाने वाले किम-जोंग-उन की तारीफ करके सबको हैरान कर दिया है, आखिर क्या है ट्रंप की इस तारीफ के मायने?
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जिस अमेरिका ने कभी नॉर्थ कोरिया को शैतान राष्ट्रों की धुरी कहा था उसी देश के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के एक उम्मीदवार ने नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम-जोंग-उन की तारीफ करके सबको हैरान कर दिया है. खैर, जब आप किम की तारीफ करने वाले इस शख्स का नाम सुनेंगे तो शायद आपको उतनी हैरानी नहीं होगी. इस शख्स का नाम है रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप. ट्रंप को जानने वालों को अच्छी तरह पता है कि वह किस तरह की बयानबाजी करते हैं.
मुस्लिमों के अमेरिका में प्रवेश और इंटरनेट पर बैन लगाने जैसे बयान देकर पूरी दुनिया में सुर्खियों में छा चुके ट्रंप ने इस बार कुछ ऐसा कह दिया जिसकी शायद ही किसी ने उम्मीद की होगी. ट्रंप ने अमेरिका के कट्टर दुश्मन माने जाने वाले देश नॉर्थ कोरिया के तानाशाह की तारीफ कर डाली. आइए जानें ट्रंप के इस बयान का मतलब.
दुश्मन देश के तानाशाह की तारीफः
हाल ही में अपने जन्मदिन के मौके पर हाइड्रोजम बम का सफल परीक्षण करने का दावा करने वाले नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम-जोन के बारे में ट्रंप ने कहा, 'कितने युवा लोग...वह करीब 26 या 25 साल के थे जब उनके पिता की मौत हुई. अचानक ही उन्होंने ताकतवर जनरलों पर अपना आधिपत्य जमाया..अब वह बॉस हैं.' ट्रंप यहीं नहीं रुके और नॉर्थ कोरिया की सत्ता में अपना आधिपत्य जमाने के मामले किम की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा, 'नॉर्थ कोरिया की तरफ देखिए, यह इंसान, वह सनकी लगता है, है ना? आपको उसे इस बात का श्रेय देना पड़ेगा, यह अविश्वसनीय है. उसने अपने चाचा को खत्म किया, उसने इसे खत्म किया, उसे खत्म किया. यह इंसान खेल नहीं खेलता और हमें भी उसके साथ खेल नहीं खेलना चाहिए.'
ऐसा माना जाता है कि सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए किम-जोंग ने अपने ही चाचा को भूखे कुत्तों के सामने फिंकवाकर उनकी हत्या करवा दी थी. किम-जोंग की क्रूरता के ऐसे और भी कई कारनामे प्रचलित हैं जो उसे दुनिया का सबसे क्रूर तानाशाह साबित करते हैं.
लेकिन ट्रंप ने क्यों की तारीफ?
ऐसा पहली बार नहीं है कि ट्रंप ने अमेरिकी के किसी विरोधी देश की तारीफ की हो. इससे पहले उन्होंने इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन के बारे में कहा था कि अगर सद्दाम आज जिंदा होता तो ISIS के जुल्मो-सितम के नीचे कराह रहे इराक की हालत कहीं बेहतर होती. इतना ही नहीं हाल ही में उन्होंने अमेरिका के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी देश माने जाने वाले रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की भी तारीफ की थी. दरअसल दिलचस्प बात ये है कि नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम भी 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए ट्रंप का समर्थन कर रहा है.
कोरिया के एक बिजनेस डेली की रिपोर्ट के मुताबिक किम ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले होने वाली डिबेट को सुनने के बाद ट्रंप को नॉर्थ कोरिया का समर्थन जताया है. वैसे तो ट्रंप का किम की तारीफ करना चौंकाता है लेकिन इसे उनका चुनावी स्टंट भी माना जा सकता है और ऐसा लगता है कि यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले अपनी बयानबाजी से सुर्खियां बटोरना हो सकती है. यानी किम की तारीफ का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि अगर ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीते तो वह नॉर्थ कोरिया की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा देंगे क्योंकि अभी कुछ ही दिन पहले उन्होंने हाडड्रोजन बम के परीक्षण के दावे के बाद उन्होंने किम-जुंग को पागल करार दिया था. इसलिए ट्रंप द्वारा किम की तारीफ को गंभीरता से न लेकर इसे एक चुनावी स्टंट ही माना जाना चाहिए.
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