इमरान खान पर हुआ कातिलाना हमला सवालों की जद में क्यों है?
पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan) पर सरकार-विरोधी आजादी मार्च के दौरान कातिलाना हमला हुआ था. इमरान खान पर हुआ हमला 2007 में पाकिस्तान की मरहूम नेता बेनजीर भुट्टो की हत्या के वाकये की याद दिलाने वाला था. वैसे, इमरान खान पर हुआ हमला (Attack) शुरू से ही सवालों के घेरे में हैं. आइए डालते हैं उन सवालों पर एक नजर...
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर सरकार-विरोधी आजादी मार्च के दौरान कातिलाना हमला हुआ था. वैसे, इमरान खान की किस्मत अच्छी थी कि भीड़ में खड़े एक युवक ने हमलावर का निशाना मोड़ दिया. वरना इमरान की जान जाने तक की नौबत आ सकती थी. इमरान खान पर हुआ हमला 2007 में पाकिस्तान की मरहूम नेता बेनजीर भुट्टो की हत्या के वाकये की याद दिलाने वाला था. इमरान खान पर हुए इस हमले के बाद से पाकिस्तान में हालात बिगड़ने लगे हैं. कई जगहों पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के समर्थकों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. वैसे, इमरान खान पर हुआ कातिलाना हमला शुरू से ही सवालों के घेरे में हैं. आइए डालते हैं उन सवालों पर एक नजर...
पाकिस्तान की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप कातिलाना हमलों में भी कमजोर नहीं पड़ते हैं.
गोलियां चलीं सिर्फ 6, लेकिन एक की मौत और 14 घायल कैसे?
पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक ट्वीट में हमले में मारे गए और घायल हुए लोगों की लिस्ट शेयर की है. हामिद मीर ने लिखा है कि 'यह मामला साधारण नहीं है. पिस्टल से निकली 6 गोलियां 14 लोगों को घायल और एक आदमी की मौत की वजह कैसे बन सकती हैं?' पाकिस्तानी पत्रकार ने जो लिस्ट शेयर की है, उसमें गोलियों से घायल होने वालों के नाम भी हैं. चौंकाने वाली बात है कि इमरान खान समेत गोलियों से घायल होने वाले 5 लोग हैं. लेकिन, यहां गोलियों की वजह से 7 जख्मों की बात की गई है. जबकि, हामिद मीर के अनुसार 6 गोलियां ही चलाई गई थीं. तो, यहां सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि आखिर ये 7वीं गोली कहां से आई?
یہ معاملہ اتنا سادہ نہیں، ایک پستول سے نکلنے والی چھ گولیوں نے 14 افراد کو زخمی کیسے کیا اور ایک آدمی کی جان کیسے لے لی؟ pic.twitter.com/tso5euuGyo
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) November 3, 2022
क्या वहां पर कोई और हमलावर भी था?
वैसे, 7वीं गोली को लेकर एक अन्य पाकिस्तानी पत्रकार ने काफी कुछ बताया है. लेकिन, इस पर किसी तरह की चर्चा नहीं हो रही है. दरअसल, फसीह नाम के एक पाकिस्तानी पत्रकार ने ट्विटर पर लिखा है कि 'मैं इस धरने को कवर कर रहा था. और, हमले के वक्त कंटेनर में ही था. मेरी कार कंटेनर के पीछे चल रही थी. मेरे ड्राइवर ने ऑटोमेटिक गन से कंटेनर पर एक प्लाजा के दूसरे फ्लोर से गोलियां चलती देखीं.' फसीह ने इस पर एक लंबा ट्विटर थ्रेड लिखा है. लेकिन, पाकिस्तानी सरकार से लेकर पुलिस तक इमरान खान पर हुए इस हमले में दूसरे हमलावर को खोजने की कोशिश ही नहीं हो रही है. यहां तक कि इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई भी इस दूसरे हमलावर को लेकर खामोशी अख्तियार किए हुए हैं. जो सीधे तौर पर चौंकाने वाला मामला है. अगर वहां कोई दूसरा हमलावर भी था, तो सरकार और पुलिस ने उसे पकड़ने की क्या कोशिशें की हैं? इसके बारे में पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में कोई खबर नजर नहीं आती है.
I was covering today’s procession and was in the container when the attack happened. My car was following the container. My driver saw a burst of automatic assault gun fire come at the container from the second story of a plaza.
— fasih (@therealfasih) November 3, 2022
क्या 'मजहबी सरहद' पार करने की वजह से बने निशाना?
इमरान खान पर हमला करने वाले शख्स नावीद का एक और कबूलनामा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में हमलावर कहता नजर आ रहा है कि 'मैं इमरान खान को इसलिए मारना चाहता था, क्योंकि उसने अपनी तुलना पैगंबर से कर खुद को नबी बताने की कोशिश की थी.' और, इस वीडियो के वायरल होने के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में इमरान खान पर हुए हमले के लिए उनको ही जिम्मेदार ठहरा दिया.
#EXCLUSIVE: Another confessional video of gunman who attempted to assassinate former PM @ImranKhanPTI, saying “I wanted to kill #ImranKhan because he claims prophethood by comparing himself with prophets.” pic.twitter.com/b3rUFrnzaG
— Asad Ali Toor (@AsadAToor) November 4, 2022
ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इमरान की 'मजहबी सरहद पार करने की कोशिशों' की वजह से उन पर हमला हुआ. साथ ही ख्वाजा आसिफ ने इस हमले को सियासी मकसद साधने का जरिया बताया है. वैसे, हमले के कुछ समय बाद हमलावर नावीद ने कहा था कि 'इमरान खान लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इसलिए मैंने मारने की कोशिश की.' यहां अहम सवाल ये है कि इतने बड़े मामले में आखिर हमलावर के कबूलनामे सोशल मीडिया के जरिये क्यों बाहर आ रहे हैं?
क्या पाकिस्तानी सरकार ने करवाया था हमला?
पीटीआई के वरिष्ठ नेता और इमरान के करीबी सहयोगी असद उमर ने खान के हवाले से उनका पैगाम लोगों तक सोशल मीडिया के जरिये पहुंचाया है. इस मैसेज में इमरान खान ने अपनी हत्या की साजिश रचने का इल्जाम पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के मेजर जनरल फैसल नसीर पर लगाया है. हालांकि, पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए मामले की जांच में सहयोग करने की बात कही है.
Secretary General PTI @Asad_Umar’s exclusive message after assassination attempt on Imran Khan. 1/2 #عمران_خان_ہماری_ریڈ_لائن_ہے pic.twitter.com/a6TXu9hjXS
— PTI (@PTIofficial) November 3, 2022
इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) यानी पीएमएलएन पर इस हमले का इल्जाम लगाया है. पीटीआई ने एक वीडियो ट्वीट कर हमलावर और पीएमएलएन के बीच जुड़ाव होने का दावा किया है. पीटीआई ने हमलावर नावीद की फेसबुक प्रोफाइल से इम्तियाज अजहर बागड़ी के कनेक्शन का वीडियो शेयर किया है. दावा किया जा रहा है. बता दें कि इम्तियाज अजहर बागड़ी पीएमएलएन का नेता है.
PMLN & Handlers stand exposed as we can clearly see a linkage between the attacker and PMLN. #عمران_خان_ہماری_ریڈ_لاین_ہے #SackGeneralFaisal pic.twitter.com/8UYs83GofN
— PTI (@PTIofficial) November 4, 2022
क्या हमले में पाकिस्तानी सेना का कोई हाथ है?
2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के पीछे तत्कालीन सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ का हाथ होने का दावा किया जाता रहा है. इसी तरह इमरान खान पर हुए हमले के पीछे भी पाकिस्तानी सेना का हाथ होने की थ्योरी भी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से फैल रही है. दरअसल, इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के बीच तनातनी का मामला उनकी सरकार के दौरान बहुत बढ़ गया था.
पाकिस्तानी मीडिया में तो यहां तक दावा कर दिया गया था कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान को थप्पड़ मार दिया था. क्योंकि, इमरान खान अपनी पसंद का सेना प्रमुख बनवाना चाहते थे. लेकिन, जनरल कमर जावेद बाजवा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. वहीं, जब इमरान खान की सरकार गिर गई. तो, उन्होंने इसके लिए भी पाकिस्तानी सेना के साथ विदेशी साजिश को दोषी ठहराया था.
आसान शब्दों में कहें, तो पाकिस्तानी सेना और इमरान खान के बीच की अदावत का ये अंजाम होना कोई बड़ी बात नहीं है. वैसे भी जुल्फिकार अली भुट्टो को पाकिस्तानी सेना के इशारे पर ही फांसी पर लटकाया गया था.
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