ये कौन हैं, जिन्हें गृह मंत्री से ज्यादा हाफिज सईद पर भरोसा है
अभिव्यक्ति की आजादी पर देश में बहस इतनी बड़ी हो गई है कि एक पक्ष इसकी खातिर हाफिज सईद को भी डिप्लोमैटिक इम्युनिटी देने को तैयार है, हाफिज सईद आजाद है वैसे ही जैसे हमारे देश में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाले.
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क्या देश में किसी को यह बताने की जरूरत है कि हाफिज सईद कौन है? वह कश्मीर को लेकर क्या चाहता है? उसने मुंबई में क्या किया?
भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को शर्मिंदा करने का हम भारतीयों के पास पूरा मौका है और हक भी. बड़े बड़े बुद्धिजीवी राजनाथ सिंह को कोस रहे हैं कि उन्होंने सिर्फ एक फर्जी ट्वीट के भरोसे हाफिज सईद का नाम जेएनयू विवाद में ले लिया. तो वे सही ही कह रहे होंगे. गृह राज्यमंत्री किरण रिजूजू की यह बात क्यों मानी जाएगी कि खुफिया एजेंसियों की ओर से गृह मंत्रालय के पास इस बारे में पुख्ता सूचना थी.
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर यह भी है कि हाफिज सईद पूर्व में कई ट्विटर अकाउंट उपयोग करता रहा है. उसके कई अकाउंट ट्विटर ने वेबसाइट से हटा दिए हैं. खैर हम तो यही मानकर चल रहे हैं कि किसी ने फर्जी ट्वीट करके हाफिज सईद की छवि खराब की, तो क्या राजनाथ सिंह को भी यही करना चाहिए था.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाया है कि हाफिज सईद का यदि जेएनयू विवाद में हाथ है तो उसका सबूत देश के सामने रखा जाना चाहिए. बात सही भी है, सरकार को चाहिए कि वह इस बारे में एक डॉजिएर और तैयार करे. बड़े बड़े बुद्धिजीवी सरकार को कोस रहे हैं कि उसने सिर्फ एक फर्जी ट्वीट के भरोसे हाफिज सईद का नाम ले दिया. तो वे सही ही कह रहे होंगे. गृह राज्यमंत्री किरण रिजूजू और खुफिया एजेंसियों की बात क्यों मानी जाएगी, जो हाफिज सईद के जेएनयू आंदोलन को समर्थन देने की बात कह रही हैं.
Cracking down on students & using #HafizSaeed to justify the crack down is a new low, even for this NDA government. #JNUCrackdown
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) February 14, 2016
The Home Minister must go public with the evidence collected that enabled him to level this charge against the #JNU students #HafizSaeed
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) February 14, 2016
अभिव्यक्ति की आजादी पर देश में बहस इतनी बड़ी हो गई है कि एक पक्ष इसकी खातिर हाफिज सईद को भी डिप्लोमैटिक इम्युनिटी देने को तैयार है. इस बात को जानते हुए भी कि वह कश्मीर को लेकर क्या चाहता है. कैसे वह पाकिस्तान में हजारों लोगों के बीच चीख चीखकर कश्मीर और भारत में जेहाद फैलाने की बात करता है.
सोमवार को उसने एक शासनाध्यक्ष की तरह अपना वीडियो तैयार करवाया और यूट्यूब पर जारी कर दिया. बड़ी ताकत के साथ वह इस वीडियो में कह रहा है कि उसने जेएनयू से जुड़ा कोई ट्वीट नहीं किया है और न ही वहां के विवाद में उसका कोई हाथ है.
देखें हाफिज सईद का वीडियोः
वीडियो के जारी होते ही कुछ लोगों ने इसे आकाशवाणी मानकर सरकार को कोसने का काम शुरू कर दिया. मोदी सरकार और गृह मंत्री के लिए एक शर्मिंदगी. लेकिन, हाफिज सईद के इस वीडियो को पूरा देखने के बाद ये अंदाज लगाया जा सकता है कि उसका उद्देश्य अपनी बेगुनाही से जुड़ी सफाई देना नहीं था. वह तो अफजल गुरु के 'शुभचिंतकों' के साथ सुर में सुर मिलाकर जेएनयू जैसे फसाद और फैलाने की चेतावनी दे रहा था.
"Why didnt @BJPRajnathSingh check facts, not fake tweet, before claiming Hafiz Saeed linked to students" @ArvindKejriwal on #JNU #AapKaCM
— barkha dutt (@BDUTT) February 15, 2016
उस फर्जी ट्वीट को आधार बनाकर हाफिज सईद ने संपूर्ण भारतीय दृष्टिकोण पर ही सवाल खड़ा किया, जिसमें उस पर मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड होने का आरोप है. सबूत है. अपने वीडियो में वह कश्मीर से लेकर जेएनयू तक के मुद्दे पर भारत को सीख दे रहा है! जेएनयू में अपने ही देश के खिलाफ नारे लगाते लोगों को देखकर भारत के खिलाफ अपनी भड़ास निकालते हुए उसे नीचा दिखा रहा है. भारतीय सेनाओँ द्वारा कश्मीरी लोगों के कथित उत्पीड़न का आरोप लगाकर वह कश्मीर की आजादी का समर्थन कर रहा है.
Why did Amit Shah's passionate blog teaching us nationalism not mention Rajnath Singh's assertion on #HafizSaeed & JNU support?#JNUAttack
— swati chaturvedi (@bainjal) February 16, 2016
For a Home Minister to say JNU students have support of #HafizSaeed is an utterly irresponsible statement says @JhaSanjay #JNUCrackdown
— Arunoday Mukharji (@ArunodayM) February 14, 2016
एक आतंकवादी की भारत से जुड़े किसी मामले में ऐसी सक्रियता कभी सामने नहीं आई. मुंबई आतंकी हमले से लेकर पठानकोट हमले तक. लेकिन जब उसने देखा कि कैसे कुछ भारतीय ही उसके ट्वीट का नाम लेकर सरकार को घेर रहे हैं तो इस आतंकवादी को भी मौका मिल गया. उसका वीडियो दरअसल भारत को ही संबोधित है.
तो हम इसे क्या मानें? हाफिज सईद की अभिव्यक्ति की आजादी. क्योंकि, वह तो आजाद है. वैसे ही जैसे हमारे देश में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाले.
देखें, भारत के खिलाफ नफरत की आग उगलते हाफिज सईद का वीडियोः
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