New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 11 सितम्बर, 2015 01:52 PM
Ashutosh Ujjwal
Ashutosh Ujjwal
  @ashutosh7570
  • Total Shares

मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया प्रमोट करके होमगार्ड सेक्शन में भेज दिए गए तो लोग मुंह बनाने लगे कि पद तो बढ़ा लेकिन कद घट गया. मतलब होमगार्ड के काम को कुछ खास इज्जत की नजर से देखा नहीं जाता. एक और मामला ये है कि बुधवार को राजस्थान होमगार्ड्स के 199 जवानों ने अपने खून से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें जवानों को नियमित करने या इच्छामृत्यु की अनुमति देने की मांग की है. फिलहाल होमगार्ड साल के सिर्फ 5 महीने काम करते हैं बाकी समय वे बेरोजगार रहते हैं. कठिन परिस्थितियों में काम करने और शोषण से आहत जवानों ने यह कदम उठाया है. साथ ही यह भी कहा कि हम शांति से अपनी बात मनवाना चाहते हैं, कोई तोड़-फोड़ या अराजकता हम नहीं चाहते.

लेकिन सच क्या है? देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने, आग-बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में और चुनाव वगैरह कराने से लेकर ट्रैफिक संभालने तक के काम में बिना उनकी मदद के कुछ संभव नहीं है. होमगार्ड कौन होते हैं, उनका काम क्या है, वे पुलिस से किस तरह अलग होते हैं, जानिए उनके बारे में ये 10 खास बातें:

1- द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन में वॉलंटियर्स की सेना ने जन्म लिया, जिसका नाम था 'डैड्स आर्मी'. भारत में इसकी नींव सबसे पहले मुंबई में पड़ी, साल था 1946. इसके पीछे विचार था कि एयरफोर्स, नेवी और पुलिस के अलावा एक और फोर्स होनी चाहिए, जो आपदा की स्थिति में या छोटे-मोटे मामलों को ठिकाने लगाने के काम आ सके. अब हर साल 6 दिसंबर को होमगार्ड फोर्स की वर्षगांठ मनाई जाती है.

2- चीन युद्ध के बाद 1962 में केंद्र सरकार ने राज्यों को सलाह दी कि यह एक जरूरी चीज है और सभी राज्य होमगार्ड विभाग बना लें. देश के लगभग सभी राज्यों ने यह सलाह मानी और इसे अपना अर्धसैनिक बल बनाया.

3- अब तक 25 राज्यों में होमगार्ड अर्धसैनिक बल के रूप में अपना काम शुरू कर चुके हैं. केरल में नहीं, क्योंकि उसके पास इसके विकल्प हैं.

4- होमगार्ड केंद्र नहीं, राज्य सरकारों के अधीन होते हैं. लेकिन उनकी ट्रेनिंग केंद्रीय एजेंसी सिविल डिफेंस कराती है. देश भर की होमगार्ड आर्मी में 5,73,793 सैनिकों की क्षमता है.

5- होमगार्ड जवानों के नसीब में नई तकनीक के हथियार नहीं आते. फौज और पुलिस से रिटायर हुए वेपन ही इनको मिलते हैं.

6- इनकी भर्ती में कोई खास चोंचले नहीं होते. डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, टीचर जिनकी भी उम्र 18 से 50 साल के बीच हो, मेल हो या फीमेल, वो इसमें भर्ती हो सकते हैं. हां पहले मेडिकल फिटनेस टेस्ट जरूर होता है कि आदमी खुद बीमार होकर वहां मेहनत करने न जाए.

7- एक लंबे समय तक होमगार्ड्स ने वॉलंटियरी सर्विस की. बाद में उन्हें वैतनिक दायरे में लाया गया. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब सरकार की तरफ से उन्हें अच्छी तनख्वाह मिलने लगी है, जिससे इस सरकारी नौकरी के लिए लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है.

8- तीन साल तक काम करने के बाद पुलिस बल के अंडर में इनकी अच्छी खासी ट्रेनिंग होती है, जिसमें इन्हें आपदा प्रबंधन, आतंक से निपटने और डाकू चोर उचक्कों से भिड़ना सिखाया जाता है.

9- आपको जानकर शायद हैरत हो कि असम, गुजरात, मेघालय, पंजाब के होमगार्ड तो सेना का पूरा काम करते हैं और बॉर्डर पर रखवाली भी करते हैं.

10- पुलिस के बराबर और सेना के कंधे से कंधा मिला कर काम करने के बावजूद सरकार की तरफ से होमगार्ड्स पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता और इसे आज भी अधिकारियों के ‘डंपिंग ग्राउंड’ की तरह देखा जाता है. यही वजह है कि आम जनता भी उनको खास तरजीह नहीं देती. क्योंकि बाकी सैनिक या अर्धसैनिक बलों के बराबर अधिकार उनके पास नहीं है.

#होमगार्ड्स, #राकेश मारिया, #अर्धसैनिक बल, होमगार्ड्स, राकेश मारिया, अर्धसैनिक बल

लेखक

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय