New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 31 अगस्त, 2022 08:06 PM
अरविंद मिश्रा
अरविंद मिश्रा
  @arvind.mishra.505523
  • Total Shares

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव का ऐलान हो चुका है. 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होने वाला है, वहीं अगर इस पद के लिए एक से ज़्यादा उम्मीदवार मैदान में रहते हैं तो 19 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी. लेकिन इसके साथ ही कौन -कौन उमीदवार होंगे इस पर भी कयासों का बाजार भी गर्म है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा अशोक गहलोत और मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी जोर-शोर से चल रही है. लेकिन इस कड़ी में एक नाम शशि थरूर का भी जुड़ गया है. तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद और जी 23 के नेता शशि थरूर ने मलयालम दैनिक मातृभूमि के लिए एक लेख में लिखा कि, 'मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव के लिए कई उम्मीदवार सामने आएंगे. पार्टी तथा देश के लिए अपने विचारों को सामने रखना निश्चित तौर पर जनहित को जगाएगा.’ इस लेख ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनावी अखाड़े में शशि थरूर के उतरने की अटकलों को हवा दे दी.

Shashi Tharoor, Congress, National President, Rahul Gandhi, Sonia Gandhi, Election, BJP, Narendra Modiअगर शशि थरूर कांग्रेस के अध्यक्ष बनते हैं तो कई बातें हैं जो उनके पक्ष में हैं, वहीं तमाम चीजें ऐसी भी हैं जो उनके समर्थन में नहीं हैं

आइये जानते हैं कि अगर थरूर इस पद के उमीदवार होते हैं तो उनके पक्ष और विपक्ष में क्या-क्या कारक हो सकते हैं?

कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में थरूर के पक्ष में ये बातें

लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीते: 2009 से लेकर वह केरल की तिरुअनंतपुरम सीट से लगातार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं.

तार्किक, करिश्माई और स्पष्टवादी: शशि थरूर एक करिश्माई और स्पष्ट बोलने वाले व्यक्ति हैं.

मध्यम वर्ग में लोकप्रिय: हिंदी और अंग्रेजी पर उनकी समान रूप से पकड़ के कारण मध्यम वर्ग में थरूर लोकप्रिय है.

अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर: यूएन के साथ काम किया: वर्षों तक संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का प्रतिनिधित्व करने के कारण वो लोकप्रिय भी हैं.

प्रशासनिक अनुभव- मंत्री के रूप में सेवा की: यूपीए के नेतृत्व वाली सरकार के अंदर थरूर 2009-2010 तक विदेश मंत्रालय और 2012-2014 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री रह चुके हैं.

कांग्रेस केअध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में थरूर के लिए वो बातें जो उनके अगेंस्ट जा सकती है

जी-23 टैग- जिन्होंने संगठनात्मक सुधारों की मांग की: थरूर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 2020 में पत्र लिखकर संगठनात्मक सुधारों की मांग करने वाले 23 नेताओं के समूह में शामिल रहे हैं.

गांधी परिवार का समर्थन नहीं मिल सकता: अगर थरूर अध्यक्ष पद के रेस में होते हैं तो गांधी परिवार का समर्थन मिलना मुश्किल हो सकता है. ऐसा भी संभव है कि उनका वही हश्र हो सकता है जो 2000 में सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले जितेंद्र प्रसाद का हुआ था यानि शर्मनाक हार,

पार्टी में तुलनात्मक रूप से नया, 2009 कांग्रेस में शामिल हुआ: थरूर को कांग्रेस में आये हुए मात्र 13 साल ही हुए हैं. यानी औरों के मुक़ाबले नए थरूर को जनता का नेता नहीं माना जाता है.  उनका कोई मास बेस नहीं है और संगठन में काम करने का अनुभव भी नहीं है.

हिंदी एक कमज़ोर कड़ी: शशि थरूर दक्षिण भारत का होना और विदेशों में काम करने के कारण अंग्रेजी पर पकड़ और हिंदी कमज़ोर है. उनके बारे में एक बात अक्सर कही जाती है कि वह ऐसी अंग्रेजी लिखते हैं कि लोगों को डिक्शनरी देखनी पड़ जाती है

विवादों से पुराना रिश्ता : थरूर हमेशा विवादों में रहते हैं इसलिए उन्हें कांग्रेस का विवादित बेबी भी जाना जाता है. जो इनके खिलाफ जा सकता है.

हालांकि शशि थरूर अभी तक कोई कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवारी को लेकर आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भी एक प्रबल दावेदार हो सकते हैं. लेकिन अहम सवाल यह भी है कि क्या पार्टी के भीतर उन्हें इस सर्वोच्च पद का चुनाव जीतने लायक समर्थन मिल पाएगा भी?

#शशि थरूर, #कांग्रेस, #अध्यक्ष, Shashi Tharoor, Congress, National President

लेखक

अरविंद मिश्रा अरविंद मिश्रा @arvind.mishra.505523

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय