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Updated: 18 मई, 2022 04:09 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने इस्तीफा दे दिया है. वैसे, हार्दिक पटेल ने सिर्फ इस्तीफा ही नहीं दिया है. बल्कि, एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की खामियां भी गिना डाली हैं. इस पत्र में हार्दिक पटेल ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा तंज कसा. उन्होंने राहुल गांधी की गंभीरता से लेकर उनकी सोच तक पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया. हार्दिक पटेल का ये पत्र काफी हद तक पंजाब के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ के फेसबुक लाइव की तरह ही नजर आता है. जहां कांग्रेस की बखिया उधेड़ने में कोई कमी नही रखी गई. आसान शब्दों में कहा जाए, तो हार्दिक पटेल ने राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता को कठघरे में खड़ा करते हुए कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. और, बताया है कि राहुल गांधी को राजनीति से ज्यादा क्या पसंद है?

Hardik Patel Rahul Gandhi Resignationहार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे के पत्र में राहुल गांधी पर कई तीखे तंज कसे हैं.

क्या 'पिडी' प्रेम की बात कर रहे थे हार्दिक?

कांग्रेस छोड़ने से पहले हिमंत बिस्वा सरमा ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी. लेकिन, इस मुलाकात के दौरान राहुल गांधी अपने कुत्ते पिडी के साथ खेलने में बिजी थे. इतना ही नही, हिमंत बिस्वा सरमा के दावे पर यकीन करें, तो राहुल गांधी ने अपने कुत्ते पिडी को खिलाए जाने वाले बिस्किट ही वहां आए कांग्रेस नेताओं को ऑफर कर दिए थे. बताना जरूरी है कि राजनीतिक शिष्टाचार और मुद्दे की गंभीरता को लेकर राहुल गांधी लंबे अरसे से हिमंत बिस्वा सरमा के निशाने पर रहे हैं. हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया था कि मुलाकात के दौरान राहुल गांधी असम के मुद्दे पर उतने गंभीर नहीं थे. जितना अपने कुत्ते पिडी के साथ खेलने को लेकर थे.

वैसे, हार्दिक पटेल ने इस्तीफे में लिखा है कि 'कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्‍व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है. मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा.' और, हार्दिक पटेल की ये बात काफी हद तक असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से मिलती है. मोबाइल या अन्य चीजों पर ध्यान रखने की बात कह कर हार्दिक पटेल ने शायद अपना दर्द खुलकर हिमंता बिस्वा सरमा की तरह न रखा हो. लेकिन, हार्दिक पटेल का इशारा राहुल गांधी की तरफ ही था.

पार्टी और देश के संकट से जरूरी विदेश यात्रा

वैसे, राहुल गांधी अपनी विदेश यात्राओं को लेकर हमेशा से ही चर्चा में रहते हैं. कांग्रेस के स्थापना दिवस के कार्यक्रम की बात हो या किसान आंदोलन की. हाल ही में नेपाल के एक क्लब में नजर आने की बात हो या मुंबई पर हु आतंकी हमलों के दौरान की विदेश यात्रा. राहुल गांधी की राजनीतिक काबिलियत पर उनकी विदेश यात्राएं हमेशा से भारी पड़ी हैं. हार्दिक पटेल ने भी अपने इस्तीफे में इस बात का जिक्र किया है कि 'जब भी देश संकट में था अथवा कांग्रेस को नेतृत्‍व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी, तो हमारे नेता विदेश में थे.' इसमें शायद ही कोई दो राय होगी कि हार्दिक पटेल का संकेत राहुल गांधी की ओर ही था.

गुजरात चुनाव से ज्यादा जरूरी 'चिकन सैंडविच'

राहुल गांधी ने बीते दिनों गुजरात में एक आदिवासी सम्मेलन किया था. जिसमें हार्दिक पटेल भी शामिल हुए थे. लेकिन, राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम में हार्दिक पटेल से ज्यादा तवज्जो कांग्रेस समर्थक निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को दी थी. खैर, इस बात से हार्दिक पटेल का नाराज होना समझ आता है. लेकिन, हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि 'दुख होता है जब हम जैसे कार्यकर्ता अपनी गाड़ी से अपने खर्च पर दिन में 500-600 किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं, जनता के बीच जाते हैं और फिर देखते हैं कि गुजरात के बड़े नेता तो जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्‍ली से आए हुए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं.'

हार्दिक पटेल ने इस्तीफे में चिकन सैंडविच का जिक्र कर ये जताने की कोशिश की है कि राहुल गांधी को गुजरात विधानसभा चुनाव से कोई फर्क नहीं पड़ता है. बल्कि, उनके लिए चिकन सैंडविच ज्यादा जरूरी है. हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में साफ लिखा है कि वह अपनी ओर से मेहनत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे थे. लेकिन, गुजरात के नेताओं के लिए चिकन सैंडविच के जरिये राहुल गांधी की चापलूसी करना ज्यादा जरूरी है. हार्दिक की ये बात पंजाब कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ के उन आरोपों के करीब नजर आती है. जिसमें सुनील जाखड़ ने बाकायदा कुछ नेताओं के नाम लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व यानी गांधी परिवार के चापलूसों से घिरे होने की बात कही थी. 

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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