क्या पीके का मास्टरस्ट्रोक यूपी में काम आयेगा?
शायद प्रशांत किशोर का ऐसा मानना है कि अगर राहुल गांधी को 2019 के चुनाव में जीत दर्ज करनी है तो पहले उन्हें यह विश्वास पैदा करना होगा कि वे पार्टी को जीत दिला सकते हैं. ये और बात है कि लोकसभा चुनाव में फजीहत के बाद कांग्रेसी प्रियंका गांधी को पार्टी के तारणहार के रूप में देख रहे हैं.
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यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुये सभी पार्टीयां जनता को लुभाने के जुगत में लग गई हैं. इसी कड़ी को लेकर कांग्रेस की तरफ से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को हायर किया गया है. यूपी चुनाव में कांग्रेस की तरफ से सीएम कैंडिडेट के लिये काफी दिनो से प्रियंका गांधी का नाम सामने आ रहा था. लेकिन अभी हाल ही में उत्तरप्रदेश में सीएम कैंडिडेट के लिये राहुल गांधी का नाम सामने आने से राजनीति में भूचाल आ गया है. हालांकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर चल रही अटकलों पर कुछ भी बोलने से फिलहाल इनकार किया है.
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राहुल ने कहा कि जो लोग ऐसी खबरें चलाते हैं वही जानें कि क्या होगा. कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर का मानना है कि अखिलेश और मायावती के सामने राहुल का नाम लाना आवश्यक है नही तो यूपी में कांग्रेस की नैया डगमगा सकती है. सूत्रों की माने तो कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को कुछ चौंका देने वाले सुझाव दिए हैं. अब तक सिर्फ प्रचार के लिए राहुल या प्रियंका गांधी को आगे लाने की बात हो रही थी. अब प्रशांत ने उन दोनों में से किसी एक को सीएम कैंडिडेट बनाने का सुझाव दिया है.
यूपी में राहुल लगाएंगे नैया पार! |
ऐसा नहीं होता है तो किसी ब्राह्मण चेहरे खासकर शीला दीक्षित को कमान सौंपी जा सकती है. उन्होंने कुछ पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को भी टिकट देने की वकालत की है. अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस जीतती है तो पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी मुख्यमंत्री बन सकते हैं. कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव की रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर ने पार्टी हाईकमान से राहुल को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट करने पर गंभीर चर्चा की है. हालांकि कांग्रेस की तरफ से अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. सवर्णों और अल्पसंख्यक वोटरों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रही है.
पीके की नजर राहुल और प्रियंका पर!
प्रशांत किशोर का ऐसा मानना है कि अगर राहुल गांधी को 2019 के चुनाव में जीत दर्ज करनी है तो पहले उन्हें यह विश्वास पैदा करना होगा कि वे पार्टी को जीत दिला सकते हैं. उत्तर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं. हालांकि इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांग्रेस चाहे जिसे भी सीएम कैंडिडेट घोषित करे, प्रदेश में जीतेगी उनकी पार्टी बसपा ही. वैसे, जब से लोकसभा चुनाव-2014 में कांग्रेस की फजीहत हुई है, कांग्रेसी प्रियंका गांधी को पार्टी के तारणहार के रूप में देख रही है. कई बार उनके समर्थन में पोस्टर भी लगाये गये हैं. लेकिन अभी तक प्रियंका यही कहती रहीं हैं कि उन्हें राजनीति नहीं करनी है.
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....तो 19 मई के बाद पत्ते खोलेगी कांग्रेस
माना जा रहा है कि फैसला दो हफ्तों में हो जाएगा, लेकिन घोषणा शायद 19 मई के बाद होगी. वजह है कि 19 मई को 5 राज्यों के नतीजों को लेकर कांग्रेस ज्यादा आश्वस्त नहीं है. इसलिए वो नतीजों के बाद नई टीम, नए चेहरे और और नई रणनीति के साथ कूदना चाहती है.
क्या पीके का प्लान बिहार जैसा ही आयेगा काम?
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दमदार प्रदर्शन का जिम्मेदारी संभाल रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम अब तक यूपी के कई जिलो में दौरा कर चुकी है. गौर हो कि यूपी में जनाधार खो चुकी कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति बना रहे प्रशांत किशोर जगह जगह जाकर लोगो के मत के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं और चुनावी समीकरण पर चर्चा भी. हालांकि मीडिया रिपोर्टस की मानें तो पीके यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को खोया जनाधार वापस दिलाने के लिए 400 करोड़ का एक भारी भरकम बजट लिया है.
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