'आंदोलनजीवी' बना 'शब्दभेदी बाण', सामने आई योगेंद्र यादव की तीखी प्रतिक्रिया!
योगेंद्र यादव की प्रतिक्रिया को देखकर लग रहा है कि इस शब्द को उन्होंने कुछ ज्यादा ही पर्सनली ले लिया है. उन्होंने कहा कि इतना डरते हैं हमसे. ऐसी बातें करना आपको शोभा नहीं देता. प्रधानमंत्री का पद बहुत बड़ा होता है, आपका मन भले ही छोटा हो. ट्विटर पर लाइव किए गए करीब 14 मिनट के इस वीडियो में योगेंद्र यादव ने पीएम मोदी को जमकर आड़े हाथों लिया.
-
Total Shares
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब देते हुए 'आंदोलनजीवी' (Andolanjivi) शब्द का इस्तेमाल किया था. ये शब्द सोशल मीडिया से लेकर टीवी डिबेट तक हर जगह छाया हुआ है. मोहल्ले के चचा टाइप लोग भी इस शब्द पर गहन चर्चा कर रहे हैं. सभी चर्चाओं-परिचर्चाओं-बहस-बातचीत का लब्बोलुआब इस पर आकर ही खत्म हो रहा है कि ये शब्द आखिर किसके लिए कहे गए थे. पीएम मोदी के भाषणों में उनके तंज, किसी बड़े परफॉर्मर के 'पंच लाइन्स' की तरह होते हैं. इसे आप टाइपराइटर के उदाहरण से भी समझ सकते हैं. टाइपराइटर पर टाइप करते वक्त कुछ भी लिखिए, लेकिन उसकी डंडियां (आयरन हैमर्स) जो अलग-अलग एंगल पर लगी होती हैं, ठीक 'केंद्र' में जाकर उसी जगह हिट करती हैं, जहां करना चाहिए. शायद ऐसा ही कुछ स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव (yogendra yadav) के साथ हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी के तंज पर योगेंद्र यादव की भौंएं तन गईं. योगेंद्र यादव की सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रिया को देखकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या पीएम मोदी का तंज योगेंद्र यादव के लिए ही था?
किसान आंदोलन से जुड़े योगेंद्र यादव की तीखी प्रतिक्रिया चर्चा में है.
पहले ये जान लेते हैं कि पीएम मोदी ने कहा क्या था. पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा था कि इन दिनों देश में एक नई जमात पैदा हो गई है और वह है आंदोलनजीवी. वकीलों का आंदोलन हो या छात्रों का आंदोलन या फिर मजदूरों का, ये हर जगह नजर आ जाते हैं. कभी परदे के पीछे, कभी परदे के आगे. यह पूरी टोली है, जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते. ये लोग आंदोलन में जाकर एक वैचारिक रुख दे देते हैं. गुमराह कर देते हैं. ऐसे लोगों को पहचानना होगा. ये उनकी ताकत है. उनका क्या है, वे खुद कोई आंदोलन खड़ा नहीं कर सकते, तो दूसरों के आंदोलन में पहुंच जाते हैं. यह सारे आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं. पीएम मोदी ने कुछ इस तरह आंदोलनजीवी की परिभाषा दी थी. मोदी का ये तंज कई लोगों को चुभा है. लेकिन, इस प्रतिक्रिया प्रमुख रूप से योगेंद्र यादव की आई है. उन्होंने पीएम मोदी पर लाइव वीडियो के जरिये निशाना साधा है.
हाँ, मैं "आन्दोलनजीवी" हूँ मोदी जी! #FarmersProtest #andolanjivi https://t.co/XtMj8fPEWV
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) February 8, 2021
योगेंद्र यादव की प्रतिक्रिया को देखकर लग रहा है कि इस शब्द को उन्होंने कुछ ज्यादा ही पर्सनली ले लिया है. उन्होंने कहा कि इतना डरते हैं हमसे. ऐसी बातें करना आपको शोभा नहीं देता. प्रधानमंत्री का पद बहुत बड़ा होता है, आपका मन भले ही छोटा हो. ट्विटर पर लाइव किए गए करीब 14 मिनट के इस वीडियो में योगेंद्र यादव ने पीएम मोदी को जमकर आड़े हाथों लिया. उन्होंने आजादी के आंदोलन से लेकर पीएम मोदी द्वारा किए गए आंदोलन भी गिनाए. योगेंद्र यादव ने आंदोलनभोगी, आंदोलनरोगी के साथ आंदोलनजीवी की अपनी परिभाषा भी बताई. उन्होंने कहा कि एक बार आंदोलन कर जीवन भर उसकी मलाई खाने वाले आंदोलनभोगी होते हैं. इसके लिए उन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन का उदाहरण दिया. आंदोलनरोगी को लेकर उन्होंने कहा कि ये सत्ताधीश लोगों का रोग होता है. ये लोग आंदोलन से डरते हैं. आंदोलनजीवी की परिभाषा देते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग बदलाव के सपने लेकर जीते हैं. आंदोलन को जीते हैं.
योगेंद्र यादव की इस तीखी प्रतिक्रिया की वजह किसानों के प्रतिनिधिमंडल में उनको जगह न मिलना बताया जा रहा है.
योगेंद्र यादव की इस तीखी प्रतिक्रिया की वजह किसानों के प्रतिनिधिमंडल में उनको जगह न मिलना बताया जा रहा है. दरअसल, किसान आंदोलन में लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभा रहे योगेंद्र यादव इस आंदोलन के 'खास चेहरों' में जगह नहीं बना पाए थे. किसानों के जिस प्रतिनिधिमंडल को केंद्र सरकार से वार्ता के लिए बुलाया गया था, उसमें योगेंद्र यादव का नाम शामिल नहीं था. माना जा रहा था कि सरकार इस डेलिगेशन में किसी राजनीतिक व्यक्ति को शामिल करना नहीं चाहती है. ऐसे में योगेंद्र यादव की यह प्रतिक्रिया सीधे तौर उनकी इस छटपटाहट को दर्शा रही है. हालांकि, उन्होंने इस डेलिगेशन में जगह नहीं मिलने पर भी किसानों से बातचीत जारी रखने की अपील की थी. 'अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना' वाली कहावत सुनी होगी. लेकिन, यहां उन्होंने अपना पैर खुद ही कुल्हाड़ी पर दे मारा है. उनकी इस प्रतिक्रिया को लोग मोदी सरकार के डेलिगेशन को लेकर किए गए फैसले से लेकर जोड़ रहे हैं.
इन सबके बीच योगेंद्र यादव का एक पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है. जिसमें वह कृषि कानूनों को लाने की वकालत कर रहे हैं. वीडियो में मौजूदा सिस्टम को खत्म करने के साथ बिचौलियों पर लगाम लगाने की बात कहते नजर आ रहे हैं. योगेंद्र यादव वीडियो में कहते है कि बिचौलिए और सरकार मिले हुए हैं. इन लोगों के कब्जे में ही पूरा का पूरा बाजार है.
Yogendra Yadav in 2018 wanted Govt to link Farmers directly to market.When Modi Govt did it, Aandolan Jeevi is opposing the same. pic.twitter.com/dyaPq4uGP8
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) February 8, 2021
आंदोलनजीवी शब्द ने 'शब्दभेदी बाण' की तरह अपना निशाना खुद ही ढूंढ लिया है. योगेंद्र यादव की इस शब्द को लेकर छटपटाहट साफ कर रही है कि उन्हें इससे बहुत धक्का लगा है. खैर, 26 जनवरी की घटना के बाद किसान आंदोलन एक बार फिर से उठ खड़ा हुआ है. मोदी सरकार के साथ किसानों की जल्द बातचीत शुरू होने के संकेत मिलने लगे हैं. हालांकि, डेलिगेशन में इस बार भी योगेंद्र यादव नहीं होंगे.
आपकी राय