बिरादरी और पुलिस का गठजोड़ फजीहत की जड़ है, योगी पर वो सब पड़ रहा भारी
योगी पर 'ठाकुरवाद' का आरोप तो उनके विरोधी लगाते ही रहते हैं - रही बात पुलिस की, तो योगी खुद ही ताल ठोक कर एनकाउंटर के लिए पुलिस की पीठ ठोकते रहते हैं. वही बातें अब भारी पड़ने लगी हैं.
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कठुआ और उन्नाव गैंग रेप को लेकर बीजेपी सरकारों की मुश्किलें थम नहीं रही हैं. कठुआ को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार, तो उन्नाव को लेकर यूपी की योगी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है. वैसे जम्मू कश्मीर सरकार में भी बीजेपी साझीदार है और उसके दो मंत्रियों को इस्तीफा भी देना पड़ा है. उन्नाव को लेकर योगी कर्नाटक कांग्रेस के निशाने पर भी हैं.
योगी सरकार में ठाकुरवाद का दबदबा और पुलिस का नेताओं के प्रभाव में काम करने के आरोपों के घेरे में तो पहले से ही था - एक थानेदार के ऑडियो ने रही सही सारी कसर पूरी कर दी है.
ठाकुरवाद?
योगी आदित्यनाथ पर ठाकुरवाद का आरोप नया नहीं है - और यूपी में बीजेपी के लिए ये एक बड़ी टेंशनवाली बात है. माना जाता है कि नाराज ब्राह्मण वोट को मैसेज देने के लिए ही बीजेपी ने गोरखपुर से शिव प्रताप शुक्ला को राज्य सभा के रास्ते मंत्री बनाया. गोरखपुर उपचुनाव में भी बीजेपी ने ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा था, जो योगी आदित्यनाथ को बिलकुल पसंद नहीं था. नतीजा क्या हुआ, सबने देखा ही. खबरें आती हैं कि यूपी की नौकरशाही भी जातीय भेदभाव से परेशान है. दलित सांसदों की बगावत में भी एक बड़ी वजह यही रही.
विपक्ष के निशाने पर योगी...
तो क्या ठाकुरवाद ही अब योगी आदित्यनाथ के गले की हड्डी बनता जा रहा है? उन्नाव की घटना में कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर जो योगी सरकार की फजीहत हो रही है, उसमें तो ठाकुरवाद की ही चर्चा सबसे ऊपर है.
खबर आई थी कि योगी के हुक्म पर पुलिस ने बहुत पहले ही कुलदीप सेंगर की गिरफ्तारी की तैयारी कर ली थी, लेकिन एक बड़े नेता के हस्तक्षेप के चलते हाथ पीछे खींचने पड़े. मालूम ये भी हुआ था कि गिरफ्तारी को लेकर कई ठाकुर विधायक लामबंद हो गये थे - और 23 तारीख को होने वाले विधान परिषद चुनाव की भी चिंता रही. उन्नाव मामले में कुलदीप सेंगर ने जातिगत समीकरणों को आखिर तक भुनाया. सेंगर को रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी करीबी बताया जाता है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में योगी आदित्यनाथ का पूरा नाम लेकर निशाना साधा है, "उन्नाव में जिस युवती के साथ जून, 2017 में कथित तौर पर बलात्कार किया गया, जिसने मुख्यमंत्री की चौखट पर गुहार लगाई और यहां तक कि आत्मदाह का प्रयास किया उसके असली दोषी कोई और नहीं बल्कि मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट उर्फ आदित्यनाथ हैं.’’
देखा जाये तो कुलदीप सेंगर आखिर तक छुट्टा घूमते रहे. सीबीआई ने भी तब जाकर गिरफ्तार किया जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्ती दिखायी. वरना, हिरासत में लेकर ही पूछताछ चल रही थी. सेंगर से पहले से गिरफ्तार उसके भाई अतुल के खिलाफ भी कई केस दर्ज हैं, रफा दफा कितने हुए उनका कोई हिसाब ही नहीं है. एक उदाहरण 2004 का मिलता है. आरोप है कि अतुल ने उन्नाव के एक पुलिस अफसर पर गोली चला दी थी - और राजनीतिक दबाव में अफसर को ही समझौता करना पड़ा.
पुलिस पर सेंगर का कितना प्रभाव था, ये तो वहां के जिलाधिकारी की बातों से ही साफ हो गया. मीडिया रिपोर्ट से मालूम हुआ कि पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे डीएम बेहद गुस्से में दिखे. पुलिसवालों पर इस बात को लेकर खूब बरसे कि वफादारी दिखाने में सभी की फजीहत करा दी. यूपी की पुलिस किस तरह काम कर रही है, ताजा नमूना एक थानेदार और एक अपराधी की बातचीत का वायरल वीडियो उछल उछल कर बता रहा है.
एनकाउंटर!
हिस्ट्रीशीटर के साथ जिस थानेदार का ऑडियो वायरल हुआ है वो झांसी के मऊरानीपुर के एसएचओ बताये जा रहे हैं. हिस्ट्रीशीटर लेखराज ब्लॉक प्रमुख रह चुका है और बातचीत से ही पता चलता है कि उसके खिलाफ 60-70 मुकदमे दर्ज हैं. हम इस ऑडियो क्लिप की पुष्टि तो नहीं करते, लेकिन जिस तरीके से यूपी पुलिस के एनकाउंटर को राजनीतिक नेतृत्व सही ठहरा रहा है, उसके हिसाब से इसका फर्जी होना भी बहुत मायने नहीं रखता. पूरी बातचीत आप यहां सुन सकते हैं -
ध्यान देने वाली बात ये है कि थानेदार कहता है कि हिस्ट्रीशीटर पर इतने अधिक मुकदमे हैं कि वो एनकाउंटर के लिए पूरी तरह फिट केस है और यूपी पुलिस के हत्थे चढ़े तो दो मिनट में सबको मार दिया जाएगा - 'पट-पट-पट.'
इस बातचीत में बीजेपी के दो स्थानीय नेताओं के नाम आ रहे हैं - संजय दूबे और राजीव सिंह परीक्षा. अफसर की सलाह है कि वो इन दोनों को किसी तरह मैनेज कर ले.
मतलब साफ है, बीजेपी नेता मैनेज हो गये तो एनकाउंटर नहीं होगा, वरना - 'पट-पट-पट.' बातचीत से ये भी साफ है कि अपराधी किस तरह सभी पार्टियों को सेट किये रहते हैं - चाहे वो समाजवादी पार्टी हो या बीएसपी. गौर करने वाली बात है कि बाकियों से नहीं अभी तो बस बीजेपी नेताओं को सेट करना पड़ेगा. ये भी अफसर की ही सलाह है.
बातचीत में अपराधी को अफसर साफ कर देता है कि अगला नंबर उसी का है. बचने की गुंजाइश खत्म हो चुकी है क्योंकि एसटीएफ उसके पीछे लगी हुई है. साथ में हिदायत ये भी कि अगर उसके साथ 20-50 आदमी नहीं हुए तो कभी भी मार दिया जाएगा क्योंकि लोकेशन ट्रेस हो चुकी है.
ऐसा भी नहीं पुलिस बिलकुल निर्दयी है. ये भी इसी बातचीत से पता चलता है. अफसर की मानें तो पुलिस लेखराज का एनकाउंटर करने गयी भी थी, लेकिन जानबूझ कर बगैर हथियार वाला एनकाउंटर किया गया - और अब तक उसके बचे होने की सिर्फ यही एक वजह है.
योगी आदित्यनाथ बीजेपी के स्टार कैंपेनर हैं. यूपी ही नहीं बल्कि देश में जहां कहीं भी चुनाव होते हैं प्रचार के लिए जरूर जाते हैं. कहीं उनकी कट्टरवादी हिंदू छवि आगे की जाती है तो कहीं उनका नाथ संप्रदाय का महंत होना प्रोजेक्ट किया जाता है.
कर्नाटक कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने एक पब्लिक मीटिंग में कह दिया था कि अगर अगली बार वो कर्नाटक आते हैं तो उन्हें सैंडल से पीटा जाना चाहिए. कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष के योगी के खिलाफ विवादित बयान के बाद बीजेपी खासी खफा है.
Dinesh Gundu Rao said Yogi Adityanath must be beaten with chappals
There were 3857 rapes in K'taka under @siddaramaiah. Going by the same logic, what Siddu must be beaten with Mr. Dinesh Gundu Rao?
Yogi is a revered saint of Natha parampare. Mind your tongue, ದಿಕ್ಕೆಟ್ಟ ಗುಲಾಮ! pic.twitter.com/J3M6BGbmaM
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) April 14, 2018
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